भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर व मौजूदा कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) दोनों ही रिकॉर्ड्स के बेताज बादशाह हैं। सचिन ने अपने दौर में खुद को स्थापित किया और विराट भी आज के दौर में तीनों फॉर्मेट्स के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। अक्सर इन दो दिग्गजों की तुलना भी होती है, मगर अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने इन दोनों के बीच के सबसे बड़े अंतर को बताया है।
वेंकटेश प्रसाद ने बताया बड़ा अंतर
इस बात से हर कोई वाकिफ है कि कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) बहुत ही आक्रामक हैं। उनका रवैया मैदान पर डोमिनेटिंग होता है। वहीं सचिन तेंदुलकर सरल स्वभाव के रहे और मैदान पर सिर्फ उनका बल्ला ही बोलता नजर आया करता था। अब द ग्रेड क्रिकेटर पोडकास्ट पर बातचीत करते हुए वेंकटेश प्रसाद ने कहा,
"ईमानदारी से कहूं तो दोनों ही शानदार व्यक्ति हैं। एक तरफ सचिन तेंदुलकर बेहद सौम्य हैं जबकि विराट कोहली (Virat Kohli) बहुत आक्रामक, लेकिन उनका रवैया नहीं है। यह आक्रमकता केवल मैदान तक सीमित है क्योंकि वो हर मैच जीतना चाहते हैं और प्रत्येक मैच में प्रदर्शन करना चाहते हैं।"
Virat Kohli को खुद को अभिव्यक्त करना है पसंद
वेंकटेश प्रसाद का कहना है कि सचिन तेंदुलकर का स्वभाव हमेशा एक जैसा ही दिखता है। वह शतक लगाने पर भी ज्यादा अभिव्यक्त नहीं करते और बिना खाता खोले आउट हो फिर भी वह शांत ही रहते हैं। वहीं दूसरी तरफ विराट कोहली(Virat Kohli) हैं, जिन्हें लगभग हर गेंद पर ही खुद को अभिव्यक्त करना अच्छा लगता है। पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा,
"सचिन तेंदुलकर भी ऐसा ही था। वो प्रत्येक मैच जीतना चाहता था। आपने सचिन की तरफ से ज्यादा भावनाएं नहीं देखी होंगी। हमने भी नहीं देखी। वो शतक मारकर आए या बिना खाता खोले आउट हो जाए। जब उसकी गेंदों पर प्रहार हो तो भी उसने भावनाएं नहीं दिखाई। वहीं विराट कोहली ऐसे हैं, जिन्हें अपने आप को अभिव्यक्त करना अच्छा लगता है।"