साउथ अफ्रीका दौरे (IND vs SA) पर टेस्ट सीरीज में मिली 2-1 की हार के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) ने टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद विराट अब किसी भी फॉर्मेट में टीम के कप्तान नहीं रहे. टी20 की कप्तानी उन्होंने पहले ही छोड़ दी थी. वही साउथ अफ्रीका दौरे से पहले उनसे वनडे की कप्तानी भी वापस ले ली गयी थी. कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) ने पहली बार इन मामलों पर खुलकर बातचीत की है.
लीडर बनने के लिए जरूरी नहीं है कि कप्तान बना जाए
कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) अब केवल बतौर बल्लेबाज टीम में खेलेंगे. टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ने के साथ ही उन्होंने आईपीएल फ्रेंचाईजी रॉयल चेलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की कप्तानी पद से भी इस्तीफा दे दिया है. उनकी कप्तानी को लेकर ये आलोचना हमेशा होती थी कि वह टीम इंडिया (Team India) को आईसीसी खिताब नहीं दिला सके और आरसीबी को भी आईपीएल विजेता नहीं बना सके.
उनकी कप्तानी में हालांकि टीम इंडिया ने टेस्ट में कई मुकाम हासिल किए थे. अब कप्तानी छोड़ने के बाद विराट ने कहा है कि, लीडर बनने के लिए जरूरी नहीं है कि कप्तान बना जाए.
उदाहरण के तौर पर लिया धोनी का नाम
कप्तानी छोड़ने के बाद कोहली (Virat Kohli) ने धोनी का उदाहरण देते हुए लीडरशिप को लेकर अपनी बात रखी है. कोहली ने फायरसाइड चैट पर बात करते हुए कहा,
आपको एक लीडर के तौर पर कप्तान होने की जरूरत नहीं होती. ये बहुत आसान है. जब महेंद्र सिंह धोनी टीम में थे, तो ये नहीं था कि वह लीडर नहीं हैं. वह वो इंसान थे जिनसे हम लगातार इनपुट्स लेते रहते थे.
महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को भारत का सबसे सफल कप्तान कहा जाता है. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने आईसीसी द्वारा आयोजित होने वाली तीनो ट्राफी जीती है. इस ख़ास उपलब्धि को पाने वाले धोनी विश्व के अकेले कप्तान है. धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैम्पियंस ट्राफी का खिताब जीता था.