Vijay Shankar: वर्ल्ड कप 2019 एमएस धोनी के रन आउट के अलावा अगर किसी और मुद्दे को लेकर याद किया जाता है तो वो है कि आखिर विजय शंकर की टीम इंडिया में एंट्री कैसे हुई। उस समय अंबाती रायुडू की कथित रूप से जगह खाने वाले इस खिलाड़ी का कद कभी भारतीय क्रिकेट में ऊंचा नहीं हो पाया है।
हालांकि घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में उन्होंने अपनी काबिलियत का प्रमाण दिया है। इसकी एक और झलक मौजूदा रणजी ट्रॉफी के सीजन में देखने को मिली जहां विजय शंकर (Vijay Shankar) ने शतक जड़कर चयनकर्ताओं को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है।
Vijay Shankar ने पंजाब के खिलाफ जड़ा शतक
रणजी ट्रॉफी 2024 का सत्र अपने आखिरी चरण की ओर बढ़ चुका है। आज यानि 17 फरवरी को तमिलनाडु और पंजाब के बीच दूसरे दिन का खेल जारी है। जहां तमिलनाडु के हरफनमौला खिलाड़ी विजय शंकर ने सैंकड़ा जड़कर पंजाब के गेंदबाजो की धज्जियां उड़ा दी। सालेम क्रिकेट फाउंडेशन के मैदान में खेले जा रहे इस मैच में तमिलनाडु ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया।
हालांकि टॉप ऑर्डर की विफलता के चलते 104 के स्कोर पर 4 विकेट गिर गए। इसके बाद 6वें नंबर पर विजय शंकर बल्लेबाजी करने के लिए और उन्होंने बाबा इंद्रजीत(167*) के साथ पारी को संभाला और गेंदबाजों की क्लास लगाना शुरू कर दी। खबर लिखने तक भी ये जोड़ी क्रीज पर मौजूद है। विजय शंकर 253 गेंद खेलकर 121 रन पर नाबाद है। जिसमें 11 चौके और 1 छक्का भी शामिल है।
ऐसे बने थे टीम इंडिया के विलेन
इंटरनेशनल क्रिकेट में खुद को साबित नहीं करने वाले विजय शंकर (Vijay Shankar) ने घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन किया है। जिसके चलते वे लगातार चयन की सुर्खियों के बीच बने तो रहते हैं लेकिन टीम इंडिया का दरवाजा तोड़ नहीं पाते हैं। उन्होंने भारत के लिए 12 वनडे और 9 टी20 मैच खेले हैं। जिसमें उन्होंने क्रमश: 223 और 101 रन बनाए हैं।
विजय शंकर साल 2018 में निदाहस ट्रॉफी के फाइनल में विलेन बनते बनते रह गए थे। क्योंकि दिनेश कार्तिक की 8 गेंदों में 29 रन बनाकर भारत को हार के मुंह से निकाला था। जबकि शंकर 19 गेंदों में 17 रन बनाकर लगभग टीम इंडिया की नाव डुबा चुके थे।
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Vijay Shankar को देनी होगी अग्निपरीक्षा
विजय शंकर (Vijay Shankar) के लिए टीम इंडिया में एंट्री हासिल करने का आईपीएल ही एकमात्र जरिया है। गुजरात टाइटंस की ओर से खेलते हुए उन्होंने पिछले सीजन में 3 मुकाबलों में मैच जिताऊ पारी खेली थी। तत्कालीन कप्तान हार्दिक पंड्या ने उन्हें नंबर 3 से लेकर 4 पर बखूबी इस्तेमाल किया। 14 मैचों में उन्होंने 160 के शानदार स्ट्राइकरेट के साथ 301 रन बनाए। इस दौरान विजय का सर्वाधिक निजी स्कोर 63 रहा। अब यदि विजय शंकर को टीम इंडिया में अपनी जगह बनानी है तो हार्दिक पंड्या के साथ शिवम दुबे के प्रदर्शन पर भी नजर रखनी होगी।
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