क्रिकेट के खेल में नो-बॉल (No Ball) फेंकना अपराध माना जाता है, खासकर तब जब दांव पर आईसीसी ट्रॉफी लगी हो। यह विपक्षी टीम को सभी प्रारूपों में एक अतिरिक्त रन प्रदान करता है और सीमित ओवरों के खेल में एक महत्वपूर्ण फ्री हिट प्रदान करता है। फ्री-हिट बल्लेबाजों को गेंद पर आउट नहीं होने का मौका प्रदान करता है। जिस पर अमूमन बड़ा शॉट लगते हुए देखा जाता है। बीते गुरुवार श्रीलांका के खिलाफ मुकाबले में टीम इंडिया की ओर से 1 या 2 नहीं बल्कि 7 नो-बॉल डाली गई थी।
जिसमें से 5 नो-बॉल (No-Ball) अर्शदीप ने ही डाल दी थी, इस मुकाबले में भारत को हार का सामना करना पड़ा, जिसका दोषी कहीं ना कहीं नो बॉल को दिया गया था। इससे पहले भी भारत ने कई अहम मौकों पर नो-बॉल के चलते हार का सामना किया है। इस लेख में हम आपको नो-बॉल की वजह से आईसीसी टूर्नामेंट में टीम इंडिया को मिली 3 बड़ी हार के बारे में बताने वाले हैं।
अश्विन की नो-बॉल ने तोड़ा T20 वर्ल्ड कप का सपना
टी20 विश्वकप 2016 के सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया को वेस्टइंडीज से हार का सामना करना पड़ा। विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने इस मुकाबले में विराट कोहली के नाबाद 89 रनों की मदद से 192 रन बोर्ड पर लगाए थे। जिसमें रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे का भी बड़ा योगदान था।
इस बड़े लक्ष्य का बचाव करते हुए टीम इंडिया की जीत निश्चित मानी जा रही थी। लेकिन लेंडल सीमन्स ने अपनी तूफ़ानी पारी से वेस्टइंडीज को जीत दिलाई। उन्होंने 51 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 82 रन बनाए। गौरतलब है कि पारी के 7वें ओवर में रविचंद्रन अश्विन ने उन्हें कैच आउट कर दिया था। लेकिन वह नो बॉल (No-Ball) हो गई थी।
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में जसप्रीत बुमराह की नो-बॉल बनी काल
साल 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मिली हार आज भी टीम इंडिया के फैंस को खूब सताती है। इस टूर्नामेंट में लीग स्टेज एक दौरान भारत ने पाकिस्तान को एकतरफा मात दी थी। वहीं फिर फाइनल में एक बार फिर पड़ोसियों से सामना होने के बाद अंदेशा लगाया जाने लगा कि अब भारत को ट्रॉफी जीतने से कोई नहीं रोक सकता।
हालांकि ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया, इस मुकाबले में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी चुनी। जसप्रीत बुमराह ने सलामी बल्लेबाज फखर जमान को चौथे ही ओवर में विकेटकीपर के हाथों कैच आउट करवा दिया। हालांकि यह गेंद नो बॉल (No-Ball) हुई और फखर ने शतक जड़कर पाक टीम को 338 के स्कोर पर पहुंचाया। जिसका जवाब देते हुए टीम इंडिया की पारी लड़खड़ा गई और भारत को ट्रॉफी से हाथ भी धोना पड़ा।
दीप्ति शर्मा की नो-बॉल से गंवाया विश्वकप
भारतीय महिला टीम का पिछले कुछ आईसीसी टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन रहा है। वे 2017 विश्व कप और 2020 टी20 विश्व कप दोनों में उपविजेता रहे। 2022 संस्करण में भी वीमेन इन ब्लू से बहुत उम्मीद की जा रही थी। लेकिन टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मैच गंवा दिया, जिसके कारण लीग चरण के अंत में उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।
स्मृति मंधाना, शैफाली वर्मा, मिताली राज और हरमनप्रीत कौर जैसे प्रमुख बल्लेबाजों के साथ भारतीय टीम ने बोर्ड पर कुल 274 रन बनाने में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। जवाब में, प्रोटियाज महिलाएं आवश्यक रन रेट बनाए रखने के लिए तेजी से आगे बढ़ीं। लेकिन पारी के अंत में नियमित रूप से विकेट गिरने से भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंचने की दौड़ में बनी रही।
दो गेंदों पर तीन की जरूरत के साथ, अनुभवी मिग्नॉन डु प्रीज़ ने लॉन्ग-ऑन बाउंड्री की गेंद को वाइड करने की कोशिश की, लेकिन दीप्ति शर्मा की गेंद पर हरमनप्रीत कौर के हाथों लपके गए। जैसे ही टीम ने विकेट का जश्न मनाना शुरू किया, अंपायरों ने इसे नो-बॉल के रूप में संकेत दिया, और दोनों बल्लेबाजों इस्माइल और प्रीज़ ने दक्षिण अफ्रीका के लिए खेल को सील करने के लिए बाद की गेंदों पर सिंगल लिया।
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