माता या पिता नहीं, बल्कि सिर्फ इस शख्स के कारण 'स्विंग के सुल्तान' बन सके भुवनेश्वर कुमार, स्वयं किया खुलासा

Published - 08 Jun 2018, 08:15 AM

खिलाड़ी

मौजूदा समय में स्विंग के जादूगर कहे जाने वाले तेज़ गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार टीम इंडिया की गेंदबाजी डिपार्टमेंट की शान हैं. जब भी टीम मुश्किलों में होती हैं और यह गेंदबाज मौजूद होता है तो कप्तान बिना समय गंवाए इन्हें याद करता है. यही चीज आईपीएल में भी देखने को मिलती है. कम समय में जिस लगन, समर्पण, विश्वास, और मेहनत के बलबूते इस खिलाड़ी ने यह मुकाम हासिल किया उसे देखते ही बनता है. मेरठ में जन्मे इस खिलाड़ी ने अपनी प्रतिभा की वजह से क्रिकेटप्रेमियों को अपना मुरीद बना दिया. विविधता के साथ-साथ निरंतरता के मामले में भी भुवी का कोई सानी नहीं है.

आज भुवी मनचाही मुकाम पर हैं लेकिन इसके पीछे जिस शख्स का हाथ है उसे यह खिलाड़ी याद करना कभी नहीं भूलता. भुवी कई दफा सार्वजनिक मंचों से अपनी कामयाबी के पीछे वाले शख्स के नाम का जिक्र कर चुके हैं. दरअसल, भुवी जिसका बार बार जिक्र करते हैं वो और कोई नहीं बल्कि उनकी बड़ी बहन रेखा है.

रेखा ही भुवी को भामाशाह पार्क में एडमिशन दिलाने ले गई. रोज भुवी को लेने आती तो छोडऩे भी जाती. भुवनेश्वर के क्रिकेट से प्यार को रेखा ने बचपन में ही समझ लिया था. भुवनेश्वर के लिए क्रिकेट का सामान लाना हो या फिर बॉलिंग के लिए जरूरी स्पाइक्स शूज लाने हो रेखा कभी पीछे नहीं रही. इतना ही नहीं ये रेखा ही थी, जिन्होंने भुवी की पढ़ाई को भी रखा और समय पर उन्हें घर में पढ़ाया भी. आज भुवनेश्वर भी अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी बड़ी बहन को ही देते हैं और जब भी मेरठ होते हैं तो दिल्ली में अपनी बहन के यहां जाना नहीं भूलते.

इस बात को जिक्र भुवी ने एक चैट शो में फिर किया है. दरअसल, टीम इंडिया का यह गेंदबाज गौरव कपूर के चैट शो ब्रेक फ़ास्ट विद चैंपियन में पहुंचा था. जहां भुवी ने कहा कि "मैं जो भी बना हूं उसके पीछे मेरी दीदी का बड़ा हाथ है. उन्होंने मुझे बचपन से ही बहुत सपोर्ट किया. मेरे लिए बचपन में भामाशाह पार्क अकेले जाना मुमकिन नहीं था. ऐसे में मेरी बहन ही मुझे रोज छोडऩे और लेने जाती थी."

उन्होंने अपने स्कूल के दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि 'क्रिकेट में मेरा इंटरेस्ट देख घर वालों ने उम्मीद छोड़ दी थी कि ये 10वीं भी पास कर पायेगा. मैं उस वक़्त अंडर 15 खेल रहा था. जब मैं खेल कर घर लौटा तो एग्जाम में सिर्फ महीने भर बचे थे. सबको लगता था मैं फेल हो जाऊंगा. लेकिन तीन ट्यूशन लेकर मैनें दिन रात एक कर मेहनत की. जब रिजल्ट आया तो मेरे 60 % थे. फिर दीदी ने गली में मिठाइयां भी बांटी थी.'

भुवी की मम्मी ने उनसे यह भी पूछा कि क्या तुमने चीटिंग की? भुवी ने बताया कि कम नंबर आने पर दीदी डांटती थी। हालांकि भुवी की सफलता के पीछे हिमेश के गाने झलक दिखला जा का भी रोल रहा। जिसका जिक्र उन्होंने खुद किया.

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