विश्व क्रिकेट की सबसे हाईवॉल्टेज और लोकप्रिय टी-20 क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग में अब अगले सीजन के लिए शुरूआती तैयारियां शुरू हो गई हैं। इंडियन प्रीमियर लीग यानि आईपीएल का 2018 में होने वाले 11वां सीजन धमाकेदार रहने की पूरी संभावना है, जिसमें एक बार फिर से नए सिरे से नीलामी प्रक्रिया होगी। वैसे सभी खिलाड़ियों को नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेना होगा, लेकिन कुछ फ्रेंचाइजी इसके फेवर में नहीं है।
विराट और रोहित आईपीएल में खेल सकते हैं अपनी-अपनी फ्रेंचाइजी के लिए
ऐसे में इन फ्रेंचाइजी ने आईपीएल गवर्निंग काउंसिल से खिलाड़ियों को रिटेन करने की मांग की थी जिसे स्वीकार कर खिलाड़ियों को रिटेन करने की थ्योरी अपनायी जाएगी। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की ओर से तीन खिलाड़ियों को रिटेन करने के आए बड़े फैसले के बाद भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा के प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर आयी है, कि ये दोनों खिलाड़ी अपनी फ्रेचाइजी आरसीबी और मुंबई इंडियंस के लिए ही खेलते नजर आ सकते है।
रॉयल्स और सीएके को मिलेगा 'वरीयता का अधिकार'
खबरों की माने तो टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई के एक अधिकारी ने जानकारी दी है, कि
"आईपीएल में रिटेंशन पॉलिसी सभी आठों फ्रेंचाइजी के लिए जारी रह सकती है। वहीं स्पॉट फिक्सिंग मामले में दो साल का प्रतिबंध पूरा कर वापस लौट रही राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के पास भी अपने संबंधित खिलाड़ियों के लिए वरीयता का अधिकार होगा। हालांकि इन सबके बीच खिलाड़ियों के पास विकल्प होगा, कि वो अपनी पुरानी फ्रेंचाइजी के साथ रिटेन होना चाहते हैं या एक बार फिर से नीलामी में उतरना चाहते हैं।"
रिटेन खिलाड़ियों की संख्या पर 21 नवंबर को होगा फैसला
बीसीसीआई के अधिकारी ने साथ ही कहा कि "रिटेंशन पॉलिसी रहने की सभी संभावनाएं हैं। ज्यादातर फ्रेंचाइजी ये चाहती हैं। इसमें एक ही मामला ये है कि जिन्हें रिटेन किया जाता है उन्हें हमें लिस्ट से बाहर करने की जरूरत होगी। हमें देखना होगा कि कितने खिलाड़ियों को रिटेन किया जाएगा। इसको लेकर हमने फ्रेंचाइजी मालिकों के साथ 21 नवंबर को मुंबई में बैठक रखी है।"
खिलाड़ियों के पास रहेगा नीलामी में उतरना या फ्रेंचाइजी में रहने का फैसला
अधिकारी ने कहा कि "खिलाड़ियों के पास ये फैसला करने का विकल्प होगा कि वो मौजूदा फ्रेंचाइजी के साथ ही खेलना चाहेंगे या फिर नीलामी प्रक्रिया में शामिल होना चाहेंगे। ये फैसला पूरी तरह से खिलाड़ी पर ही रहेगा। भले ही फ्रेंचाइजी खिलाड़ी की रकम को बढ़ाने तैयार हो फिर भी वो खिलाड़ी की इजाजत के बिना ऐसा नहीं कर सकती। अगर खिलाड़ी नीलामी में आने का मन बना लिया है, तो उसे ऐसा करने से नहीं रोका जा सकता। या तो सिर्फ तब रूक सकता है, जब वो पुरानी फ्रेंचाइजी के नए प्रस्ताव से संतुष्ट हो।"
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रिटेन पॉलिसी में सीएसके-रॉयल्स को मिलेगा फायदा
वहीं इसके साथ ही कहा कि "राजस्थान रॉयल्स और सीएके के मालिकों के पास वरीयता का अधिकार होगा। जिसके तहत धोनी, रहाणे, जडेजा और अश्विन जैसे खिलाड़ियों को चुन सकती है। इसका प्रमुख कारण दो साल के लिए निलंबित हुई टीमों के ज्यादातर खिलाड़ी पुणे या गुजरात के लिए खेले। राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई को प्राथमिकता दी जाएगी। आईपीएल की गवर्निंग काउंसिंल शुरूआत से ही इस मामले में स्पष्ट है, लेकिन अगर ये खिलाड़ी नीलामी प्रक्रिया में शामिल होना चाहे तो दोनों फ्रेंचाइजी कुछ नहीं कर सकती।"