भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व टेस्ट बल्लेबाज वसीम जाफर (Wasim Jaffer) लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं. इस बार वो अपने किसी अतरंगी पोस्ट के लिए नहीं बल्कि नई जिम्मेदारी के चलते सुर्खियों में है. हाल ही में उन्हें एक नया पद सौंपा गया है. जो पूर्व क्रिकेटर के साथ ही उनके फैंस के लिए भी बेहद खुशखबरी की बात है. क्या है पूरी खबर, जानिए इस खास रिपोर्ट के जरिए...
पूर्व क्रिकेटर को बनाया गया ओडिशा टीम का मुख्य कोच
दरअसल टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर को आगामी घरेलू सत्र के लिए बुद्धवार को ओडिशा की सीनियर टीम का मुख्य कोच बनाया गया है. इस बारे में खुद ओडिशा क्रिकेट संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुब्रत बहेड़ा ने बताया है. इस बारे में पीटीआई से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि,, ‘वो टीम के मुख्य कोच होंगे. उनसे दो साल का करार किया गया है. सभी आयु ग्रुप के क्रिकेट विकास के अलावा वह राज्य में कोचों के विकास कार्यक्रम का भी हिस्सा होंगे.’
ये निर्णय हाल ही में संघ की क्रिकेट सलाहकार समिति की मीटिंग के बाद किया गया है. ऐसे में वसीम जाफर (Wasim Jaffer) अब राज्य के पूर्व कप्तान रश्मि रंजन परीदा की जगह लेंगे जो दो सत्र तक टीम के साथ जुड़े थे. रणजी ट्रॉफी में रनों की बरसात करने वाले पूर्व क्रिकेटर के लिए ये दूसरा ऐसा मौका है, जब वो उन्हें राज्य टीम के मुख्य कोच की जिम्मेदारी दी जा रही है. मार्च 2020 में संन्यास की घोषणा करने वाले इस पूर्व क्रिकेटर ने उत्तराखंड को कोचिंग दी थी.
उत्तराखंड टीम के भी कोच रह चुके हैं पूर्व क्रिकेटर
हालांकि कुछ महीने पहले संघ के साथ हुए विवाद के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उस दौरान उत्तराखंड क्रिकेट ने उन पर मजहबी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप थोपे थे. इस तरह की खबरें सामने आई थीं कि, वो टीम के कैंप में मौलवियों को लाया करते थे. फिलहाल उन्होंने इन सभी आरोपों को दरकिनार करते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया था. जिसे लेकर काफी बहस भी हुई थी. इस मामले में उत्तराखंड सरकार ने जांच के आदेश जारी किए थे. लेकिन, इस मामले में अभी तक कोई जांच नहीं हुई है.
बात करें वसीम जाफर (Wasim Jaffer) के क्रिकेट करियर की तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए 31 टेस्ट और दो वनडे मैच खेले हैं. इस समय वो आईपीएल टीम पंजाब किंग्स के कोच भी हैं. एक दौर में वो घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए खेला करते थे. इसके बाद वो विदर्भ की तरफ से खेलने लगे थे. मुंबई और विदर्भ दोनों ही टीम के लिए वो रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने में कामयाब रहे हैं. टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय टीम के लिए 34.10 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 1944 रन बनाए है.
घरेलू क्रिकेट में 19 हजार रन बनाकर मचाया था बवाल
260 फर्स्ट क्लास मैच में प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 50.67 की औसत से 19410 रन बनाए हैं. जो उनका करियर की बड़ी उपलब्धि रही है. इस पारी में उनके बल्ले से 57 शतक और 91 अर्धशतक निकले हैं. वहीं 118 लिस्ट ए मैचों में खेलते हुए उन्होंने 44.08 की औसत से 4849 रन बनाए हैं. ओडिशा घरेलू क्रिकेट की कमजोर टीमों की सूची में आती है. शायद यही कारण भी रहा है कि, टीम एक भी रणजी ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर सकी है. इस टूर्नामेंट के बीते सीजन में टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी. उस दौरान बंगाल ने उसे शिकस्त दी थी.
ओडिशा की सबसे बड़ी कमजोरी बल्लेबाजी है. ये समस्या काफी लंबे वक्त से चली आ रही है, जहां टीम मार खा जाती है. ऐसे में ओडिशा के नए कोच नियुक्त किए गए वसीम जाफर (Wasim Jaffer) से कई सारी उम्मीदें की जा सकती है. ओडिशा टीम का कैंप 25 जुलाई से होगा. लेकिन इसके लिए अभी राज्य सरकार से परमिशन मिलनी बाकी है.