IND vs SA: बेवजह 10 मिनट तक रुका रहा खेल, Virat Kohli-अंपायर के बीच इस बात को लेकर हुई बहस

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Shilpi Sharma
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virat kohli discussion with umpire over kookaburra ball

भारत और साउथ अफ्रीका (IND vs SA) के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन विराट कोहली (Virat Kohli) एक अजीब मसले की वजह से चर्चा का विषय बन गए. खेल खत्म होने से पहले एक ऐसा नजारा देखने को मिला जब खेल थोड़ी देर के लिए पूरी तरह से रूक गया. मेजबान टीम जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी तो कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) के साथ ही पूरी भारतीय टीम ने खेल ही नहीं शुरू होने दिया. इस खबर ने मीडिया और फैंस के बीच सनसनी मचा दी. क्या थी खेल रोकने की वजह, जानिए इस रिपोर्ट में...

कोहली और अंपायर के बीच हुई बहस की वजह से 10 मिनट तक रूका रहा खेल

 virat kohli discussion with umpire

दरअसल टीम इंडिया का कहना था कि उन्हें गेंदबाजी के जो गेंद सौंपी गई है वो कूकाबुरा गेंद पुरानी है. इस शिकायत के बाद लगभग 10 मिनट तक खेल रुका रहा. गेंद को लेकर भारतीय कप्तान और मैदानी अंपायर के बीच जुबानी जंग भी देखी गई. इस लंबी बहस के बाद दोबारा से नई गेंद के लिए बॉक्स लाया गया. इस दौरान कप्तान और रविचंद्रन अश्विन ने मिलकर सभी गेंदों को सही से चेक किया और फिर उनमें से एक गेंद चुनी

इस प्रक्रिया के बाद टीम ने खेल को आगे बढ़ाया. विराट कोहली (Virat Kohli) से जुड़े वाकया को देखने के बाद कमेंट्री पैनल में मौजूद भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना था कि हर गेंद के रंग और बैलेंस में फर्क हो सकता है. यही कारण है कि टीम इंडिया नई गेंद लेना चाह रही थी. उन्होंने बताया कि हमारे समय में कपिल देव खुद गेंद का चयन करते थे.

इन देशों में होता है कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल

kookaburra ball

इसके साथ ही इस मसले पर पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अजीत अगरकर ने बताया कि मैं जब खेलता था तो सचिन तेंदुलकर और हरभजन सिंह गेंद का चुनाव करते थे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस गेंद के लिए विराट कोहली (Virat Kohli) अंपायर से बहस कर रहे थे वो कूकाबुरा बॉल ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान टीमें अपने घर में खेले जाने वाले टेस्ट मैच के लिए इस्तेमाल करती हैं.

इसके अलावा आपको ये भी बता दें कि ये गेंद ऑस्ट्रेलिया में ही बनाई जाती है. इसकी सिलाई मशीन से की जाती है. इसकी सीम दबी हुई होती है. क्रिकेट एक्सपर्ट्स की माने तो शुरुआती 20 से 30 ओवर तक ये गेंद तेज गेंदबाजों के लिए काफी ज्यादा मददगार होती है. इसके बाद ये बल्लेबाजी के लिए ज्यादा बेहतर हो जाती है. सीम दबी होने के कारण ये गेंद स्पिनरों के लिए अन्य गेंद के मुकाबले कम मददगार होती है और सीमर को भी इस बॉल से कम स्विंग मिलता है.

Virat Kohli IND vs SA centurion test 2021