Virender Sehwag: टीम इंडिया को एक से बढ़कर एक विस्फोटक बल्लेबाज मिले हैं. लेकिन, अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से सबको एंटरटेन करने वाले वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) का नाम सबसे ऊपर आता है. वह पहली बॉल से ही मारना स्टार्ट कर देते थे. सहवाग की गिनती भारत के सफल बल्लेबाजों में होती है. उन्होंने तीनों प्रारूपों में 17 हजार से ऊपर रन बनाए हैं. वहीं सोशल मीडिया पर वीरू का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें उन्होंने अपनी सफल बल्लेबाजी का श्रेय इन 2 भारतीय बल्लेबाजों को दिया है.
Virender Sehwag ने इन 2 दिग्गजों को बताया अपना कोच
- वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने भारत के लिए साल 2001 में पहला टेस्ट खेला था. जबकि आखिरी बार 2013 में नजर आए थे. उन्होंने अपनी 12 साल क्रिकेट जर्नी में आक्रामक अंदाज से ही क्रिकेट खेला.
- सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने सहवाग को काफी फोर्स किया कि वह अपनी बैटिंग शैली में कुछ प्ररिवर्तन करें. लेकिन, उन्होंने आक्रामक रूप में बल्लेबाजी करना जारी रखा.
- लेकिन, इस बीच उनके करियर में कुछ अड़चन भी आई. वह रन नहीं बना पा रहे थे. बिना बड़ी पारी खेले जल्दी आउट हो जाते थे. जब उन्हें सुनील गावस्कर ने एक मशवरा दिया.
- जिसके बाद साल 2003-4 में वीरू ने लंबी-लंबी पारिया खेली. विरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने क्रिकबज पर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि,
''मेरे बैटिंग कोच सुनील गावस्कर और श्रीकांत रहे हैं. उन्होंने मुझे बताया कि आप लेग स्टंप के ज्यादा बाहर खड़े होते हैं. जिसकी वजह से जब आप कवर ड्राइव मारते हैं तो आउट हो जाते हैं और बॉल बल्ले से दूर रह जाती है. जब मैं मिडल स्टंप पर खड़ा होने लगा. उसके बाद मैंने 2002-2203 में बड़ी-बड़ी पारियां खेली.''
सहवाग ने सुनील गावस्कर को लेकर सुनाया मजेदार किस्सा
- वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) जब बल्लेबाजी करने के लिए आते थे तो वह फैंस का मनोरंजन करना नहीं भूलते थे. सहवाग तब तक क्रीज पर बने रहते थे लोगों को पता था कि चौके-छक्कों की बरसात देखने को मिलती रहेगी.
- वह अपनी ऑडियंस को बोरिंग नहीं होने देते थे. वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकबज पर पूर्व खिलाड़ी सुनील गावस्कर को लेकर एक मजेदार किस्सा सुनाया. सहवाग ने बातचीत करते हुए कहा,
''वीरू तू आउट मत हुआ कर, मैं ड्रेसिंग रूप में सोऊंगा नहीं. कई बार उनको जगाने के लिए मुझे लंबी पारियां खेलनी पड़ती थी. ताकि वह देखते रहे. मैं जैसे ही आउट हुआ वो तुरंत वापस आते थे. टेबल के नीचे मस्त टॉवल लगातर, बढ़िया नींद लेते थे. उनको मेरे अलावा किसी और की बैटिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी. गावस्कर टीम मीटिंग में भी यहीं कहते थे कि मैं मैच तब तक देख रहा हूं. जब तक सहवाग बैटिंग कर रहा है.''