टी20I टीम में जगह बनाने के बाद अब वनडे में भी अपना स्थान पक्का करना चाहते हैं जयदेव उनादकट, 2019 के विश्व कप को बनाया अपना लक्ष्य

Published - 05 Mar 2018, 08:12 AM

खिलाड़ी

कल यानि मंगलवार को भारत-बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच हो रही निदहास ट्रॉफी का पहला मैच कोलंबो स्थित प्रेमदासा स्टेडियम में भारत बनाम श्रीलंका खेला जाएगा। मैच भारतीय समयानुसार शाम 7ः00 बजे से शुरू होगा। भारतीय टीम युवा जोश से भरी हुई है। तो वहीं श्रीलंका की टीम मेंटोर महेला जयवर्धने से जीत के खास गुर सीख रही है।

जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर की गैर मौजूदगी में गेंदबाजी का दरोमदार जयदेव उनादकट के कंधों पर होगा। वहीं उनादकट भी इस खास मौके को गंवाने के मूड में नहीं हैं। वो इसी के बहाने बड़े टारगेट पर निशाना साध रहे हैं। जिसका खुलासा खुद जयदेव उनादकट ने किया।

वनडे टीम में जगह बनाना चाहते हैं उनादकट

जयदेव उनादकट पिछली श्रीलंका के साथ हुई घरेलू सीरीज में टी-20 टीम का हिस्सा रहे हैं। हाल ही में अफ्रीका में संपन्न हुई टी-20 सीरीज में भी वो टीम का ही हिस्सा रहे है और अब निदहास ट्रॉफी में। लेकिन जयदेव उनादकट का अगला निशाना वनडे टीम में वापसी करना है। अभी उनादकट को वनडे टीम में जगह नहीं मिली है। इस दौरान उनादकट ने कहा कि,‘मैं ऐसा सोचता हूं कि यह आने वाले बड़े टूर्नमेंट की तैयारी है, ना की सिर्फ टी20लेकिन एकदिवसीय के लिए भी।

विश्वकप उनादकट का अगला निशाना

जयदेव उनादकट अगले साल होने वाले एकदिवसीय विश्वकप और टी-20 विश्नकप में टीम का हिस्सा बनने की कोशिश में हैं। वो हर हाल में आगामी विश्वकप खेलना चाहते है।उनादकट ने एक बयान में खुद कहा कि हमारा अगला निशाना बड़े टूर्नामेंट हैं। हालांकि वो अभी भी बड़े टूर्नामेंट में टीम का हिस्सा नहीं है लेकिन जल्द ही वो वापसी की कोशिशों में लगे हुए हैं।उनादकट ने कहा,

''मैं ऐसा सोचता हूं कि यह आने वाले बड़े टूर्नमेंट की तैयारी है, ना की सिर्फ टी20 विश्व कप लेकिन एकदिवसीय के लिए भी। जैसाकि मैंने कहा यह टीम में जगह बनाने के बारे में, मैदान पर अपने कौशल दिखाने के साथ अब टीम प्रबंधन को भी मुझ पर भरोसा है।’

लंबे समय से वनडे टीम से चल रहे बाहर

जयदेव उनादकट लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने अपने करियर का पहला वनडे मैच 24 जुलाई 2013 को जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में खेला था। वहीं उनादकट ने अपना अंतिम वनडे मैच 21 नंवबर 2013 में कोचि में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। हालांकि इसके बाद उन्हें वनडे टीम में जगह नहीं मिल पाई। इस मैच में उनादकट ने 6 ओवर में 39 रन दिए थे और एक भी सफलता नहीं मिली।

श्रीलंका दौरे में अहम जिम्मेदारी

श्रीलंका दोरे में गेंदबाज जयदेव उनादकट के कंधे पर अहम जिम्मेदारी होगी। जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार की गैर मौजूदगी में वो युवा गेंदबाजों का नेतृत्व करते नजर आएंगे। तो वहीं जीत का भी दरोमदार इन्हीं के कंधों पर होगा। उनादकट टीम में भारत के पेशर के तौर पर होंगे।

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