विराट कोहली (Virat Kohli) के कप्तानी छोड़ने के बाद टीम इंडिया के प्रदर्शन का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है. एशिया पर और टी20 विश्व कप में भारतीय टीम के हाथ निराशा हाथ लगी. वहीं बांग्लादेश दौरे पर खेली गई वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है.
वैसे तो बीसीसीआई एक तरफ बड़-बड़े दांवे करता है कि उनके पास काफी मजबूत बेंच स्ट्रेंथ है. जो जरूरत पड़ने पर वह एक समय में 2 टीमें एक साथ खिला सकते हैं. लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. क्योंकि बांग्लादेश दौरे पर मोहम्मद शमी के बाहर हो जाने के बाद BCCI को उनके रिप्लेसमेंट की पूर्ती करने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले जयदेव उनादकट की तरफ रूख करना पड़ा.
खिलाड़ियों की इंजरी से जूझ रही है टीम इंडिया
भारत में अगले साल वनडे वर्ल्ड कप खेला जाना है. जिसमें 12 महीनों से भी कम का समय बचा है. लेकिन इससे पहले टीम इंडिया खिलाड़ियों की इंजरी को लेकर टेंशन में नजर आ रही है. क्योंकि बिना फिट खिलाड़ियों के विश्व कप कब्जा कर पाना मुश्किल हो सकता है.
कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) बांग्लादेश के खिलाफ 7 दिसंबर 2022 को खेले गए दूसरे वनडे मुकाबले में अंगूठे की चोट के चलते टीम से बाहर हो गए थे. फिलहाल उनकी वापसी पर कोई अपडेट नहीं हैं. वहीं दीपक चाहर (Deepak Chahar) हैमस्ट्रिंग की समस्या से जूझ रहे हैं. बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे मुकाबले में इसी के चलते वो अपना स्पैल भी नहीं डाल पाए थे.
वहीं इस लिस्ट में तेज गेंदबाज कुलदीप सेन का भी इस लिस्ट में नाम शामिल है. जिन्हें बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मैच में ही डेब्यू का मौका मिला था. लेकिन मांसपेसियों में खिंचाव के चलते वनडे सीरीज से उन्हें भी बाहर होना पड़ा था.
जबकि टीम इंडिया की गेंदबाजी में रीढ कहे जाने तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और घातक ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा भी खराब फिटनेस के चलते टीम से बाहर चल रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल य़ह है कि वनडे वर्ल्ड कप जीतने के लिए टीम के पास 11 खिलाड़ी भी मौजूद नहीं हैं. बीसीसीआई को द्विपक्षिय सीरीज में बैकअप खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट की तरफ देखना पड़ रहा है.
बेंच स्ट्रेंथ मजबूत करना जरूरी
भारत ने इस साल की शुरुआत से अपने सीमित ओवरों की टीमों के साथ काफी प्रयोग किए हैं. हालांकि, मैचों के परिणाम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. जिसके बाद फैंस बीसीसीआई के सेलेक्शन पर सवाल उठा रहे हैं. क्रिकेट एक्सपर्ट का मानना है कि टीम इंडिया को उन्हीं 16-20 खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए. जिनके साथ वह विश्व कप में भी जाना चाहते हों.
भारत के पास इस साल अब तक सात कप्तान हो चुके हैं. वहीं लगातार खिलाड़ियों को प्लेइंग-11 में अंदर-बाहर होते हुए देखा गया. हर नई सीरीज में नए खिलाड़ियों को चुना गया. जिसका कोई खास परिणाम देखने को नहीं मिला और अंत में पुराने खिलाड़ियों को ही बैक करना उचित समझा. ऐसे में बीसीसीआई को पिछली गलती नहीं दोहराते हुए बेंच स्ट्रेंथ को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए.