Uttarakhand Cricket Team को रणजी क्वाटरफाइनल मैच से पहले बहुत ही बुरी तरह से ट्रीट किया गया। बहुत कम लोग जानते थे कि मुंबई के प्रतिद्वंद्वी बहुत पहले प्रतियोगिता से बाहर हो गए थे। डेली अलाउंस यानी डीए नहीं मिलने से उत्तराखंड टीम के खिलाड़ी भूखे और बेचैन थे। टीम मैनेजर ने उन्हें कहा कि वे अपने खाने की व्यवस्था Swiggy या Zomato से करें। आपको यह सुनकर ताज्जुब होगा कि उनका डीए उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक मज़दूर के डीए से भी कम है।
Uttarakhand Cricket Team के साथ क्वाटरफाइनल मैच से पहले हुआ ऐसा बुरा व्यवहार
9 जून को मुंबई और उत्तराखंड क्रिकेट टीम के बीच रणजी ट्रॉफी का क्वाटरफाइनल मैच खेला गया। इस मैच में उत्तराखंड की टीम (Uttarakhand Cricket Team) को रिकॉर्ड हार का सामना करना पड़ा। मुंबई टीम ने 725 रनों से उत्तराखंड को शिकस्त दी। इस करारी हार के बाद उत्तराखंड की टीम (Uttarakhand Cricket Team) पर कई सवाल उठने लगे। इसी बीच ऐसे खुलासे हुए जिन्हें जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। दरअसल, न्यूज वेबसाइट न्यूज 9 के मुताबिक हारने से पहले उत्तराखंड टीम के खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में भूख से तड़प रहे थे।
क्योंकि उन्हें डेली अलाउंस नहीं मिला था। ताज्जुब की बात तो ये है कि इन खिलाड़ियों को प्रतिदिन 100 रुपये दैनिक भत्ता के रूप में दिया जा रहा है, जोकि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में किसी मजदूर को दिए जाने वाले डेली अलाउंस से भी कम है। जब एक खिलाड़ी ने दैनिक भत्ते के लिए टीम मैनेजर से पूछा तो उन्होंने कहा कि अपने खर्चे से ही किसी एप से खाने का इंतजाम कर लो। मैनेजर ने कहा,
“अरे क्यों बार बार ये सवाल पूछते हो, भाई? पैसे आ जाएंगे, तब तक आप स्विगी या ज़मैटो से मंगवा लीजिए ना…”
क्या Uttarakhand Cricket Team के खिलाड़ियों के साथ हो रही है धोखाधड़ी?
एक और चौंका देने वाला खुलासा ये हुआ कि उत्तराखंड के हर सीनियर खिलाड़ी के लिए 1500 रुपये दैनिक डेली अलाउंस है, जोकि बढ़कर अब 2000 रुपये हो गया है। लेकिन असलियत में पिछले एक साल से खिलाड़ियों को प्रतिदिन 100 रुपये भी बहुत मुश्किल से मिल रहे हैं। ऐसे में इस टीम चयन से लेकर फंड प्रबंधन और उत्तराखंड टीम के बैकरूम स्टाफ के चयन से लेकर विभिन्न वित्तीय मामलों में अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं।
उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने जो ऑडिट रिपोर्ट दी थी, उस पर खिलाड़ियों ने ऐतराज़ जताते हुए आरोप लगाए थे कि उन्हें मैच फीस या दैनिक भत्ते पूरे नहीं दिए गए। खिलाड़ियों ने कथित तौर पर प्रबंधन पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप भी लगाए हैं।