भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag Brithday) 20 अक्टूबर को अपना 43वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. आज के दौर में सोशल मीडिया पर अपने मजाकिया ट्वीट और मीम्स साझा करने चर्चाओं में बने रहने वाले पूर्व क्रिकेटर का जन्मदिन है. साल 2004 में उन्होंने पाकिस्तान के मुल्तान में बल्ले से जो कोहराम मचाया था वो आज भी पूरी दुनिया को याद है. उस दौर में उनका नाम ही काफी होता था. वीरेंद्र के जन्मदिन के खास मौके पर हम इसी बारे में चर्चा करने जा रहे हैं.
अपने दौर में गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ा खतरा थे टीम इंडिया का ये बल्लेबाज
साल 2004 में टीम इंडिया के इस पूर्व क्रिकेटर ने मुल्तान में टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ दिया था और वो ऐसा करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे. पाकिस्तान के मुल्तान का सुल्तान बनने वाले वह पहले पूर्व भारतीय बल्लेबाज रहे. 20 अक्टूबर 1978 में उनका जन्म दिल्ली में हुआ था. दाएं हाथ के इस बल्लेाज ने अपने क्रिकेट करियर में 104 टेस्ट मैच खेले हैं. जिसमें भारत के लिए उन्होंने 49.3 की औसत से 8 हजार 586 रन बनाए हैं.
251 वनडे मैच में 35 की औसत बल्लेबाजी करते हुए वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने 8 हजार 273 रन जड़े हैं. लेकिन, अपने क्रिकेट करियर में इस उपलब्धि को हासिल करना उनके लिए इतना आसान नहीं था. एक वक्त उनकी जिंदगी में ऐसा भी आया था जब उनके क्रिकेट खेलने पर परिवार ने बैन लगा दिया था. इसके बावजूद मां की मदद से उन्होंने अपना बल्ला उठाया और फिर जो कारनामा उन्होंने किया उसका लोहा पूरी दुनिया ने माना.
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12 साल की उम्र में क्रिकेट पर लग गया था बैन
दरअसल 12 साल की उम्र में पूर्व क्रिकेटर का दांत टूट गया था और फिर इसके बाद उनके पिता ने उनके क्रिकेट खेलने पर बैन लगाने की सजा सुना दी थी. साल 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे क्रिकेट में डेब्यू करते हुए उनके बल्ले से सिर्फ 1 रन निकला था. इसके बाद गेंदबाजी करते हुए 3 ओवर में उन्होंने 35 रन भी लुटाए थे. खराब पदार्पण के बाद उन्हें टीम से बाहर भी होना पड़ा था. पूरे सालभर बाद उनकी टीम में वापसी हुई थी.
वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने अपने क्रिकेट करियर के चौथे मैच में वो जलवा बिखरा जिसकी उम्मीद की जा रही थी. उस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 58 रन की शानदार पारी खेलते हुए 3 विकेट भी झटके थे. उनका टेस्ट डेब्यू बेहद शानदार रहा. साल 2001 में उन्होंने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 105 रन ठोक डाले थे. सचिन के साथ मिलकर उन्होंने 220 रन की शानदार पार्टनरशिप की थी.
अपने आपको ऐसे किया था ओपनर के तौर पर स्थापित
वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) और सचिन की बेहतरीन साझेदारी के बाद भी टीम इंडिया ने यह मैच गंवा दिया था. अपने छठे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के इस पूर्व क्रिकेटर ने डेब्यू किया और पहले दो टेस्ट मैचों में ही 84 और 106 रनों की पारी खेल खुद को ओपनर के तौर पर टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में सेट कर दिया था.