सौरव गांगुली ने कहा सहवाग को मुर्ख तो सहवाग ने दिया सौरव गाँगुली को ये जवाब

Published - 17 Sep 2017, 08:26 AM

खिलाड़ी

सहवाग और सौरव गांगली के बीच मतभेद की ख़बरें सुर्खियाँ ले रही हैं. इसी बीच सौरव गांगुली ने ट्वीट कर कहा है, कि मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. मैंने ऐसा कोई बयान ही नही दिया है. आप को बता दें मीडिया में इस तरह की ख़बरें आई थी कि सौरव गांगुली ने वीरेंदर सहवाग की बातों को मूर्खतापूर्ण बताया है.

गौरतलब है कि विस्फोटक बल्लेबाज सहवाग ने कोच पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनका चयन नही हुआ था, जिसके बाद अभी कुछ दिनों पहले सहवाग ने कहा था कि बीसीसीआई में मेरी कोई सेटिंग न होने के कारण मुझे कोच पद नही दिया गया.

गांगुली की सफाई, सहवाग ,मेरे प्रिय-

बीसीसीआई में ‘सेटिंग’ ना होने की वजह से वह भारतीय टीम के कोच नहीं बन पाए. इसके बाद हर जगह ये खबर आई कि गांगुली ने सहवाग के इस बयान को मूर्खतापूर्ण बताया है.

हालांकि गांगुली ने इससे साफ इनकार किया है. ट्विटर के जरिए गांगुली ने ये जानकारी दी. उन्होंने लिखा, “सहवाग को लेकर मेरा बयान पूरी तरह से झूठा है, सही बयान ये है कि सहवाग मेरे बहुत प्रिय हैं और मैं जल्द ही उनसे बात करूंगा."

गांगुली ने बंगाली में कहा,बोकर मोटन बोलेचे-

प्रसिद्द अखबार मिड-डे में छपी खबर के मुताबिक़, जबी गांगुली से पूछा गया कि वीरेंदर सहवाग ने कहा है कि मेरी बीसीसीआई में कोई सेटिंग नही है इस वजह से मेरा कोच पद के लिए चयन नही हुआ तो गांगुली ने बंगाली भाषा में कहा कि "बोकर मोतन बोल्चे" यानी सहवाग मूर्खतापूर्ण बात कर रहा है.

कोच का चयन गांगुली की कमिटी द्वारा हुआ था-

टीम इंडिया के कोच का चयन करने वाली तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति में गांगुली भी शामिल थे. ऐसे में सहवाग के ‘सेटिंग’ वाले बयान के बाद इस समिति पर सवाल उठने लगे.

सहवाग ने कल इंटरव्यू में कहा था कि बीसीसीआई में शामिल अधिकारियों की मदद नहीं मिलने के कारण वह मुख्य कोच बनने से चूक गए और दोबारा इस पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे. उन्होंने बोर्ड अधिकारियों के एक समूह पर भी पद के लिए आवेदन करने के दौरान गुमराह करने का आरोप लगाया था.

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