भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने साउथ अफ्रीका टीम के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद इस फॉर्मेट की कप्तानी को अलविदा कह दिया था. इसके बाद कई बड़े दिग्गजों ने उनके इस फैसले पर हैरानी जताई थी. उनकी ओर से अचानक से लिए गए इस निर्णय से फैंस भी काफी ज्यादा हैरान थे. इससे पहले उनसे दिसंबर 2021 में वनडे कप्तानी छीन ली गई थी. जिस पर लगातार बयानबाजी होती रही है. अब विराट कोहली (Virat Kohli) ने खुद खुलासा किया है कि वो क्यों कप्तान नहीं बने रहना चाहते थे.
कप्तानी से इस्तीफा देने के फैसले पर पहली बार बोले पूर्व कप्तान
दरअसल टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने इस पर कुछ खास प्रतिक्रिया तो नहीं दी थी. लेकिन, अब उन्होंने जरूर इस बारे में खुलकर बात की है. पूर्व कप्तान की माने तो उन्होंने कुछ लक्ष्य निर्धारित किए थे और जब उन्होंने उसे हासिल कर लिया है तो मेजबानी छोड़ने का निर्णय किया. 33 साल के इस बल्लेबाज ने एक कप्तान के जीवन काल के बारे में भी बातचीत की.
विराट कोहली (Virat Kohli) ने या माना भी कि एक बल्लेबाज के तौर पर उनकी भूमिका एक टीम का नेतृत्व करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह बड़ी वजह है कि उन्होंने कप्तानी छोड़ दी. फाइरसाइड चैट के दौरान उन्होंने कहा,
"मैंने एक कप्तान के रूप में जो चाहा वो हासिल किया. मुझे लगता है कि एक बल्लेबाज के रूप में मेरी भूमिका ज्यादा अहम है. टीम का लीडर बनने के लिए आपको कप्तान होने की जरूरत नहीं है."
कप्तान बनने के बाद ये था विराट का लक्ष्य
इस सिलसिले में अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने ये भी कहा,
"जब एमएस धोनी ने कप्तानी से इस्तीफा दिया तब वे टीम का हिस्सा थे. ऐसा नहीं है कि वे लीडर नहीं थे और वो वही शख्स थे जिनसे हमने बहुत सुझाव लिए."
बता दें कि धोनी के कप्तानी इस्तीफा देने के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) को तीनों प्रारूप का कप्तान बना दिया गया था. हालांकि अब उन्होंने तीनों फॉर्मेट की मेजबानी से इस्तीफा दे दिया है.
टीम इंडिया के दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कप्तानी के बारे में बात करते हुए कहा,
"जब मैं कप्तान बना तो मेरा मुख्य लक्ष्य टीम के कल्चर को बदलना था. क्योंकि भारत में कौशल की कोई कमी नहीं थी. दुनिया में शायद ही किसी देश में इतने कुशल खिलाड़ी हों जितने कि भारत में हुनरमंद खिलाड़ी हैं."