अंडर 19 वर्ल्डकप 2022 (U19 worldcup 2022) शुरू हो गया है, जिसमें 16 देशों ने भाग लिया है. इस विश्वकप में एक से एक बढ़कर एक युवा खिलाड़ी मौजूद है जो आगे जाके अपने देश की सीनियर टीम में धमाल मचाने वाला है. लेकिन इन सबके बीच किसी की भी साइड स्टोरी आयरलैंड के इस खिलाड़ी जैसी नहीं होगी. हम बात कर रहे हैं मुजामिल शरजाद (Muzamil Sherzad) की. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए मुजामिल ने काफी संघर्ष किया है. तो आइये नज़र डालते हैं उनके सफर पर, कि उन्होंने कितनी मेहनत से अपनी ज़िंदगी में यह मुकाम हासिल किया है.
अफगानिस्तान से आयरलैंड पहुंचने तक का संघर्ष
मुजामिल शरजाद अफगानिस्तान से हैं, उन्होंने पहले अफगानिस्तान की गलियों में क्रिकेट खेलना शुरू किया. तकरीबन 5 साल पहले, जब ये युवा खिलाड़ी 14 साल का था, तब उनकी मां ने पैसे देकर एक दलाल को उन्हें आयरलैंड ले जाने को कहा, जहां मुजामिल के चाचा रहते हैं और वहां एक फास्ट फ़ूड स्टॉल पर काम भी करते हैं.
आपको बता दें कि शरजाद को ये सफर तय करने में लगभग 8 से 9 महीने लग गए. उन्होंने दूसरे प्रवासियों के साथ फ्रांस, इटली, क्रोएशिया, सर्बिया, बुल्गारिया, तुर्की, ईरान और पाकिस्तान समेत की सीमाएं लांघी. जिस बीच वह चले दौड़े, कभी-कभी तो इतने बुरे हालात सामने आ गए कि उन्हें जंगलों में छिपना पड़ा, मैदानों में सोना पड़ा.8300 किलोमीटर का संघर्षपूर्ण तय करने के बाद अंत में मुजामिल आयरलैंड पहुंच गए और अपने चाचा से मिलने में कामियाब रहे.
आयरलैंड में कुछ ऐसे चढ़ी क्रिकेट की दीवानगी
मुजामिल शरजाद ने देखा कि आयरलैंड में क्रिकेट का शौक सबको है, ऐसे में वह क्रिकेट खेलकर नए दोस्त बना सकते हैं और अपनी एक नई पहचान हासिल कर सकते हैं. शरजाद ने ऐसा करने की ठानी और उन्होंने बखूबी करके भी दिखाया. साथ ही उनकी किस्मत ने भी उनका साथ दिया जिसके चलते वह जल्दी ही इस नए देश (आयरलैंड) के वर्ल्डकप टीम का हिस्सा बन गए. आपको बता दें कि इस युवा खिलाड़ी ने महज़ 5 साल की उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था. इसके अलावा मुजामिल ने गुयाना से ज़ूम कॉल पर द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि,
" घर में प्रॉपर्टी को लेकर लड़ाई झगड़े हुए. मेरी मां एक दलाल को जानती थी. और, उसने मेरा पैकअप कर दिया. मेरी जिंदगी तब खतरे में थी. ” उन्होंने बताया कि एक बार जब मैं जब कैंप में था . हम क्रोएशिया के बॉर्डर क्रॉस करने की महीनों से कोशिश कर रहे थे.तब हम ट्रक से 3-4 दिन की यात्रा कर मिलान पहुंचे थे.”
उन्होंने यह भी बताया कि, "पहली बार मैं शरजाद से अक्टूबर 2019 मे मिला, जब वो टैलेंट आइडेन्टिफिकेशन प्रोग्राम में भाग लेने आए थे. वो एकेडमी के कुछ बल्लेबाजों को गेंद करा रहे थे. तब मैंने उन्हें देखा था. हमने उनकी गेंदबाजी के कुछ वीडियो बनाए और एकेडमी मैनेजर को दिखाया, जिसके बाद उन्हें आगे के सेशन के लिए बुलाया गया. हमें तब तक उनके पास्ट के बारे में पता नहीं था.”
अंडर 19 वर्ल्डकप 2022 तक पहुंचने के लिए मुजामिल शरजाद ने काफी संघर्ष किया है, अब उम्मीद करते हैं कि वह विश्वकप में भी अपनी अच्छी गेंदबाज़ी से सबको प्रभावित करते दिखाई देंगे.