वर्ल्ड कप 2023 से पहले पुलिस केस में बुरी तरह फंसे विराट कोहली, हाई कोर्ट ने दिग्गज के खिलाफ सुनाया ऐसा फरमान

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Nishant Kumar
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uttarakhand hc take cognizance of virat kohli video before world cup 2023

Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट टीम के अहम बल्लेबाज विराट कोहली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें टीम इंडिया के पूर्व कप्तान स्टेडियम के बारे में बात कर रहे हैं। हालांकि वीडियो जारी होने के बाद मामला अब सीधे कोर्ट पहुंच गया है। इस वीडियो के सामने आने के बाद उत्तराखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आख़िर क्या है ये वीडियो और इसमें विराट कोहली (Virat Kohli) क्या कहते हैं। आइये आपको बताते हैं...

इस वीडियो ने बढ़ाई Virat Kohli की टेंशन

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विराट कोहली (Virat Kohli) के हालिया वीडियो में उन्होंने स्टेडियम की खस्ताहालत के बारे में बात की। वीडियो में कोहली देश में बच्चों के लिए खेल के मैदानों की कमी के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने इस वीडियो में बताया कि खेलने की जगह न होने के कारण बच्चों को सड़कों पर खेलना पड़ता है। बच्चों से बातचीत करते हुए उन्होंने उनके लिए खेल के मैदानों की कमी और क्षेत्र की वास्तविकताओं के बारे में बात की। उनके इस वीडियो पर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस वीडियो के मामले में उत्तराखंड के खेल सचिव और भारत सरकार के शहरी विकास सचिव और युवा खेल सचिव और अन्य को नोटिस भी जारी किया है। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि बच्चों के लिए खेल के मैदान बनाने के लिए क्या नीति लागू की गई है। अब इस पूरे मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी।

कोहली के वीडियो पर कोर्ट ने क्या कहा?

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विराट कोहली (Virat Kohli) के वीडियो पर हाईकोर्ट ने कहा कि कई जगहों पर बच्चों के खेलने के लिए खेल के मैदान नहीं हैं। इससे पहले कुछ बच्चों ने भी चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था, "जिसमें उन्होंने कहा था कि वहां रहने वाले लोगों को सड़कों पर क्रिकेट खेलने में दिक्कत होती है, जिससे उनकी शांति भंग होती है।"

'खेलो इंडिया' कार्यक्रम के तहत कोर्ट ने उठाया सवाल

कोर्ट ने विराट कोहली (Virat Kohli) के वीडियो पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब बच्चे शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं तो उनका मानसिक विकास तेजी से होता है। वहीं, जब उनके पास फिटनेस बनाए रखने की सुविधाएं नहीं होती तो वे अपना समय कंप्यूटर, फोन और लैपटॉप पर बिताते हैं। ऐसे में उनका शारीरिक और मानसिक विकास धीमा हो जाता है।

इस संदर्भ में कोर्ट ने कहा है कि बच्चों के विकास के लिए खेल के मैदान जरूरी हैं। सरकारों से खेल के मैदानों से जुड़ी नीतियां भी स्पष्ट करने को कहा गया है। अदालत ने 'खेलो इंडिया' कार्यक्रम के तहत चलाई जा रही योजनाओं पर भी सवाल उठाया, जो बच्चों के लिए खेल के मैदान उपलब्ध कराती है।

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Virat Kohli team india World Cup 2023