अंडर-19 विश्व कप (U19 World Cup) के फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को हराकर खिताब अपने नाम किया. इस जीत में एक फौजी के बेटे का अहम योगदान रहा. जिसने अपने तेजतर्रार गेंजबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों के होश फाग्ता उड़ा दिये. खिताबी मुकाबले में भारत के तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन कमाल का रहा. रवि कुमार इस विश्व कप में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. उन्होंने छह मैचों में 10 विकेट झटके. सेमीफाइनल और फाइनल में टीम इंडिया की जीत में उनका अहम योगदान रहा.
फौजी के बेटे ने U19 World Cup में दिखाया कमाल
चैंपियन खिलाड़ी रवि कुमार (Ravi kumar) के पिता रजिंदर सिंह सीआरपीएफ में जवान हैं और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की पद पर हैं. वह फिलहाल ओडिशा के माओवादी प्रभावित रायगढ़ जिले में तैनात हैं. रजिंदर ने अब तक अपनी पूरी जिंदगी देश की सेवा में लगा दी. अब उनका 18 साल का बेटा भी क्रिकेट में देश की सेवा कर रहा है. रवि की घातक गेंदबाजी की बदौलत ही भारत ने पांचवीं बार अंडर-19 विश्व कप का खिताब जीता.
इस पूरे टूर्नामेंट में रवि कुमार ने शानदार गेंदबाजी की. रवि कुमार इस विश्व कप में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. उन्होंने छह मैचों में 10 विकेट अपने नाम किये. सबसे खास बात तो यह रवि कुमार ने फाइनल जैसे बड़े मुकाबवे में 4 विकेट लेकर विरोधी टीम की कमर तोड़.
रवि के पिता 2006 में ग्रेनेड हमले में हुए थे घायल
भारतीय टीम अंडर-19 खिलाड़ी रवि कुमार का परिवार देश की सेवा कर रहा है. पिता फौज में दुश्मनों का सामना कर रहे हैं तो बेटा अपनी धारदार गेंदबाजी से टीम की रक्षा कर रहा है. रवि के पिता रजिंदर सिंह सीआरपीएफ में जवान हैं और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की पद पर हैं. उन्होंने इस घटना की पूरी कहानी बताई।
"रजिंदर सिंह बताते हैं कि 2006 में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक ग्रेनेड हमले में वह बुरी तरह घायल हो गए थे। तब रवि दो साल के थे। इस हमले में एक सैनिक की मौत हुई थी, वहीं 11 जवान घायल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने कभी इसका जिक्र अपने परिवार से नहीं किया। रजिंदर ने लगभग सारा जीवन श्रीनगर में आतंकियों से प्रभावित इलाकों में बिताया है, लेकिन उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि उनकी पत्नी और तीन बच्चे चैन से रहें और सोएं"