विराट है भारतीय कप्तान, लेकिन कहां हैं 2008 में भारत को अंडर-19 विश्व कप जिताने वाले बाकी खिलाड़ी

Published - 19 Jul 2017, 10:58 AM

खिलाड़ी

आईसीसी अंडर-19 विश्व कप 2008 भारत जीतने में कामयाब रहा था, जिसमें विराट कोहली ने अगुवाई की थी। टीम इण्डिया की इस शानदार जीत से विराट के अलावा साथ के खिलाड़ियों को भी एक नये स्टार के रुप में बना दिया। जिसके बाद से ही कुछ खिलाड़ियों ने अपने मेहनत से भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने, तो कुछ ने संघर्ष का दौर जारी रखा। ऐसे में यह जानना आपके लिए रोमांचकारी होगा कि वर्तमान समय में यह बल्लेबाज क्या कर रहे होंगे और उनकी जिन्दगी कैसे चल रही होगी?

आइये हम यहां आपको कुछ खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं। खुलासा: बुमराह ने खुद किया कबूल, आईपीएल 10 में इस दिग्गज खिलाड़ी को आउट करने के बाद किया था अभद्र भाषा का प्रयोग

न्मय श्रीवास्तव

तन्मय ने इस टूर्नामेंट में उच्च स्कोर बनाया था। उनका व्यकितगत स्कोर 262 रन था। विश्व कप के बाद वे आईपीएल के लिए अलग-अलग सीजनों में डेक्कन चार्जर्स, किंग्स इलेवन पंजाब और कोच्चि टस्कर्स जैसी टीमों से उन्होंने अपना खेेल जारी रखा था। वर्तमान में उत्तर प्रदेश की टीम से खेल रहे हैं औऱ अपने शानदार खेल से अपनी टीम को जीताने का प्रयास कर रहे हैं।

तरुवर कोहली

दांए हाथ की इस बल्लेबाज ने तीन शतक के साथ 218 रन जोड़े थे, पर उसके बाद अपनी शानदार फॉर्म नहीं जारी रख सके औऱ टीम इण्डिया में कभी भी सेलेक्शन नहीं पा सके। अाजकल वह पंजाब की तरफ से खेलते हुए दिखाई देते है, इसके अलावा वह आपीएल में भी पंजाब की तरफ से खेलते हैं।

सौरभ तिवारी

भारत के लिए मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए वह अच्छे फिनिशर के रूप में खेल रहे थे। उन्होने मुंबई इंडियन्स की टीम की तरफ से खेलते हुए कई यादगार मैच खेले, पर अपनी खराब फॉर्म के चलते सौरव तिवारी भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर सके और सिर्फ आपीएल तक ही सिमट गये।

मनीष पाण्डेय

मनीष पाण्डेय भी मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए कई यादगार पारियां खेली थी। वे कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेल कर अपना दाँवा भारतीय टीम के लिए पेश किये। उनको छोटे फॉर्मेट का एक बडे खिलाड़ी के रुप में देखा जाता है। हांलाकि अभी मनीष पाण्डेय भारतीय टीम से बाहर चल रहें है, इसके अलावा कर्नाटक की टीम से उन्होने अपना खेल जारी रखा।लम्बे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे इस खिलाड़ी ने माना नहीं हो सकती अब टीम में मेरी वापसी

श्रीवत्स गोस्वामी

बतौर विकेट कीपर और मुख्य बल्लेबाज की भूमिका निभाते हुए श्रीवत्स गोस्वामी ने भारत को विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई। वे आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स औऱ राजस्थान रॉयल की तरफ से खेलते हुए कई यादगार पारियां खेली थी और अपना नाम कमाया था। हालाँकि भारतीय सीनियर टीम में जगह बनाने में नाकामयाब ही रहे.

प्रदीप सांगवान

बाएं हाथ के मध्यम गति गेंदबाज अपने खेल से विपक्षी टीम को हमेशा से अचंभित में डाला है। पर वह कभी टीम इण्डिया में सेलेक्शन के लिए चयनकर्ता की पसंद नहीं रहे। वह आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स, गुजरात लायंस और कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेलते हुए अपने खेल का कौशल दिखाया।

अजितेश अर्गल

टूर्नाेमेट के फाइनल में महज 7 रन देकर पांच विकेट लिए और उस पारी को यादगार बना दिया। उन्हें लम्बी रेस का घोड़ा माना जाता था पर उन्होने बाद में निराश किया और टीम इण्डिया में कभी भी नहीं सेलेक्शन पा सके। वर्तमान में वह बड़ौदा के लिए खेलते हैं।

रविन्द्र जडेजा

रविन्द्र जडेजा ने अपना कैरियर संघर्ष पूर्ण तरीके से शुरू किया था पर वह मुख्य स्पिन की भूमिका में दिखायी दिये। 2012 में वह भारत की तरफ से पहला टेस्ट मैच खेला था और उनका कैरियर अभी एक शानदार फॉर्म में चल रहा है। अपनी मैदान में चुस्ती के कारण उन्हें ‘सर जडेजा' की उपाधि दी गयी है।रवि शास्त्री को मिलेगा अनिल कुंबले से 2 करोड़ कम वेतन, जाने क्या होगी शास्त्री की कोच पद के रूप में वेतन

विराट कोहली (कप्तान)

विराट कोहली किसी परिचय के मोहताज नहीं। उनके आक्रमकता और शानदार बल्लेबाजी से फैंसो के बीच उऩ्हें एक अलग दर्जा दिला दिया।2009 में वह सीनियर भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुए। वह सभी फॉर्मेट में अपनी खेल का कौशल दिखाय और कई बार अपनी टीम को मुसीबतों से बाहर निकाला। वर्तमान में वे भारतीय कप्तान हैं और विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैें।विराट कोहली को उनकी पिछली नाकामयाबियाँ गिनाना इस कमेंटेटर को पड़ा महँगा, विराट ने कह दी ये बड़ी बात

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