विराट कोहली (Virat Kohli) ने शनिवार शाम 15 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका में 2-1 से टेस्ट श्रृंखला हारने के बाद कप्तानी से इस्तीफा देने का फैसला किया है. जिसके चलते इस समय पूरा क्रिकेट जगत हताश है कि उन्होंने इतनी अच्छी कप्तानी करने के बाद भी भारतीय टीम की कप्तानी क्यों छोड़ी?
हालांकि आपको बता दें कि कोहली ने साल 2014 में महेंद्र सिंह धोनी से कप्तानी टेकओवर की थी. जिसके बाद उन्होंने भारत का टेस्ट में बेस्ट कप्तान बनने का मुकाम केवल 7 साल में हासिल कर लिया. लेकिन किसी ने सोचा है कि इतने सफलतम कप्तान होने के बाद भी कोहली ने कप्तानी क्यों छोड़ी? तो आइये जानते हैं 4 मुख्य कारण जिसकी वजह से विराट (Virat Kohli) ने टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा लेने का फैसला किया है.
1) विराट कोहली और बीसीसीआई के बीच विवाद
विराट कोहली ने क्रिकेट के सबसे रोमांचक फॉर्मेट T20 से इस्तीफ़ा सबसे पहले दिया था. जिसके चलते बीसीसीआई द्वारा विराट कोहली से उनकी वनडे फॉर्मेट की भी कप्तानी छीन ली गई. ऐसा बीसीसीआई (BCCI) ने इसलिए किया क्योंकि उनको व्हाइट बॉल क्रिकेट (White Ball Cricket) में दोनों फॉर्मेट में एक ही कप्तान बनाना था. इसी के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीसीसीआई के प्रेजिडेंट सौरव गांगुली ने कहा था कि बोर्ड द्वारा उनको T20 कैप्टेंसी छोड़ने को नहीं कहा गया था.
लेकिन विराट ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीसीसीआई को झूठा साबित कर दिया. जिसके चलते बोर्ड और कोहली के बीच में काफी दिक्कतें पैदा हो गई, और इसके बाद बोर्ड और कप्तान कोहली के बीच में कई ऐसी खबरें सामने आई है जिससे यह पता चल रहा है कि अब दोनों की एक दूसरे से बिल्कुल नहीं बनती.
इस पूरे विवाद के चलते विराट कोहली को अपने एक सफल कार्यकाल का भी अंत करना पड़ा. आपको बता दें कि विराट ने टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए कुल 68 मैचों में कप्तानी की है जिसमें वह 40 मैच जीतकर टीम इंडिया के टेस्ट में सबसे सफल कप्तान बन गए.
2) Virat Kohli से वनडे क्रिकेट की कप्तानी छिनना
पिछले साल अक्टूबर में होने वाले T20 विश्व कप में टीम इंडिया द्वारा खराब प्रदर्शन करने के बाद, विराट कोहली ने क्रिकेट के T20 प्रारूप से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन साथ ही उन्होंने इस बात का भी दावा किया था कि वह अपनी पूरी लगन के साथ भारतीय टीम की कप्तानी टेस्ट और वनडे क्रिकेट में बखूबी करेंगे.
लेकिन बीसीसीआई चाहती थी कि व्हाइट बॉल क्रिकेट में भारतीय टीम का कप्तान एक ही रहे. इसके चलते बोर्ड ने कोहली से वनडे क्रिकेट की भी कप्तानी छीन ली. जोकि शायद Virat Kohli को खासा पसंद नहीं आया. इस दौरान बोर्ड और कोहली के बीच में काफी विवाद भी चल रहा था.
बोर्ड से दुश्मनी मोल लेना विराट को काफी भारी पड़ा, शायद इसी दबाव में आकर विराट कोहली ने क्रिकेट के टेस्ट प्रारूप की कप्तानी से भी इस्तीफा लेने का फैसला किया.
3) हेड कोच बदलने की वजह से सपोर्ट में आई कमी
आपको बता दें कि, पिछले वर्ष T20 विश्व कप के खत्म होने के बाद जब विराट कोहली ने T20 कप्तानी से इस्तीफा लेने का फैसला किया था, तो उसी दौरान भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने भी अपना कार्यकाल समाप्त करने की घोषणा की थी. हालांकि उन्होंने वर्ल्ड कप से पहले ही इस बात की अनाउंसमेंट कर दी थी कि ये विश्वकप बतौर भारतीय टीम के हेड कोच के रूप में उनका आखिरी होगा.
दरअसल, हेड कोच रवि शास्त्री और कप्तान Virat Kohli ने एक दूसरे के साथ मिलकर टीम इंडिया को काफी सीरीज़ जिताई हैं और एक अलग मुकाम पर टीम इंडिया को पहुंचाया है. लेकिन रवि शास्त्री के बाद टीम का हेड कोच राहुल द्रविड़ को बनाया गया और इन दोनों का ये स्पेशल बॉन्ड टूट गया. जिसके बाद विराट कोहली को वे सपोर्ट नहीं मिल पाया जो उन्हें रवि शास्त्री द्वारा मिलता था.
4) लंबे समय से खामोश है विराट का बल्ला
Virat Kohli का बल्ला काफी समय से खामोश चल रहा है, उन्होंने इस दौरान टीम के लिए कई महत्वपूर्ण पारी बेशक खेली हैं और कई अर्धशतक भी जड़े हैं, लेकिन विराट अपनी उस पहली वाली फॉर्म में नहीं दिखाई दिए जिसमें वह विपक्षी टीम के गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा दिया करते थे. कहीं ना कहीं इसके पीछे की वजह उनकी कप्तानी भी बताई जाती है.
लंबे समय से कोहली भारत के तीनों फॉर्मेट में कप्तान थे. इसमें कोई दोहराय नहीं की टीम के कप्तान पर एक अलग प्रकार दबाव होता है जो उसके खेल को भी काफी प्रभावित करता है. हालांकि अपने कप्तानी के शुरूआती दिनों में विराट का बल्ला जमकर बोला है. लेकिन अपनी कप्तानी के आखिरी दिनों में विराट का बल्ला काफी खामोश रहा उनपर टीम को कोई आईसीसी ट्रॉफी जितवाने का दबाव शुरू से ही था.
चौथा और सबसे मुख्य कारण कोहली की टेस्ट कप्तानी छोड़ने का ये भी हो सकता है कि उनकी कप्तानी उनकी गेम को काफी प्रभावित कर रही थी. ऐसे में अब विराट कोहली ने क्रिकेट के तीनों प्रारूप की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है. उम्मीद है कि विराट का बल्ला एक बार फिर बेहद ज़ोरों से बोलेगा और वह एक बार फिर अपनी वई पुरानी वाली फॉर्म में दिखाई देंगे.