भारत के आक्रामक कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने पहले जिस तरह से बल्लेबाजी में एक-एक करके सभी रिकॉर्ड अपने नाम करने की ओर मजबूती से कदम बढ़ाया। ठीक उसी तरह से अब कप्तानी में भी सभी रिकॉर्ड एक-एक कर के अपने नाम कर रहे हैं। उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम ने टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाई है।
एक वो दिन थे जब 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टेस्ट में ऐसे ही विराट कोहली को कप्तानी सौंपी गई थी और आज का दिन है कि उनके नाम भारतीय टीम के लिए कप्तानी करते हुए 61 मैच दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने इस मामले में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी पीछे छोड़ दिया है।
मैदान पर कदम रखते ही Virat Kohli ने बनाया रिकॉर्ड
भारतीय कप्तान Virat Kohli ने आज जब साउथेम्प्टन के मैदान पर टीम के लिए टॉस करने उतरे तब ही उनके नाम एक रिकॉर्ड दर्ज हो गया। आज भले ही विराट टॉस जीतने से चूक गए हों। लेकिन, फिर भी वो मैच जीतने की पूरी कोशिश करेंगे। ऐसे में हम आपको बता दें कि कोहली ने महेंद्र सिंह धोनी के 60 टेस्ट मैचों में कप्तानी करने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए सबसे ज्यादा टेस्ट में कप्तानी करने वाले कप्तान बन गए हैं।
Virat Kohli की कप्तानी में भारतीय टीम में पिछले पांच सालों में काफी निरंतरता आ चुकी है। 2014 में क्रिकेट के समसे लंबे प्रारूप से धोनी के संन्यास लेने के बाद से विराट कोहली को विरासत सौंपी गई थी और आज उनके नाम 61 टेस्ट मैच दर्ज हो चुके हैं। आपको बता दें कि कोहली ने कप्तान बनने के बाद से भारत को सभी 11 टेस्ट श्रृंखलाओं में जीत दिलाई है और वेस्टइंडीज, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया में दो बार जीत हासिल की है।
सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी करने वाले एशियाई कप्तान
Virat Kohli ने जिन मैचों में भारतीय टीम की कमान संभाली है. उनमें से 36 में भारत को जीत और 14 में हार का सामना करना पड़ा है। वहीं धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम को 27 टेस्ट मैचों में जीत और 18 में हार मिली थी। इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि कोहली किसी भी एशियाई देश के लिए सबसे लंबे समय तक कप्तानी करने वाले कप्तान बन गए हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड धोनी के नाम था। इनके बाद पाकिस्तान के मिस्बाह उल हक और श्रीलंका के अर्जुन रणतुंगा का नंबर आता है, जिन्होंने 56-56 टेस्ट मैचों में अपनी-अपनी टीम की कमान संभाली है।
आज फाइनल मैच में टॉस हरने के बाद कप्तान Virat Kohli ने कहा, "हम शायद पहले गेंदबाजी भी करते। लेकिन, बोर्ड पर रन हमारी ताकत रहे हैं। एक बड़े फाइनल में, बोर्ड पर रन का अलग ही फायदा है। जैसा कि हमारी टीम का संतुलन है, हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयारी रहते हैं। हम टेस्ट क्रिकेट में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारे लिए यह सिर्फ एक टेस्ट मैच है जिसमें हमें पेशेवर होना है।"