Virat Kohli: रणजी ट्रॉफी 2024 का फाइनल मैच मुंबई और विदर्भ के बीच खेला जा रहा है. फाइनल मुकाबले में अब तक कई बल्लेबाजों ने अपने शानदार प्रदर्शन का मुजायरा पेश किया. इस मैच में श्रेयस अय्यर, शार्दल ठाकुर और कप्तान अंजिक्य ने जबरदस्त फॉर्म दिखाई. वहीं विरोध में उतरी विदर्भ की ओर से भी कुछ बल्लेबाजों ने टीम को फाइनल में जीत दिलाने के लिए अंत तक कोशिश की.
इस टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी खेल रहा था जो विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में भारत के लिए अपनी सेवाएं दे चुका है. रणजी में लगातार रन बनाने के बाद भी इस खिलाड़ी को पिछले 7 साल से मौके का इंतजार करना पड़ रहा है. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने भारतीय टीम में वापसी की आस नहीं छोड़ी है. रणजी फाइनल में मुंबई के खिलाफ कैसा रहा इस खिलाड़ी का प्रदर्शन आइये डालते हैं इस पर एक नजर..
Virat Kohli की कप्तानी में डेब्यू करने वाले प्लेयर का बढ़िया प्रदर्शन
दरअसल, यहां जिस खिलाड़ी की बात हो रही है वह कोई और नहीं बल्कि विदर्भ के बल्लेबाज करुण नायर हैं, जिनका रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई के खिलाफ शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है. आपको बता दें कि करुण ने मुंबई के खिलाफ दूसरी पारी में 3 चौकों के साथ 74 रन की जुझारू पारी खेली. इस पारी की बदौलत ही विदर्भ मैच में वापसी करने में सफल रही. सिर्फ ये पारी ही नहीं बल्कि रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन में भी करुण का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है. यही वजह है कि वह टीम इंडिया में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं. बता दें कि 32 साल के इस खिलाड़ी ने 2016 में विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में टीम इंडिया में डेब्यू किया था.
करुण नायर तिहारा शतक लगाया
करुण नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया. अपनी डेब्यू सीरीज में ही करुण का प्रदर्शन शानदार रहा . उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे मैच में विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी वाली टीम के लिए तिहारा शतक लगाया. वीरेंद्र सहवाग के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह दूसरे खिलाड़ी है. लेकिन अगले 3 मैचों के बाद ही उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया. उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी मैच 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था, जिसमें उन्होंने पांच रन बनाए थे. इस खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया.
करुण को टीम इंडिया में वापसी की उम्मीद
सात साल से बाहर चल रहे विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले करुण नायर को एक बार फिर टीम इंडिया की वापसी की उम्मीद है. रणजी में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने टीम इंडिया में वापसी को लेकर बातचीत करते हुए इस 32 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा,
'100 प्रतिशत, मैं वापसी कर सकता हूं. अगर ऐसा नहीं होता तो मैं इतनी मेहनत नहीं करता और घरेलू क्रिकेट में वापसी नहीं करता. मुझे लगता है कि मैं फिर से भारत के लिए खेल सकता हूं. ' यह हमारे प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखने के बारे में है.'
घर पर बैठना और दूसरों को खेलते हुए देखना कठिन है- करुण नायर
विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में डेब्यू करने वाले करुण नायर ने काउंटी सीजन में रन बनाने को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा,
'जब मैंने वहां (काउंटी क्रिकेट) रन बनाना शुरू किया तो इससे मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया. मैंने ओवल मैदान पर बल्लेबाजी के लिए कठिन परिस्थितियों में 150 रनों की पारी खेली. इससे सत्र से पहले मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया. मैं एक सीज़न तक खेल से दूर रहा. मुझे नहीं पता कि यह कैसे कहूं लेकिन घर पर बैठकर दूसरों को खेलते हुए देखना मुश्किल था.'
रणजी ट्रॉफी 2024 में करुण नायर का ऐसा रहा है प्रदर्शन
आपको बता दें कि विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में डेब्यू करने वाले करूण ने रणजी ट्रॉफी 2024 में बेहद शानदार खेल दिखाया है. पिछले सीजन में कर्नाटक के लिए खेलने वाले इस दिग्गज को इस विदर्भ की ओर से खेलने का मौका मिला था. इसका फायदा उन्होंने बखूबी उठाया. उन्होंने फाइनल समेत 10 मैचों में कुल 690 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने दो शतक और 2 अर्धशतक भी जड़े. करुण का 10 मैचों में सर्वश्रेष्ठ स्कोर 129 रन था, जो महाराष्ट्र के खिलाफ आया. हालांकि अगर उनकी टीम की भारत वापसी की बात करें तो ये काफी मुश्किल नजर आ रहा है.
करुण नायर की टीम इंडिया में वापसी मुश्किल!
करुण नायर की टीम इंडिया में वापसी मुश्किल है क्योंकि भारतीय चयनकर्ता इस समय युवा खिलाड़ी पर ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं. मालूम हो कि हाल ही में टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली थी, जिसे भारत ने 4-1 से जीता था. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कई सीनियर खिलाड़ी की गैरमौजूदगी में युवाओं को तवज्जो दिया गया था. जबकि विराट कोहली (Virat Kohli), राहुल राहुल और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी इस सीरीज से बाहर थे.
ऐसे में जब ये खिलाड़ी उपलब्ध नहीं थे तो चयनकर्ता अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा जैसे अनुभवी दिग्गजों को मौका दे सकते थे. ताकि वह अपने अनुभव का इस्तेमाल इंग्लैंड जैसी खतरनाक टीम के खिलाफ कर सकें. लेकिन चयनकर्ताओं ने सीनियर खिलाड़ियों को मौका न देकर युवा खिलाड़ियों पर भरोसा जताया. जिन्होंने खुद को साबित भी किया. इस मामले से साफ हो गया है कि अब चयनकर्ताओं की नजर युवाओं पर है.