वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का फाइनल मैच होना है और उससे पहले ही क्रिकेट जगत में बयानों का सिलसिला जारी है. इसी बीच टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने बुद्धवार को इंग्लैंड रवाना होने से पहले अपने बयान के जरिए कई संकेत दिए हैं. कोरोना महामारी के बीच इन दिनों क्रिकेटरों के लिए खेलना काफी मुश्किल हो गया है. इसकी बड़ी वजह बायो बबल है. ऐसे में टीम के कप्तान का क्या कहना है, जानते हैं इस खबर के जरिए..
दो अलग कप्तान होने को लेकर कोहली ने दिया संकेत
टीम इंडिया के मेजबान का मानना है कि, क्रिकेटर जिस तरह से मानसिक रूप से थकाऊ बायो बबल में रहने को मजबूर हैं, उसे ध्यान में रखते हुए आने वाले वक्त में दो अलग-अलग जगहों पर दो भारतीय टीमों का एक समय पर खेलना आम बात होगी. इसका बड़ा उदाहरण जुलाई में भी देखने को मिलेगा. जब सीनियर की गैरमौजूदगी में बी टीम श्रीलंका के दौरे पर जाएगी. इंग्लैंड रवाना होने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में बात करते हुए विराट कोहली (Virat Kohli) ने कहा कि,
'मौजूदा ढांचे और लंबे समय से जिस तरह के नियम में हम खेल रहे हैं, उसमें खिलाड़ियों का उत्साह बनाए रखना और मानसिक ठहराव को पाना मुश्किल है. आप एक ही इलाके में कैद रहते हैं और रोज एक तरह की दिनचर्या रहती है. ऐसे में भविष्य में दो टीमों का एक समय पर अलग-अलग जगहों पर खेलना आम बात होगी.'
कप्तान के बयान से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि, 2 अलग टीम के साथ दो कप्तान भी होंगे. ऐसे में लोगों की निगाहें श्रीलंका दौरे पर गड़ी हैं. इस दौरान मेजबानी की जिम्मेदारी कौन संभालेगा, इसे लेकर संशय बना हुआ है.
खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
ब्रिटेन रवाना होने से पहले टीम इंडिया को 14 दिन के लिए क्वारंटीन का सामना करना पड़ा था. इसके बाद अब इंग्लैंड पहुंचने के बाद फिर से खिलाड़ियों को इसी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा, जो उतना कठिन नहीं होगी. कोरोना के बीच दुनिया के खिलाड़ी बायो बबल में रहकर टूर्नामेंट खेलने की चुनौतियों को लेकर बातचीत कर चुके हैं. इस बारे में विराट कोहली (Virat Kohli) ने बात करते हुए कहा कि,
'कार्यभार के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का पहलू भी अहम है. आज के दौर में जब आप मैदान पर जाते हैं और कमरे में लौटते हैं तो आपके पास ऐसी कोई जगह नहीं होती कि आप खेल से अलग हो सकें. आप वॉक पर या खाने या कॉफी के लिए बाहर जा सकें और कह सकें कि मैं तरोताजा हो सकूं.
यह बड़ी वजह है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. हमने इस टीम के तैयार करने में काफी कड़ी मेहनत की है और हम नहीं चाहते कि मानसिक दबाव के कारण खिलाड़ियों पर इसका प्रभाव पड़े.'
6 सप्ताह बायो बबल में रहते हुए 5 टेस्ट खेलना मजाक नहीं- शास्त्री
आगे इसी सिलसिले में बात करते हुए विराट कोहली (Virat Kohli) ने मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों के ब्रेक मांगने का भी सपोर्ट किया. उन्होंने इस बारे में कहा कि,
'हमेशा एक ऐसा जरिया होना चाहिए जिसके तहत खिलाड़ी प्रबंधन से ये बात कह सकें कि, उन्हें ब्रेक की आवश्यकता है. यह बड़ा पहलू है और मुझे यकीन है कि प्रबंधन इसे समझता है.'
तो वहीं टीम के कोच रवि शास्त्री ने इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए का कि,
"मौजूदा शेड्यूल और पृथकवास ने खिलाड़ियों का काम मुश्किल कर दिया है. बात केवल विश्व चैंपियनशिप की नहीं है बल्कि 6 सप्ताह में इस माहौल में 5 टेस्ट मैच खेलना है, जो मजाक नहीं है. सबसे फिट खिलाड़ियों को भी ब्रेक की जरूरत होगी. मानसिक पहलू को अनदेखा नहीं किया जा सकता है."