"जब तक मैं वहा हूं", Gautam Gambhir ने इस मंत्र से भारत को वर्ल्ड कप 2011 में बनाया चैंपियन, 13 साल बाद किया खुलासा
"जब तक मैं वहा हूं", Gautam Gambhir ने इस मंत्र से भारत को वर्ल्ड कप 2011 में बनाया चैंपियन, 13 साल बाद किया खुलासा

Gautam Gambhir: 2 अप्रैल 2011 की तारीख भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. ठीक 13 साल पहले इसी तारीख को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत ने श्रीलंका को हराकर दूसरी बार वनडे विश्व कप का खिताब जीता था. वो तारीख, वो मैच, वो जीत, वो जश्न सबकुछ भारतीय क्रिकेट फैंस के दिल में आज भी कैद है.

2 अप्रैल जब भी आता है तो भारतीय टीम के वे सभी खिलाड़ी जो उस मैच के दौरान प्लेइंग XI और टीम का हिस्सा थे. उस सुनहरी याद में खो जाते हैं और कई अनकही कहानियां सामने आती हैं. विश्व कप जीत में बड़ा किरदार निभाने वाले गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का एक वैसा ही बयान सोशल मीडिया पर वायरल है.

मैं जब तक क्रीज पर हूँ भारत हार नहीं सकता- Gautam Gambhir

  • विश्व कप 2011 की जीत के 13 साल बाद सोशल मीडिया पर गौतम गंभीर के एक इंटरव्यू का छोटा अंश वायरल हो रहा है. ये इंटरव्यू उन्होंने कुछ माह पहले दिया था.
  • इस इंटरव्यू में उन्होंने फाइनल मैच और अपनी पारी का जिक्र करते हुए कहा है कि, आप कभी कभी किसी आयोजन का इंतजार नहीं कर रहे होते हैं.
  • फाइनल जैसे इवेंट में ये भी सोच मन में होती है कि अगर मैं फेल हो गया तो क्या होगा.
  • मैच के दौरान सब कुछ शांत चल रहा था लेकिन जब सचिन का विकेट मलिंगा ने ले लिया तो उस समय मेरे दिमाग सिर्फ एक बात ही आई और वो थी कि जब तक क्रीज पर मैं हूँ भारत जीत रहाICC 20OR है.
  • मुझे खुद पर भरोसा था कि विकेट चाहें दो गिरे चार गिरे जबतक मैं क्रीज पर हूँ भारत जीत रहा है.
  • गंभीर ने ये भी कहा है कि अगर ये विश्वास मुझमें नहीं होता तो मुझे कोई अधिकार नहीं भारतीय टीम के ड्रेसिंग रुम में बैठने और भारत की ओर से खेलने का.

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भारत को दिलायी थी जीत

  • गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने जो भी बात अपने इंटरव्यू में कही है उसमें सिर्फ सच्चाई है क्योंकि सचिन, सहवाग, कोहली के विकेट गिरे लेकिन गंभीर ने एक छोर संभाल कर रखा था.
  • जब उनका विकेट गिरा तब तक भारत जीत के बेहद करीब पहुँच चुका था. भारतीय टीम को जीत के लिए 275 रन बनाने थे. गंभीर जब आउट हुए तब भारत का स्कोर 41.2 ओवर में 223 रन था.
  • अगली 52 गेंदों में जीत के लिए टीम को 52 रन की जरुरत थी और 6 विकेट हाथ में थे. गंभीर ने 122 गेंदों में 9 चौके लगाते हुए 97 रन की अहम पारी खेली थी.
  • गंभीर की ये पारी फाइनल में नहीं आई होती तो भारत के लिए जीत शायद आसान नहीं होती.

टी 20 विश्व कप 2007 के हीरो

  • गौतम गंभीर भारत के इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने भारतीय टीम को दो विश्व कप जीताने में बड़ी भूमकिा निभाई है और दोनों फाइनल मैचों में टीम इंडिया की तरफ से सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे हैं.
  • टी 20 विश्व कप 2007 के फाइनल में भारत के कुल स्कोर 157 रन में गौतम गंभीर ने अकेले 75 रन बनाए थे. ये रन उन्होंने 54 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्के लगाते हुए बनाए थे.
  • गंभीर को लिए फैंस के मन में अफसोस ये रहता है कि इस चैंपियन खिलाड़ी को दोनों फाइनल में टॉप स्कोरर रहने और मैच जीताने के बावजूद प्लेयर ऑफ मैच का पुरस्कार नहीं मिला.
  • इसके साथ गंभीर का करियर भी समय से पहले ही खत्म हो गया. गंभीर को जिस समय ड्रॉप किया गया उनके पास 4 से 5 साल की क्रिकेट थी.
  • अगर वे खेल गए होते तो कई और कीर्तिमान उनके नाम होते.

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