'नो शेक हैंड' के क्या हैं नियम? कितनी भयंकर मिलती इसकी सजा, विस्तार से जानें इस पर ICC के रूल्स
Published - 15 Sep 2025, 06:08 PM | Updated - 15 Sep 2025, 06:13 PM

ICC: क्रिकेट में मैच के बाद हाथ मिलाना खेल भावना और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। लेकिन कई बार सवाल उठता है कि अगर कोई खिलाड़ी या टीम हाथ मिलाने से इंकार कर दे तो क्या होगा। आईसीसी (ICC) के नियमों के अनुसार ऐसा करना ‘अनुचित आचरण’ या ‘खेल की मर्यादा तोड़ना’ माना जा सकता है। इसके लिए खिलाड़ी को चेतावनी से लेकर जुर्माने तक की सजा मिल सकती है। आइए जानते हैं विस्तार से कि इस नियम में क्या कहा गया है।
हाथ मिलाने की परंपरा का महत्व
क्रिकेट को हमेशा ‘जेंटलमैन्स गेम’ कहा गया है और इसी भावना को बनाए रखने के लिए मैच खत्म होने के बाद खिलाड़ियों के बीच हाथ मिलाना एक परंपरा बन चुकी है। यह न सिर्फ विरोधी टीम के प्रति सम्मान दिखाने का तरीका है बल्कि खेल भावना का भी प्रतीक माना जाता है।
दर्शक भी इसे खेल का अहम हिस्सा समझते हैं। जब भी कोई टीम या खिलाड़ी इस परंपरा को निभाने से चूकता है, तब विवाद खड़े हो जाते हैं और लोग सवाल उठाने लगते हैं कि क्या यह आईसीसी के नियमों का उल्लंघन है।
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान एशिया कप 2025 से बाहर, इस तरह अब सुपर-4 में भी नहीं कर पाएगी क्वालीफाई
ICC के नियम और सजा का प्रावधान
आईसीसी (ICC) के कोड ऑफ कंडक्ट में कई तरह की धाराएं हैं, जो खिलाड़ियों के अनुशासन और खेल भावना को बनाए रखने के लिए बनाई गई हैं। अगर कोई खिलाड़ी जानबूझकर ऐसा व्यवहार करता है, जिससे खेल की छवि खराब हो, तो उस पर जुर्माना या सस्पेंशन तक हो सकता है।
उदाहरण के लिए गाली-गलौज, अम्पायर से बदसलूकी या विरोधी टीम के साथ दुर्व्यवहार पर कार्रवाई की जाती है। ऐसे में आम धारणा यही बनती है कि हाथ न मिलाने पर भी खिलाड़ी को बड़ी सजा मिल सकती है। यही वजह है कि इस विषय पर अक्सर भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
हालांकि, आईसीसी (ICC) नियम में यह भी है कि अगर कोई खिलाड़ी जानबूझकर हाथ नहीं मिलाता है, तो इसे खेल भावना के विरुद्ध माना जा सकता है और यह ICC की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.1.8 के तहत लेवल-1 या लेवल-2 का अपराध हो सकता है। इसकी सजा चेतावनी, मैच फीस का 100% तक का जुर्माना, या 24 महीनों में चार या अधिक डिमेरिट अंक मिलने पर मैच बैन हो सकता है।
परंपरा है, नियम नहीं
हालांकि, आईसीसी (ICC) के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो टीमों को मैच के बाद हाथ मिलाने के लिए बाध्य करे। यह केवल एक परंपरा और खेल भावना का हिस्सा है, जिसे निभाना खिलाड़ियों की नैतिक जिम्मेदारी मानी जाती है। इसलिए अगर कोई टीम या खिलाड़ी हाथ मिलाने से इंकार करता है, तो उस पर सीधे तौर पर आईसीसी (ICC) की ओर से कोई सजा नहीं दी जाती।
हालांकि, उसके इस रवैये से खेल भावना पर सवाल जरूर खड़े हो सकते हैं, लेकिन तकनीकी रूप से यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में नहीं आता। यही कारण है कि ऐसे मामलों में आईसीसी (ICC) द्वारा किसी तरह की कार्रवाई की संभावना नहीं होती। यह साफ कर देता है कि हाथ मिलाना कानून नहीं बल्कि सिर्फ खेल भावना का प्रतीक है।
कप्तान सूर्या का स्पष्ट जवाब
दरअसल, नो शेकहैंड का यह मसला एशिया कप 2025 के भारत-पाकिस्तान मुकाबले के बाद उठा, जब मैच समाप्त होने के बाद टीम इंडिया के कप्तान सूर्यकुमार यादव और शिवम दूबे फिल्ड में किसी से मिले बिना सीधे अपने ड्रेसिंग रूम को चल दिए।
इस पर पाकिस्तानी टीम को ओर से कहा गया कि उनके खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ इंतजार करते रहे कि भारतीय खिलाड़ी आएंगे और हाथ मिलाएंगे लेकिन पूरी टीम ड्रेसिंग रूम में चली गई और दरवाजे बंद कर दिए गए। यहीं नहीं मैच की शुरुआत में टॉस के समय भी सूर्यकुमार यादव और सलमान अली आगा के बीच हैंडशेक नहीं हुआ था।
इस पूरे मसले पर सूर्यकुमार यादव ने साफ किया कि उनकी टीम मैदान पर खेलने आई थी और उन्होंने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। सूर्या ने यहां तक कहा कि जीवन में कुछ चीजें हैं जो खेल भावना से ऊपर होती हैं।
Tagged:
team india icc cricket India pakistan T20I