शानदार बल्लेबाजी रिकॉर्ड होने के बावजूद भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) को नियमित कप्तान बनने का मौका नहीं मिल सका। उन्होंने टीम इंडिया की अगुवाई तो कि लेकिन बतौर कार्यवाहक कप्तान। अपने 14 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में वह कप्तान बनने के लिए तरसते रहें, मगर उन्हें कभी भी ये अवसर नहीं मिला। वहीं, क्रिकेट से संन्यास लेने के कई सालों बाद उन्होंने इस मुद्दों को लेकर हैरान कर देने वाला बयान दिया है। साथ ही उन्होंने कप्तान का पद हासिल नहीं कर पाने का अपना दुख भी जाहिर किया है।
मुझे कहा था कि मैं कप्तान बनूंगा: Virender Sehwag
दरअसल, पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने खुलासा किया है कि साल 2005 में भारतीय टीम के कोच बनने के बाद ग्रेग चैपल ने बयान दिया था कि तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली के बाद टीम की भागदौड़ सहवाग के हाथों में सौंप दी जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और राहुल द्रविड़ को कैप्टन बना दिया गया। क्रिकेट को अलविदा कह देने के कई सालों बाद पूर्व खिलाड़ी (Virender Sehwag) ने न्यूज़18 चौपल नामक एक चैनल पर बताया,
"जब ग्रेग चैपल टीम इंडिया के कोच बने तो उन्होंने सबसे पहला अपना बयान ये दिया कि सहवाग टीम इंडिया का अगला कप्तान बनेगा। लेकिन पता नहीं 2 महीने में ऐसा क्या हो गया कि मैं टीम से बाहर हो गया, कप्तान बनना तो दूर की बात है।"
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Virender Sehwag ने विदेशी कोच बनाए जाने पर उठाए सवाल
वीरेंद्र (Virender Sehwag) ने आगे बताया कि उन्होंने एक विदेशी को टीम का कोच बनाए जाने पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने अपने सीनियर्स से पूछा था कि क्या किसी विदेशी को कोच बनाना जरूरी है? पूर्व खिलाड़ी (Virender Sehwag) ने कहा,
"मुझे हमेशा से लगता है कि हमारे पास भारत में बेहतरीन कोच हैं जो टीम इंडियन को मैनेज कर सकते हैं। हमें किसी भी विदेशी कोच की जरूरत नहीं है। लेकिन जब मैं क्रिकेट खेल रहा था तब मैंने अपनी सीनियर्स से पूछा कि 'हमें जॉन राइट के बाद हमें एक और विदेशी कोच की जरूरत क्यों है?'
तो उन्होंने जवाब दिया कि
भारतीय कोच कई बार खिलाड़ियों के प्रति पक्षपाती हो जाते हैं। कुछ खिलाड़ी उनकी पसंदीदा बन जाते हैं। जिसकी वजह से जो खिलाड़ी खेल नहीं रहा होता है वह उसको भी मौका देते हैं। लेकिन जब कोई विदेशी कोच बनता है तो वो एक अलग नजरिए से चीजों को देखता है।"
टीम इंडिया को कोचिंग की जरूरत नहीं है: Virender Sehwag
सहवाग का मानना है कि टीम इंडिया को किसी भी तरह की कोचिंग जरूरत नहीं है। हालांकि, उन्हें एक ऐसा मैनेजर चाहिए जो खिलाड़ियों के साथ अच्छा रिश्ता कायम रख सके। क्रिकेट जगत में वीरू के नाम से प्रसिद्ध इस खिलाड़ी ने खुलासा किया,
"ईमानदारी से कहूं तो इसकी संभावना नहीं है। क्योंकि एक विदेशी कोच भी तेंदुलकर या द्रविड़ या गांगुली या लक्ष्मण के बीच चयन करने के लिए दबाव महसूस कर सकता है। इसलिए मुझे लगता है कि टीम इंडिया को कोचिंग की कोई जरूरत नहीं है।
उन्हें सिर्फ एक मैनेजर की आवश्यकता है जो खिलाड़ियों के साथ एक अच्छा रिश्ता कायम कर सके और उनसे दोस्ती बनाए रखे। एक कोच को पता होना चाहिए कि किस खिलाड़ी को कितने अभ्यास की जरूरत है और इस मामले में गैरी क्रिस्टेन की सोच अच्छी है। वह मुझसे सिर्फ 50 गेंदें, द्रविड़ 200, सचिन 200 और इसी तरह से खेलते थे। उसके बाद, वह हमें ब्रेक देते थे।"
Virender Sehwag कर चुके हैं टीम इंडिया की कप्तानी!
गौरतलब यह है कि ग्रेग चैपल के कोच बन जाने के कुछ समय बाद ही सौरव गांगुली को कप्तानी के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। खबरें हैं कि उनके कप्तानी छोड़ने की वजह दोनों के बीच आपसी मनमुटाव था। ग्रेग और दादा के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी। जिसके चलते उन्होंने कैप्टन्सी छोड़ दी। उनके बाद टीम की भागदौड़ राहुल द्रविड़ के हाथों में आ गई थी।
इसी के साथ बता दें कि 2003 से लेकर 2012 तक के बूच में सहवाग ने 12 मुकाबलों में टीम इंडिया की कप्तानी की है। लेकिन एक नियमित कप्तान के रूप में नहीं बल्कि एक कार्यवाहक कप्तान के रूप में। इसके अलावा वह 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऐतिहासिक पहले टी20ई मैच में टीम के कप्तान थे।