Virat Kohli मौजूदा समय में विश्व के सबसे फिट क्रिकेटरों में से एक हैं। आगे आने वाली पीढ़ी में टीम इंडिया का हिस्सा बनने की इच्छा रखने वाला हर खिलाड़ी फिटनेस और खेल के मामले में विराट कोहली को अपना आदर्श मानता है। विराट कोहली (Virat Kohli) ने फिटनेस को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बना लिया है। लेकिन विराट हमेशा से ऐसे नहीं थे, दिल्ली के रहने वाले विराट कोहली को बचपन से ही खाने-पीने का बहुत शोक रहा है। खाने को लेकर विराट की दीवानगी ऐसी थी कि एक बार मटन रोल खाने के लिए उन्होंने अपनी जिंदगी को जोखिम में डाल दिया था।
Virat kohli बहुत बड़े फूडी थे
दिल्ली के पंजाबी परिवार से आने वाले विराट कोहली देश और दुनिया में जहां भी जाते थे, उस जगह का स्ट्रीट फूड और स्पेशल डिश जरूर खाते थे। कोहली पूरी तरह से फूडी इंसन थे, इसी को लेकर विराट कोहली के अंडर-19 समय से उनके साथ खेलने वाले प्रदीप सांगवान ने एक चौंकाने वाला किस्सा शेयर किया है। इंडियन एक्सप्रेस में अपने एक कॉलम में प्रदीप सांगवान ने बताया कि विराट कोहली ने एक बार मटन रोल खाने के लिए अपनी जान तक की परवाह नहीं की थी।
गुंडों ने किया Virat Kohli का पीछा
बात दक्षिण अफ्रीका की है, भारतीय अंडर-19 टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई थी। प्रदीप सांगवान और विराट कोहली (Virat Kohli) 7-8 सालों तक रूम पार्टनर रहे थे और इस दौरे पर भी दोनों खिलाड़ी साथ थे। प्रदीप सांगवान ने बताया कि विराट कोहली ने उनको खतरनाक जगह पर मटन रोल खाने को कहा था। उस जगह लोकल लोग गुंडा गर्दी किया करते थे और कुछ दिन वहां झगड़ा भी हुआ था। सांगवान ने लिखा
"मैं ड्राइवर की बात सुनकर डर गया था लेकिन विराट ने कहा- चलो यार वहां चलेंगे और वो मुझे भी वहां ले गए। हमने मटन रोल खाया और कुछ अनजान लोगों ने हमारा पीछा किया। हम अपनी कार लेकर होटल वापस आए और कार सीधे होटल आकर ही रोकी। "
Virat Kohli ने 2012 में बदल अपना लाइफस्टाइल
इसके साथ ही प्रदीप सांगवान ने बताया कि किस प्रकार भारत के लिए डैब्यू करने के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) ने खुद को पूरी तरह से बदल लिया था। ट्रैनिंग से लेकर डाइट में विराट कोहली ने कई सारे बदलाव किए थे। सांगवान ने अपने कॉलम में लिखा कि
"भारत के लिए डेब्यू करने के बाद विराट साल 2012 में हमारे पास आए और वो अपनी डाइट को अलग स्तर पर ले गए थे। हम उन्हें टीम में चीकू कहते थे लेकिन साल 2012 में वो अपनी डाइट और फिटनेस का ख्याल रखने लगे। वो अपना वजन घटाना चाहते थे, वो एक अच्छे फील्डर बनना चाहते थे। वो अच्छे फील्डर थे लेकिन वो बेस्ट फील्डर बनना चाहते थे। विराट कोहली घंटों नेट्स पर बल्लेबाजी करते थे और खत्म होने के बाद वो नॉकिंग भी करते थे। ’