विराट कोहली के इस साथी भारतीय खिलाड़ी ने मात्र 30 वर्ष के उम्र में क्रिकेट को कहा अलविदा

Table of Contents
भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली जिन्हें उनके फैंस 'रन मशीन' के नाम भी जानते हैं. उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में ना जाने कितने रिकॉर्ड तोड़े हैं और साथ ही कई रिकॉर्ड बनाए हैं. लेकिन इससे पहले साल 2008 में विराट कोहली ने टीम इंडिया अंडर-19 क्रिकेट टीम की कप्तानी की थी. जिसमें उनकी कप्तानी में खेलने वाले उनके साथ ने अब क्रिकेट से संन्यास ले लिए है.
तन्मय श्रीवास्तव ने अपने क्रिकेट करियर से लिया संन्यास
उत्तर प्रदेश से आने वाले विराट कोहली के साथी रहे तन्मय श्रीवास्तव ने सभी तरह की क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. तन्मय श्रीवास्तव ने 30 वर्ष की आयु में क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया है. उन्होने साल 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया अंडर-19 क्रिकेट टीम में खेला था.
जिसके बाद विराट कोहली को मौका मिलता गया और आज वो इंटरनेशनल क्रिकेट में कप्तान का भार संभाल रहे हैं. लेकिन तन्मय श्रीवास्तव के साथ कुछ भी ऐसा नहीं हुआ. तन्मय ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 90 मैच खेले हैं. जिसमें उन्होंने 4918 रन बनाए.
तो वहीं उन्होंने 45 लिस्ट ए मैच खेले, जिसमें उन्होंने 1728 रन बनाए. लेकिन अब उन्होंने करियर को थाम लिया है. संन्यास का फैसला उन्होंने शनिवार 24 अक्टूबर को किया, जिसमें एक नोट लिखा और हर किसी का धन्यवाद जताया.
अपने संन्यास पर तन्मय ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए कहा?
तन्मय श्रीवास्तव ने ईएसपीएन क्रिक इंफो बात करते हुए कहा कि
"मैं उत्तराखंड के लिए खेलने नहीं जा रहूँ. तो मेरे पास अभी किसी भी तरह का कोई फ्यूचर प्लान नहीं हैं. मैंने आजतक आईपीएल में नहीं खेला, तो मुझे इंडिया की टीम में खेलने का मौका भी नहीं मिला. इसलिए अब मैं क्रिकेट को आगे भी जारी नहीं रख सकता हूँ.कुछ भी बदला नहीं है. मैंने किसी भी युवा का रास्ता नहीं रोक सकता हूँ. हो सकता है मुझे से भी अच्छा कोई खिलाड़ी हो, जिसे सही समय पर सही मौका मिले. वो मेरे लिए काफी अच्छी बात है होगी."
"मेरी जिंदगी में सबसे अच्छा पल वो था जब मैंने साल 2006 में चैलेंजर ट्रॉफी में क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के साथ ओपनिंग की थी, उस समय में केवल 17 साल का था. वो एक हीरो है, जो मेरे लिए काफी बड़ी बात हैं. फर्स्ट क्लास के फाइनल में अंडर-19 टीम का हिस्सा बनकर शतक मारना और कप जिताना काफी बड़ी बात थी."
मैं अपने करियर से खुश हूँ
उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि
"मैं हर सीजन में 500-600 रन बनाता था, जो सही था. लेकिन इस बीच कुछ और भी बल्लेबाज थे जो ऐसा करने में सक्षम और उन्होंने भी इसी तरह के रन बनाए. इस वजह से मैं अपने आप को ज्यादा साबित नहीं कर पाया. सर्दी के समय में अपनी टीम के लिए ओपनिंग करना मेरे थोड़ी मुश्किल साबित होता था. लेकिन मैं अपने करियर से खुश हूँ जिनता मैंने खेला."