W,W,W,W,W... रणजी ट्रॉफी में इस भारतीय टीम ने कटवाई नाक, सिर्फ 30 रन पर हो गई ALL OUT, 7 बल्लेबाज खाता तक नहीं खोल पाए

Published - 06 Oct 2025, 03:38 PM | Updated - 06 Oct 2025, 03:39 PM

Ranji Trophy

Ranji Trophy: क्रिकेट में अक्सर कहा जाता है कि गेंद और बल्ले के बीच की लड़ाई ही इस खेल की असली खूबसूरती है, लेकिन रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के इतिहास में एक ऐसा मुकाबला हुआ जिसने सभी को हैरान कर दिया।

आंध्र की टीम पंजाब के खिलाफ इस मैच में इतनी बुरी तरह बिखरी कि पूरी टीम सिर्फ 30 रन पर ऑलआउट हो गई। सबसे शर्मनाक पहलू यह था कि 7 बल्लेबाज खाता तक नहीं खोल सके। गेंदबाजों के सामने पूरी बल्लेबाजी लाइन-अप बिखर गई और मैच का नतीजा लगभग पहले दिन ही तय हो गया।

Ranji Trophy: आंध्र की पहली पारी – शर्मनाक बल्लेबाजी प्रदर्शन

रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) 2003-04 सीजन के इस मुकाबले में आंध्र की टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन यह फैसला टीम के लिए किसी बुरे सपने से कम साबित नहीं हुआ। बल्लेबाजों की शुरुआत से ही हालत खराब रही। कप्तान एमएसके प्रसाद सिर्फ एक गेंद खेलकर आउट हो गए और उनके साथ-साथ अमित पाठक (7), हेमल वातेकर (9) और गनेश्वर राव (0) भी कुछ खास नहीं कर सके।

विकेट लगातार गिरते गए और पूरी टीम 17.4 ओवर में केवल 30 रन बनाकर ढेर हो गई। सबसे अधिक रन हेमल वातेकर के बल्ले से आए, जिन्होंने 9 रन बनाए। टीम के 7 खिलाड़ी शून्य पर पवेलियन लौट गए। यह स्कोर रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे निचले स्कोरों में से एक बन गया।

पंजाब की गेंदबाजी – गगनदीप सिंह और विनीत शर्मा का कहर

पंजाब के गेंदबाजों ने इस मैच में असाधारण प्रदर्शन किया। तेज गेंदबाज गगनदीप सिंह ने 9 ओवर में मात्र 11 रन देकर 5 विकेट झटके और आंध्र की बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने अपनी स्विंग और सटीक लाइन से बल्लेबाजों को बांधे रखा।

उनके साथ विनीत शर्मा ने भी घातक गेंदबाजी की और 4.4 ओवर में 3 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। दोनों गेंदबाजों ने मिलकर पूरी बल्लेबाजी क्रम की कमर तोड़ दी। पंजाब की गेंदबाजी इतनी सटीक थी कि विपक्षी टीम एक-एक रन के लिए संघर्ष करती रही।

पंजाब के गेंदबाजों ने न केवल रन रोके, बल्कि लगातार विकेट निकालते हुए आंध्र की टीम को झुकने पर मजबूर कर दिया।

Ranji Trophy

पंजाब की बल्लेबाजी – संतुलित और सधी हुई पारी

गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद पंजाब के बल्लेबाजों ने भी जिम्मेदारी से खेल दिखाया। ओपनर युवराज सिंह ने 40 रन बनाए, जबकि कप्तान दिनेश मोंगिया ने 38 रन की संयमित पारी खेली। पंकज धर्मानी (39 रन) और साम्राट शर्मा (22 रन) ने भी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।

पूरी टीम 61 ओवर में 209 रन बनाकर आउट हुई। आंध्र की ओर से सैयद शहाबुद्दीन ने 22 ओवर में 52 रन देकर 3 विकेट झटके, जबकि डोड्डापनेनी कालयनकृष्णा ने 18 ओवर में 77 रन देकर 3 विकेट लिए। हालांकि पंजाब की बल्लेबाजी इतनी ठोस रही कि आंध्र के गेंदबाज कोई बड़ा असर नहीं छोड़ सके।

दूसरी पारी और पंजाब की ऐतिहासिक जीत

पहली पारी में 30 रन पर सिमटने के बाद आंध्र की टीम दूसरी पारी में भी वापसी नहीं कर सकी। दूसरी पारी में टीम 84 रन पर ढेर हो गई और इस तरह पंजाब ने यह मैच एक पारी और 95 रन से जीत लिया।

गगनदीप सिंह ने एक बार फिर अपना जलवा दिखाते हुए 16 ओवर में 32 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। उनके साथ विनीत शर्मा और अमित ऊनियाल ने भी महत्वपूर्ण विकेट झटके।

पूरे मैच में गगनदीप सिंह ने कुल 10 विकेट हासिल किए और मैन ऑफ द मैच रहे। यह मुकाबला पूरी तरह गेंदबाजों के नाम रहा।

ये भी पढ़े : 6,6,6,6,6... अभिषेक शर्मा-क्रिस गेल से भी ज्यादा बेरहम है ये बल्लेबाज, एक पारी में 19 छक्के जड़ लगा चुका है गेंदबाजों की क्लास

Tagged:

Ranji trophy Indian Domestic Cricket Andhra Pradesh vs Punjab Ranji trophy stats

गगनदीप सिंह ने इस मैच में शानदार गेंदबाजी करते हुए कुल 10 विकेट हासिल किए — पहली पारी में 5 विकेट और दूसरी पारी में भी 5 विकेट लेकर पंजाब को एक पारी और 95 रन से जीत दिलाई।

रणजी ट्रॉफी 2003-04 सीजन में पंजाब के खिलाफ खेले गए मुकाबले में आंध्र की टीम सिर्फ 30 रन पर ऑलआउट हो गई थी। यह स्कोर रणजी ट्रॉफी के इतिहास के सबसे शर्मनाक और न्यूनतम स्कोरों में से एक है।