जब पहली बार सचिन तेंदुलकर को शून्य पर आउट कर भुवनेश्वर कुमार ने मचा दिया था तहलका

Published - 08 Jun 2018, 08:41 AM

खिलाड़ी

टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार के नाम क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शून्य पर आउट करने का रिकॉर्ड है. भुवी इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने यह कारनामा किया है. उन्होंने सचिन को 2008-09 में रणजी ट्रॉफी फाइनल में आउट कर यह रिकॉड बनाया था.

वे उस वक्त मात्र 19 वर्ष के थे. इस बात को याद कर यह गेंदबाज आज भी खुद को गौरवान्वित महसूस करता है. अभी हाल ही में टीम इंडिया का यह गेंदबाज गौरव कपूर के शो ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस में पहुंचे थे जहां उन्होंने इस बात का जिक्र किया. साथ ही भुवनेश्वर कुमार ने सचिन के विकेट के पीछे की कहानी शो के दौरान शेयर की.

दरअसल 2008-09 में यूपी और मुंबई के बीच हैदराबाद में रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला खेला जा रहा था. उस समय भुवी 19 साल के भी नहीं हुए थे. उन्होंने सचिन को शून्य पर आउट कर तहलका मचा दिया था.

संयोग की बात है कि सचिन उससे पहले घरेलू क्रिकेट में शून्य पर आउट नहीं हुए थे. यानी घरेलू क्रिकेट में सचिन को शून्य के स्कोर पर आउट करने गेंदबाज के रूप में भुवी ने अपनी पहचान बना ली. इसके अलावा भुवनेश्वर कुमार के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक अनोखा रिकॉर्ड भी दर्ज है. उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूप में डेब्यू मैच में पहला विकेट बोल्ड करके लिया. टी-20 अंतरराष्ट्रीय डेब्यू मैच में उन्होंने पाकिस्तान के नासिर जमशेद, वनडे में मोहम्मद हफीज और टेस्ट क्रिकेट में डेविड वॉर्नर को बोल्ड किया है.

इस मैच के बारे में भुवी ने बताया कि मेरी सचिन सर से मुलाक़ात मैच के सुबह ही हुई. जब मैंने उन्हें अपने साथ देखा तो मैं बिल्कुल ब्लैंक हो गया. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं सिर्फ उन्हें बिना नज़र हटाये देखे जा रहा था. ग्राउंड पर भी जब वो बल्लेबाजी के लिए आ रहे थे तो मुझे उन्हें देखने के सिवा कुछ नहीं समझ आ रहा था.

भुवी ने कहा कि जिस एंड से मैं गेंदबाजी कर रहा था वो ड्रेसिंग रुप मे वहीं से आ रहे थे और मैं उन्हें देखे जा रहा था. मैंने वो गेंद बिना किसी प्लान के फेंकी और किस्मत से मुझे विकट मिल गयी. मुझे उस वक़्त यकीन नहीं हुआ कि ऐसा हुआ है लेकिन मैच के बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ.

सच कहू तो इस विकेट का श्रेय हमारे कप्तान मोहम्मद कैफ को जाता है. क्योंकि सचिन का कैच जहां पकड़ा गया वह ना शॉट लेग था और न ही मिड विकेट था. कैफ ने फील्डिंग सेट करते हुए फील्डिर शिवाकांत शुक्ला जो शॉट लेग में खड़े थे उन्हें थोड़ा पीछे धकेल दिया. और कैच उनके हाथ में पहुंच गया. अगर वो शॉट लेग में होते तो शायद वो कैच नहीं पकड़ पाते.

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