जानिए क्या है इतिहास के पन्नों में दर्ज इंग्लैंड से जुड़ा 'वैसलीन कांड' शर्मसार हुआ था जेंटलमैन गेम

Published - 08 Feb 2021, 05:34 PM

खिलाड़ी

क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे वाक्ये दर्ज होते हैं, जिन्हें क्रिकेट जगत कभी नहीं भूल सकता। कई बार खिलाड़ियं के बीच विवाद को इतिहास में दर्ज हो जाता है, तो कभी किसी टीम या खिलाड़ी द्वारा की गई चीटिंग भी क्रिकेट पर धब्बा बनकर इतिहास में रह जाता है। ऐसे कई वाक्यों से आप वाकिफ होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 'वैसनील कांड' क्या था।

45 साल पुराना है 'वैसनील कांड'

वैसलीन कांड

यदि आपको 'वैसनील कांड' के बारे में जानना है, तो कुछ लगभग 45 साल पुराने इंग्लैंड के भारत दौरे को याद करना होगा। असल में इंग्लैंड क्रिकेट टीम 1976-77 में चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने भारत दौरे पर आई थी। तब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बिशन सिंह बेदी ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जॉन लीवर पर गेंद पर गलत तरीके से वैसलीन लगाने का आरोप लगाया था।

भारतीय कप्तान द्वारा इंग्लिश गेंदबाज पर लगाए गए इस आरोप ने विश्व क्रिकेट में हाहाकार मचा दिया था। इसका सबसे बड़ा कारण था कि उस वक्त भारत का कद विश्व क्रिकेट में इतना बड़ा नहीं था, लेकिन इंग्लैंड का तो माना खेल में सिक्का चलता था। इस आरोप के चलते ही 1976-77 में खेले गए भारत-इंग्लैंड के बीच खेले गए उस टेस्ट मैच में को वैसलीन टेस्ट कहा गया।

जॉन लीवर की स्विंग गेंदबाजी बन गई भारत की सिरदर्दी

जब 1976-77 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम भारत दौरे पर चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने आई। तब उस सीरीज के शुरुआती दो मैचों में तो पूरी तरह से इंग्लैंड ने भारत पर अपनी पकड़ बनाए रखी। जिसका मुख्य कारण थे इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जॉनी लीवर।

भारत और इंग्लैंड के बीच पहला मुकाबला दिल्ली में खेला गया, जहां जॉनी लीवर की दोनों ओर स्विंग करती गेंदों ने भारत के बल्लेबाजों को क्रीज पर टिकने ही नहीं दिया। यहां उन्होंने 10 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी। फिर कोलकाता में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला।

चेन्नई में बेदी ने लगाया सनसनीखेज आरोप

इस तरह इंग्लैंड ने 2-0 की बढ़त हासिल कर ली। लेकिन तीसरा मैच चेन्नई के मैदान में खेला गया। चेन्नई में भी कहानी नहीं बदली और जॉन की खतरनाक स्विंग गेंदबाजी के सामने भारतीय टीम घुटने टेकती नजर आई और इसी के साथ इंग्लैंड ने सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली।

लेकिन इस कहानी में ट्विस्ट तब आया, जब कप्तान बेदी ने अंपायर से जॉन द्वारा गेंद के साथ पर वैसलीन लगाकर स्विंग कराने का लगाया गया। उन्होंने गौर किया कि जब भी जॉन रनअप के लिए जाते हैं तो वहां रखी स्ट्रिप से कुछ लेकर माथे पर लगाता है और फिर गेंद पर। हालांकि बेदी के इस आरोप के बाद जब तेज गेंदबाज से पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि वह वैसलीन का इस्तेमाल अपनी भौहों पर लगाने के लिए कर रहे हैं, ताकि पसीना उनकी आंखों पर ना आए।

मगर भारतीय कप्तान इस जवाब से संतुष्ट नहीं थे। बाद में चौथा मैच भारत ने जीतकर सम्मान को बरकरार रखा। बताते चलें, भले ही उस वक्त बेदी की बात को दबा दिया गया था, लेकिन बाद में वैसलीन लगाने को बैन कर दिया गया और अब यदि कोई गेंदबाज इसका इस्तेमाल करता है, तो उसपर बॉल टेम्परिंग के तहत सख्त कार्रवाई होती है।