सिर्फ घर का शेर बनकर रह गया है ये भारतीय खिलाड़ी, विदेश में जाते ही हो जाती है ऐसी की तैसी
Published - 12 Jan 2025, 09:03 AM

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भारतीय राष्ट्रीय टीम (Team India) में जगह बनाने के लिए युवा खिलाड़ियों के बीच हमेशा होड़ लगी रहती है। क्रिकेटर्स के लिए टीम इंडिया में जगह बनाना कभी भी आसान नहीं होता है, लेकिन इससे भी ज्यादा मुश्किल होता है अपनी जगह को बचाए रखना। कुछ खिलाड़ी घरेलू धरती पर तो शानदार प्रदर्शन कर टीम में जगह बना लेते हैं, मगर जब बात विदेशी धरती पर खेलने की आती है तो अक्सर फ्लॉप हो जाते हैं। आज इस लेख में हम आपको भारतीय टीम (Team India) के ऐसे ही खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जो सिर्फ घर का शेर बनकर रह गया है....
सिर्फ घर का शेर बनकर रह गया है टीम इंडिया का ये खिलाड़ी
भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) में कई ऐसे खिलाड़ी मौजूद हैं जिन्होंने घर पर अपने दमदार प्रदर्शन से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है, लेकिन विदेशी सरजमीं पर वह टीम मैनेजमेंट की उम्मीदों पर खरे उतरने में नाकाम रहे। इसकी वजह से इन खिलाड़ियों को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। लेकिन इसी कड़ी में एक नाम जो अक्सर चर्चाओं में रहता है, वह है शुभमन गिल। भारतीय युवा बल्लेबाज ने आईपीएल में धमाकेदार बल्लेबाजी कर टीम में अपनी जगह पक्की की। लेकिन जब भी विदेशी धरती पर अच्छा प्रदर्शन करने की बात आई तो वह बुरी तरह फ्लॉप रहे।
आंकड़ें दे रहे हैं गवाही
इसमें कोई दोराय नहीं है कि मौजूदा समय में शुभमन गिल टीम (Team India) के मुख्य खिलाड़ियों में से एक हैं। टेस्ट क्रिकेट में विदेशी सरजमीं पर उनके आंकड़ें काफी निराशाजनक रहे हैं। घर से बाहर 13 मुकाबलों की 24 पारियों में वह 29.50 की औसत से सिर्फ 649 रन ही बना पाए। इस दौरान बल्ले से महज एक शतक और दो अर्धशतक निकले। वहीं, अगर नजर डाली जाए भारतीय जमीन पर उनके प्रदर्शन की तो 17 मैच की 31 पारियों में शुभमन गिल ने 42.03 की शानदार औसत से 1177 रन बना दिए हैं, जिसमें चार शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं।
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी हुए फ्लॉप
हाल ही ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली गई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भी शुभमन गिल का बल्ला खामोश ही रहा था, जिसके बाद उनकी टीम (Team India) में जगह पर कई सवाल भी खड़े किए गए। बैक टू बैक फ्लॉप प्रदर्शन की वजह से उन्हें मेलबर्न टेस्ट मैच से बाहर भी कर दिया गया था। हालांकि, इसके बाद भी उनकी बल्लेबाजी में कोई सुधार नहीं हुआ और सिडनी टेस्ट में भी उनका बल्ला खामोश रहा। इसकी वजह से उन्हें भारत की हार का विलेन भी ठहराया गया था।
नोट: इस आर्टिकल में लिखी गई सभी बातें मौजूदा स्थिति के अनुसार लेखक के निजी विचार है। CA हिन्दी इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।
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