विराट कोहली ने टी20 विश्व कप 2021 में लिए ये 3 फैसले, जो पड़े टीम इंडिया को महंगे

Published - 09 Nov 2021, 06:38 AM

Virat Kohli wrong decisions

T20 World Cup 2021 में टीम इंडिया का सफर खट्टे-मीठे अंदाज में खत्म हो गया। शुरुआती दो मैचों में मिली हार का खामियाजा भारत को कुछ इस तरह भुगतना पड़ा, कि भारत अंतिम चार में बिना जगह बनाए ही टूर्नामेंट से बाहर हो गया। Virat Kohli की टीम ने आखिर के 3 मैचों में लगातार जीत दर्ज की, लेकिन वह दूसरे चरण में पहुंचने के लिए काफी नहीं रही।

इस टूर्नामेंट में कुछ खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीता, तो वहीं कुछ ने काफी निराश किया। लेकिन इन सबके बीच Virat Kohli ने टूर्नामेंट के दौरान कुछ ऐसे फैसले लिए, जो किसी को समझ नहीं आए और यकीनन लंबे वक्त तक उस पर चर्चा होती रहेगी।

हालांकि इस टूर्नामेंट में भारत के सफर के साथ Virat Kohli की T20I कप्तानी का अंत भी हो गया, लेकिन कप्तान टूर्नामेंट में भारत को सेमीफाइनल की टिकट भी नहीं दिला सके। तो आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं भारतीय कप्तान के 3 ऐसे फैसले, जो पड़े टीम पर भारी।

Virat Kohli के 3 फैसले पड़े टीम पर भारी

1- बल्लेबाजी क्रम के साथ छेड़खानी

Virat Kohli-T20 WC 2021

Team India को शुरुआती मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद कप्तान Virat Kohli ने पैनिक बटन दबाया और बल्लेबाजी क्रम को अस्त-व्यस्त कर दिया। रोहित शर्मा और केएल राहुल की ओपनिंग जोड़ी में बदलाव किया, ऐसा होगा, शायद ही किसी ने कभी सोचा हो।

न्यूजीलैंड के खिलाफ ईशान किशन और केएल ने ओपनिंग की और रोहित नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए आए। वहीं कप्तान खुद चार नंबर पर आए। टीम 110 का ही स्कोर खड़ा कर सकी। इस बात में कोई शक नहीं है कि भारत के पास कमाल के विश्व स्तरीय बल्लेबाज हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि कप्तान बल्लेबाजी क्रम को लेकर संतुष्ट ही नहीं हैं।

वह आईपीएल व इंग्लैंड सीरीज में ओपनिंग करते हैं, फिर विश्व कप में पहले नंबर-3 व फिर चार पर खेलते हैं। यदि इस तरह बार-बार बैटिंग क्रम बदला जाए, तो खेल पर तो इसका असर दिखना लाजमी है।

2- लेग स्पिनर को ना खिलाना

Rahul Chahaी

टी-20 वर्ल्ड कप में लेग स्पिनरों का जलवा देखने को मिला। भारत के खिलाफ पहले मैच में पाकिस्तान के शादाब खान ने 4 ओवर में सिर्फ 22 रन दिए और एक विकेट भी निकाला। वहीं, अगर दूसरे मुकाबले की बात करें तो न्यूजीलैंड के ईश सोढी ने तो भारतीय बल्लेबाजों की कमर तोड़ कर रख दी थी। उन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 17 रन दिए और 2 विकेट अपने नाम किए। वो भारत के खिलाफ मुकाबले में मैन ऑफ द मैच भी चुने गए।

इनके आलावा अब तक टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के एडम जम्पा इंग्लैंड के आदिल रशीद और श्रीलंका के हसरंगा ने भी कमाल की गेंदबाजी की, लेकिन टीम इंडिया ने एक भी मैच में अपने लेग स्पिनर को मौका नहीं दिया। राहुल चाहर पूरे टूर्नामेंट में खिलाड़ियों को पानी पिलाते ही नजर आए।

वहीं, पिछले चार साल से टी-20 में टीम इंडिया के सबसे सफल लेग स्पिन गेंदबाज रहे युजवेंद्र चहल का तो टी-20 वर्ल्ड कप के लिए चयन भी नहीं किया गया। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा की Virat Kohli का टीम सिलेक्शन परिस्थितियों के अनुसार सही नहीं रहा।

3- भारत के पास नहीं था प्लान-B

Team India, VIRAT KOHLI

हर टीम सभी मैच जीतना चाहती है, लेकिन यदि वह हार जाती है, तो उसके पास प्लान बी होना ही चाहिए। ताकि मुश्किल वक्त में टीम को संभाला जा सके। मगर Virat Kohli की कप्तानी वाली टीम इंडिया के पास टी20 विश्व कप में प्लान बी था ही नहीं।

खिलाड़ियों के विकल्प ही नहीं लेकर चले कप्तान। जी हां, हार्दिक पंड्या जब असफल हुए तो हम 6वें गेंदबाज के लिए मोहताज हो गए। पाकिस्तान के खिलाफ शमी की पिटाई हुई, मगर हमारे पास विकल्प ही नहीं था, जिसका इस्तेमाल किया जा सके।

टीम के लिए सबसे बड़ी परेशानी खड़ी हो गई कि मैच फिनिश कौन करेगा। हार्दिक के असफल होने के बाद उनके विकल्प के तौर पर कोई मैच खत्म करने वाला टीम में था ही नहीं। वरुण चक्रवर्ती को शुरू के दोनों मैचों में टीम में जगह दी गई। दोनों मैचों में वरुण फ्लॉप हुए, उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। इसके बावजूद उन्हें तीसरे मैच में भी जगह दी गई। वहीं, राहुल चाहर अहम मैचों में केवल दर्शक बने रहे।

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