महिला दिवस के मौके पर भावुक हुए विराट कोहली, ट्वीट कर कहा कुछ ऐसा कि अनुष्का को भी होगा उन पर गर्व

Published - 08 Mar 2018, 05:53 AM | Updated - 24 Jul 2025, 03:30 AM

खिलाड़ी

8 मार्च यानि आज पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है। महिला सशक्तीकरण और महिलाओं के सम्मान पर पूरा विश्व अपनी शुभकामनाएं दे रहा। इस मौके को सभी लोग खास बनाने के लिए अपने-अपने अंदाज में मना रहा है। दुनिया भर की बड़ी शख्सियतें आज सभी महिलाओं को शुभकामनाएं भेज रहे हैं। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी महिलाओं के दिवस के मौके पर दुनिया भर की महिलाओ को संदेश दिया है।

विराट ने शेयर किया वीडियो

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर समाज में महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न,भेदभाव और हिंसा को लेकर बात की। इन सबसे हटकर उन्हें जीवन में आगे बढ़ाने का संदेश दिया है। कोहली ने कहा कि, ''महिला और पुरूष एक समान नहीं है। वास्तव में हम उन्हें विस करते हैं। फैक्ट यह कहते हैं कि यौन उत्पीड़न,भेदभाव,घरेलू हिंसा और धमकी दूसरे के लिए ज्यादा आसान है। अपने जीवन में वो इन सभी को छोड़कर आगे बढ़े और चमके,मैं विश्व की सभी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं।''

Tag the extraordinary woman in your life who is #BetterThanEqual @Staywrogn@AnushkaSharma ♥️ pic.twitter.com/NdjNEPYQjD

Virat Kohli (@imVkohli) March 8, 2018

सहवाग ने भी किया ट्वीट

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पूर्व भारतीय धुरांधर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी दुनिया भर की महिलाओं को अपने अंदाज में बधाई संदेश दिया । वीरेंद्र सहवाग ने अपनी पोस्ट में भोपाल की एक नौ साल की लड़की की प्रेरणादायक कहानी के बारे में बताया।

उन्होंने लिखा कि,''9 वर्षीय मुस्कान भोपाल की सबसे ग़रीब झोपड़ी में एक पुस्तकालय चलाती है,यह पुस्तकालय 121 किताबों से शुरू हुई थी। वह एक प्रेरणा है। महिला दिवस की शुभकामनाए !

इसलिए मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

महिला दिवस महिलाओं की सभी क्षेत्रों में मिली उपलब्धि और लिंग समानता को लेकर मनाया जाता है। दुनिया भर की महिलाएं इस दिन भेदभाव ,रूढ़वादिता,भाषा-संस्कृति और राजनीतिक भेदभाव को त्यागकर समानता के रूप में मनाती हैं। महिलाओं को समार्पित इस दिन को पुरूष भी अपने अंदाज मेंं स्पेशल बनाते हैं।

महिला दिवस को सबसे पहले 1910 में कोपनहेगन में मनाया गया। भेदभाव के खिलाफ साल 1911 में ऑस्ट्रिया डेनमार्क,जर्मनी आदि देशों में लाखों महिलाओं नो रैलियां निकाली। चुनावों में अधिकार,सरकारी कार्यालयो और नौकरी आदि में भेदभाव को खत्म करने के लिए इसे मानाया जाता है।

Ajay Singh

यह लेखक Cricketaddictor का एक सदस्य है जो क्रिकेट से जुड़ी खबरों और विश्लेषण पर लिखता है।

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