छोटी दिपावली पर विराट कोहली (Virat Kohli) ने पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप 2022 में नाबाद 82 रनों की पारी खेलकर बड़ा धमाका कर दिया है. जिसकी गूंज सदियों तक पाकिस्तान में गूंजती रहेगी. पाकिस्तान के लिए यह मैच किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा, क्योंकि हारे हुए मैच को कैसे जीता जाता है यह किंग कोहली (KING KOHLI) ने मेलबर्नके एतिहासिक ग्राउंड पर बता दिया है. 23 अक्टूबर को खेले गए मुकाबले में हम रन मशीन की 5 बड़ी खूबियों के बार में बात करेंगे. जिसके चलते पाकिस्तान का भारत को हराने का सपना सर्फ सपना बन कर ही रह गया.
पहली खूबी: 4 विकेट गिरने पर किंग कोहली ने नहीं खोया आपा
'मन के हारे हार है और मन के जीते जीत'. यह कहावत हम अपने बड़ों से बचपन से ही सुनते आ रहे हैं. लेकिन हमने कभी इस बात पर अमल करने की कोशिश नहीं की.मगर क्रिकेट की दुनिया के सरताज कहे जाने वाले विराट कोहली (Virat Kohli) ने 22 गज की पिच पर कभी हार नहीं मानते हैं. इस बात का ताजा उदाहरण विश्व कप 2022 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में विराट की पारी से लिया जा सकता है.
टीम ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 31 रन पर 4 विकेट खो दिए थे. इसके बाद कोहली ने पारी को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया. 10 ओवर के बाद टीम का स्कोर 4 विकेट पर 45 रन था. तब कोहली 21 गेंद पर 12 रन बनाकर खेल रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक भी बाउंड्री नहीं लगाई थी. अंत में 18 गेदों पर 48 रन चाहिए थे, कोहली एक सैनिक की तरह डटे रहे और उसके बाद 6 गेंदों में 16 रन बंदे ने हार नहीं मानी और परिणाम जीत के रूप में आप सब के सामने है.
दूसरी खूबी: ताकत का किया इस्तेमाल, कुछ ऐसे बदला गियर
विराट कोहली जब मैदान पर आते हैं तो यह बात किसी से छिपी नहीं कि वो पिच का मिजाज पढ़ने के लिए थोड़ा टाइम लेते हैं. और ऐसा करना भी चाहिए ये एक अच्छे बल्लेबाज की निशानी है. विकेट गंवाने से अच्छा है पहले 5-10 गेंदों में मैच की आवो-हवा को जान लिया जाए. रन मशीन ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ ऐसा ही किया.
धीरे-धीरे रनरेट बढ़ता जा रहा था लेकिन कोहली को अपने आप पर भरोसा था कि मैच को किसी भी हाल में अपने हाथ से जाने नहीं देंगे. पाड्या और विराट अच्छा खेल रहे थे, मोहम्मद नवाज के ओवर में हार्दिक पंड्या ने 2 तो कोहली ने एक छक्का लगाया बढती रनरेट पर थोड़ा काबू पा लिया था. अंतिम 5 ओवर में भारत को जीत के लिए 60 रन बनाने थे. मगर कोहली डिक्शनरी में हार जैसा कोई शब्द था हीं नहीं.
तीसरी खूबी: मुश्किल समय में झोंक दिया अपना पूरा अनुभव
मेलबर्न में मौजूद 90 हजार दर्शकों के शोर शराबे अपनी नब्ज़ पर काबू पाना कोई विराट कोहली (Virat Kohli) से सीख सकता है. उन्हों इतने अतिरिक्त दबाव वाले मैच में अपना आपा नहीं खोया और अपने खेल पर पूरा ध्यान रखा. भारत को अंतिम गेंद पर 8 गेंद पर 28 रन बनाने थे. 19वां ओवर तेज गेंदबाज हारिस रऊफ डाल रहे थे. तब तक उन्होंने 3.4 ओवरों में सिर्फ 24 रन दिए थे.
हारिस रऊफ एक मात्र एक ऐसे गेंदबाज थे जिन्होंने अतं पाकिस्तानियों की जीत को बनाए रखा. लेकिन एक तरफ शेर तो दूसरी तरफ सवा शेर. कोहली भी कहा हार मानने वाले थे जब उन्होंमे शाहीन शाह अफरीदी को नहीं छोड़ा तो रऊफ पर कहा रहम खाने वाले थे. उसके बाद कोहली ने रऊफ के ओवर 2 छक्के लगाकर मैच को बराबरी पर लाया. इसमे से एक छक्का ऐसा था जो उन्होंने बॉलर के सर के ऊपर से मारा था, उस गेंद पर दुनिया कोई बल्लेबाज नहीं मार सकता. ऐसा हम नहीं खुद पूर्वपाकिस्तानी विकेटकीपर कमरान अकमल ने कहा. उन्होंने अपने पूरे अनुवभ को इस मैच में दांव पर लगा दिया था.
चौथी खूबी: पंड्या हुए आउट दूसरे छोर पर डटे रहे
हार्दिक पांड्या ने 40 रनों की पारी खेलकर मैच को जीत के काफी करीब खड़ा कर दिया था हालांकि वो जीत की दहलीज पार नहीं करा पाए, लेकिन दूसरे छोर पर करोड़ों दिलों की धड़कन क्रीज पर मौजूद थी. जी हां विराट कोहली ने पांड्या के आउट होने पर अपना धैर्य नहीं खोया. भारत को अंतिम 6 गेंद पर 16 रन बनाने थे. हार्दिक पंड्या पहली गेंद पर आउट हुए
ऐसे में भारतीय टीम दबाव में आ गई. दूसरी गेंद पर कार्तिक ने एक रन लिया. तीसरी गेंद पर कोहली ने 2 रन लिया. यानी 3 गेंद पर 13 रन बनाने थे, चौथी गेंद पर छक्का जड़ दिया. यह नोबॉल भी रही. डीके आउट होने के बाद डीके अश्विन आए. उन्होंने अंतिम गेंद पर चौंका विनिंग चौंका लगाकर कोहली की संघर्षपूर्ण पारी में चार-चांद लगा दिए.
पांचवी. खूबी: टीम का विश्वास काम आया
जब कोई खिलाड़ी लंबे समय से फॉर्म में नहीं चल रहा होता है तो उसे तुरंत टीम से बाहर कर दिया जाता है, लेकिन टीम इंडिया ने विराट कोहली के साथ ऐसा नहीं किया और उन पर विश्वास जताया कि वो टीम इंडिया के लिए शानदार वापसी करेंगे. उन्होंने भी टीम मैनेजमेंट को निराश नहीं किया. प्रैक्टिस के दौरान कड़ी मेहनत करते रहे. जिसका फल उन्हें एशिया कप 2022 में मिला.
कोहली ने अफगानिस्तान के खिलाफ टी20 प्रारूम में अपना पहला शतक लगाकर शानदार वापसी की. जिसका असर टी20 विश्व कप में भी देखने को मिल रहा है. कोहली को बैक करने का श्रेय कप्तान और कोच जाता है. जिन्होंने उन पर भरोसा दिखाया. कोहली अहम मोड़ पर उनके विश्वास पर खरे भी उतरे.