अंडर-19 के वो 5 प्रतिभाशाली खिलाड़ी जिनको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जौहर दिखाने का मौका नहीं मिला

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पाकस
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भारत एक ऐसा देश है जहां हर साल सैंकड़ों की संख्या में नए-नए क्रिकेटर निकलते हैं. वो भी सभी प्रतिभा से भरपूर. भारतीय टीम दिन-प्रतिदिन जिस तरह से मजबूत होकर अन्य सभी टीमों को चुनौती देती हुई जीत दर्ज कर रही है. ऐसे में देश के सभी युवा क्रिकेटर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का सपना संजोए हुए आगे बढ़ते हैं. उन्हें घरेलू से लेकर अन्य सभी स्पर्धाओं में अच्छा प्रदर्शन करना होता है.

वैसे इतने सालों में कई क्रिकेटर्स निकले जिन्होंने ना सिर्फ घरेलू Cricket बल्कि अंडर-19 में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. बल्कि भारतीय टीम के लिए भी अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन, आज हम ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने अंडर-19 में देश का प्रतिनिधित्व  किया, बावजूद इसके उन्हें राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला.

ये हैं अंडर-19 Cricket के प्रतिभाशाली क्रिकेटर

1. तन्मय श्रीवास्तव (Tanmay Srivastava)

(Tanmay cricket

24 अक्टूबर 2020 को Cricket से संन्यास लेने वाले 31 वर्षीय तन्मय श्रीवास्तव 2008 में अंडर-19 विश्व कप जीतने वाले टीम का हिस्सा थे. उन्होंने टीम के लिए 6 मैचों में 262 रन बनाए थे. काबिलेतारीफ प्रदर्शन करने के बाद भी उन्हें राष्ट्रीय टीम में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया.

2008 का विश्व कप खत्म होने के बाद यह आशंका जताई जा रही थी कि उन्हें मौका दिया जाएगा, लेकिन उसी टीम के विराट कोहली को मौका दे दिया गया. यही नहीं उस विश्व कप के फाइनल मैच में उन्होंने 43 रनों की पारी खेली थी. किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें  आईपीएल  (IPL) में खेलने का मौका भी दिया था. लेकिन, वो ज्यादा कामयाब नहीं हो सके.

2. विजयकुमार महेश (Vijaykumar Yo Mahesh)

Vijaykum

आईपीएल में चेन्नई और दिल्ली की तरफ से तेज गेंदबाजी करते हुए 18 मैचों में 21 विकेट लेने वाले तमिलनाडु के विजयकुमार यो महेश 2006 के अंडर-19 विश्व कप में 11 विकेट लेकर सुर्ख़ियों में आए थे. आईपीएल के अपने पहले ही सीजन में दिल्ली कैपिटल्स के लिए उन्होंने 16 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया था. अंडर-19 में मैच जिताऊ प्रदर्शन करने वाले विजयकुमार ने अपने प्रथम श्रेणी मैचों में 1119 रन बनाने के साथ 108 विकेट भी लिए हैं और लिस्ट ए के 61 मैचों में 93 विकेट हासिल कर खुद को Cricket में बेहतरीन गेंदबाज के रूप में पेश किया. बावजूद इसके उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल करना ठीक नहीं समझा गया.

3. गौरव धीमान (Gaurav Dhiman)

Gaurav Dhiman)

शिखर धवन के साथ 2004 के अंडर-19 Cricket विश्वकप में अपने आलराउंडर खेल का प्रदर्शन करने वाले गौरव धीमान ने 2006 में भी भारतीय टीम के लिए अंडर-19 का विश्व कप खेला था. इस मध्यम गति के तेज गेंदबाज और और दाएं हाथ के बल्लेबाज को 2008 में मुंबई इंडियंस और 2009 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने आईपीएल खेलने के लिए चुना था, लेकिन खेलने का मौका ही नहीं दिया. दोनों ही विश्व कप में टीम की जीत में मुख्य भूमिका निभाने वाले इस आलराउंडर खिलाड़ी को भारतीय टीम के लिए कभी भी नहीं चुना गया.

4. मनविंदर बिसला (Manvinder Bisla)

Manvinder Bisla

49 प्रथम श्रेणी मैचों में  2207 रन और 48 लिस्ट ए मैचों में 1132 रन बनाने वाले मनविंदर बिस्ला ने 2002 के अंडर-19 Cricket विश्व कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था. यही नहीं 2002 में वो भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे. इस प्रतिभाशाली विकेटकीपर बल्लेबाज को उनके खेल की वजह से ही 2009 में डेक्कन चार्जर्स ने अपनी टीम की तरफ से आईपीएल में खेलने का मौका दिया था.

लेकिन, उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. अपने कुल 39 मैचों में 798 रन बना चुके बिस्ला ने अपनी ख्याति के अनुरूप ही बल्लेबाजी की थी. आईपीएल 2012 में उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 48 गेंदों में 89 रन बनाकर टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बावजूद इसके इस प्रतिभाशाली क्रिकेटर को एक भी बार राष्ट्रीय मैच में पदार्पण करना का मौका नहीं मिला.

5. उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand)

(Unmukt Chand) huki

अंडर-19 Cricket विश्व कप में टीम इंडिया की कमान संभाल चुके हैं उन्मुक्त चंद. 2012 में विश्व कप में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर चुके चंद ने घरेलू क्रिकेट में भी कई बार मैच जिताऊ प्रदर्शन किया है. 2012 में अंडर-19 एशिया कप ही श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ लगातार दो मैचों में शतक लगा चुके उन्मुक्त ने हर बार खुद को बड़े मैच का खिलाड़ी साबित किया है. उन्मुक्त चंद ने आईपीएल में भी दिल्ली डेयरडेविल्स, मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के लिए भी बल्लेबाजी की है. हालांकि आईपीएल में वो ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहे. लेकिन, बावजूद इसके उन्हें राष्ट्रीय टीम की तरफ से प्रदर्शन करने का मौका नहीं दिया गया.

उन्मुक्त चंद