भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक और दिग्गज बल्लेबाजों में खुद को शुमार कर चुके विराट कोहली (Virat Kohli) टी20 वर्ल्ड कप के बाद भारत की टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला कर चुके हैं। बता दें कि जब से उन्होंने इस बात की घोषणा की है, तब से सभी कई तरह की अटकलें लगा रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं टी20 क्रिकेट के बाद 50 ओवरों की कप्तानी भी उनसे छिन सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं कई लोगों का मानना है कि कोहली को सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ ही देनी चाहिए।
ब्रांड वैल्यू की वजह से Virat Kohli ने नहीं छोड़ी कप्तानी
टी20 क्रिकेट टीम की कप्तानी छोड़ने के बाद कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि Virat Kohli की एकदिवसीय कप्तानी भी खतरे में है और अगर भारत टी20 विश्व कप नहीं जीतता है तो इस बात पर फैसला किया जाएगा। कुछ का यह भी मानना था कि विराट की साख पर असर हो रहा था इसीलिए उन्होंने कप्तानी छोड़ी थी।
लेकिन, एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि विराट ने वनडे कप्तानी इसलिए नहीं छोड़ी क्योंकि उन्हें अपनी ब्रांड वैल्यू को लेकर खतरा नजर आ रहा था। ‘द टेलीग्राफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार 32 वर्षीय विराट कोहली एकदिवसीय टीम की कप्तानी इसलिए जारी रखना चाहते हैं क्योंकि पूरी तरह से सफेद गेंद के क्रिकेट की कप्तानी से हटने से उनकी ब्रांड वैल्यू प्रभावित हो जाएगी।
किसी ने भी नहीं की वनडे और टेस्ट की कप्तानी की बात
सीमित ओवरों के क्रिकेट की कप्तानी छोड़ने के बाद Virat Kohli की ब्रांड वैल्यू पर असर पड़ने वाली बात पर क्रिएटिज कम्युनिकेशंस के संस्थापक और प्रबंध निदेशक नवरोज डी ढोंडी ने कहा, ‘सचिन तेंदुलकर के साथ यह बात कभी नहीं आई, उनकी ब्रांड वैल्यू पर किसी भी तरह का असर नहीं पड़ा था। जब उन्होंने कप्तानी छोड़ी तब भी और यही बात Virat Kohli पर भी लागू होती है। अगर वह एकदिवसीय टीम की कप्तानी भी छोड़ देते हैं, तो इससे कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।’
सिर्फ इतना ही नहीं बीसीसीआई की टीम भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है, किसी ने भी एक भी टिप्पणी नहीं की है। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह, दोनों ने विराट कोहली को टी20 क्रिकेट में कप्तान के रूप में योगदान के लिए धन्यवाद दिया है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों में से किसी ने भी वनडे और टेस्ट कप्तानी के बारे में अभी तक कुछ भी नहीं कहा है।