पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान वसीम अकरम (Wasim Akram) एक बयान के चलते अचानक से चर्चाओं में आ गए हैं. एक दौर में अपनी टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन कर छाए रहने वाले पूर्व क्रिकेटर ने आखिर कोच पद को लेकर अजीब बयान क्यों दिया है. इसके बारे में हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में बताएंगे. आखिर इस जिम्मेदारी से वो क्यों भाग रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने खुद स्पष्ट किया है.
मैं बेवकूफ नहीं, जो टीम का कोच बनूंगा
पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के पूर्व कप्तान का मानना है कि, वो कोच (Coach) की जिम्मेदारी को संभालने के लिए फिट नहीं हैं. इसके लेकर उन्होंने अपनी सभी उलझनों को स्पष्ट कर दिया है. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कोच न बनने की मुख्य वजह के बारे में खुलासा किया. वसीम अकरम (Wasim Akram) ने कहा कि,
देश में क्रिकेट फैंस और कोच के प्रति लोगों का रवैया बेहद खराब है. जब भी टीम खराब प्रदर्शन करती है, इसका ठीकरा लोग कोच के सिर पर फोड़ देते हैं. वो केवल फैंस ही नहीं, बल्कि कुछ दिग्गज खिलाड़ियों के व्यवहार से भी प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा मैं बेवकूफ नहीं हूं. मैं सोशल मीडिया पर आए दिन देखता हूं कि कुछ खिलाड़ी कैसे कोच और अपने सीनियर प्लेयर्स से गलत व्यवहार करते हैं.
लोगों का बुरा व्यवहार बर्दाश्त नहीं
आगे इस सिलसिले में बात करते हुए वसीम अकरम (Wasim Akram) ने कहा कि,
"मैच में खेल की भूमिका कोच नहीं बल्कि क्रिकेटर निभाते हैं. एक कोच का काम केवल रणनीति तैयार करना होता है. ऐसे में टीम को शिकस्त का सामना करना पड़ता है, तो इसकी पूरी गलती उसकी (कोच) नहीं होती है. इस मामले में मैं तो कोच के खिलाफ खराब बातें बर्दाश्त नहीं कर सकता.
मैं इसी बात से डरता हूं. मैं लोगों को प्यार करता हूं और उनके उत्साह और खेल के प्रति जुनून को दिल से पसंद करता हूं. लेकिन, सोशल मीडिया पर दिखाए गए उनके दुर्व्यवहार के बिना. यह दिखाता है कि हम क्या हैं".
मदद मांगने पर मैने हमेशा खिलाड़ी का साथ दिया है
आगे अपनी बात को बढ़ाते हुए वसीम अकरम (Wasim Akram) ने कहा कि,
'मैं हमेशा से ही खिलाड़ियों की मदद करता रहा हूं. वो चाहे पाकिस्तान सुपर लीग की बात हो या फिर आईसीसी टूर्नामेंट. इस दौरान जब किसी क्रिकेटर ने मुझसे कोई मदद चाही है मैं उसके साथ खड़ा हुआ हूं.'
फिलहाल पूर्व कप्तान की ओर से आया ये बयान उन ट्रोलर्स पर करारा वार है, जो अक्सर कोच को आडे हाथ लेने से बाज नहीं आते.