6,6,6,6,6,6....सहवाग-सचिन से भी ज्यादा खूंखार निकला ये पाकिस्तानी बल्लेबाज, 16 घंटों तक बल्लेबाजी कर रचा इतिहास
Published - 09 Oct 2025, 12:12 PM | Updated - 09 Oct 2025, 12:13 PM

Virender Sehwag: क्रिकेट के खेल में किसी बल्लेबाज के ज्यादा रन बनाने या फिर तेज रन बनाने की तारीफ होती है लेकिन अब एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है। एक पाकिस्तानी बल्लेबाज ने धैर्य और कौशल का अविश्वसनीय प्रदर्शन करते हुए लगातार 16 घंटे बल्लेबाजी कर इतिहास रचा। उसके इस कारनामें से क्रिकेट जगत आश्चर्यचकित है।
उनकी मैराथन पारी ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए और उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों से की जाने लगी। प्रशंसकों और विशेषज्ञों, दोनों ने इसे आधुनिक क्रिकेट की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया।
16 घंटों तक बल्लेबाजी कर रचा इतिहास
क्रिकेट इतिहास में जहां ताबड़तोड़ बल्लेबाज अपनी तेज पारियों से सुर्खियां बटोरते हैं, वहीं पाकिस्तान के महान बल्लेबाज हनीफ मोहम्मद ने धैर्य और संयम का ऐसा उदाहरण पेश किया जो आज भी याद किया जाता है। उनकी इस जबरा पारी को वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) और सचिन तेंदुलकर की धाकड़ बल्लेबाजी से तुलना हो रही है।
एक टेस्ट मैच में हनीफ ने लगातार 16 घंटे बल्लेबाजी करते हुए मात्र 17 रन बनाए, लेकिन इस दौरान उन्होंने अपनी टीम की पारी को संभाले रखा और गेंदबाजों को निराश कर दिया। यह कोई साधारण पारी नहीं थी बल्कि एक मानसिक मजबूती का युद्ध था, जिसमें हनीफ ने अपनी इच्छाशक्ति से जीत हासिल की।
हनीफ मोहम्मद ने भले ही सहवाग (Virender Sehwag) या सचिन की तरह ताबड़तोड़ रन नहीं बना पाए, लेकिन उन्होंने दिखाया कि क्रिकेट में सबसे बड़ा हथियार धैर्य और आत्मविश्वास है। जो उनके आत्मविश्वास का दर्शाता है।
ये भी पढ़ें- क्या BCCI अध्यक्ष से चल रहा सहवाग की पत्नी आरती का अफेयर? जानें पूरी सच्चाई
Virender Sehwag से तुलना वाली पारी
अक्सर क्रिकेट में बड़े रिकॉर्ड के लिए सहवाग (Virender Sehwag) और सचिन का नाम लिया जाता है, लेकिन इस बार हनीफ मोहम्मद नाम का एक खिलाड़ी उभरा जिसने संयम की परिभाषा बदली। उसकी इस धीमी लेकिन दृढ़ पारी ने विपक्षी गेंदबाजों की नींद उड़ा दी।
16 घंटे तक चलने वाली इस पारी के दौरान कई गेंदबाज थककर चूर हो गए, जबकि हनीफ अपने डिफेंसिव खेल से एक-एक गेंद को ध्यान से खेलते रहे। जहां दर्शक तेज रन देखने की उम्मीद कर रहे थे, वहीं हनीफ की यह पारी क्रिकेट के ‘धैर्य के मंदिर’ जैसी लग रही थी। गेंदबाजों के चेहरे पर झुंझलाहट और कप्तान के माथे पर शिकन साफ झलक रही थी, क्योंकि हनीफ मोहम्मद ने उन्हें किसी भी तरह का मौका नहीं दिया।
रनों से ज्यादा धैर्य की मिसाल बनी यह पारी
हालांकि हनीफ मोहम्मद ने मात्र 17 रन बनाए, लेकिन यह पारी क्रिकेट के इतिहास में सबसे अनोखी रही। उनके इस प्रयास ने साबित किया कि क्रिकेट सिर्फ रन बनाने का खेल नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती और सहनशीलता की परीक्षा भी है।
उनकी यह पारी सहवाग-सचिन (Virender Sehwag) सरीखी युवाओं को प्रेरित करने वाली पारी रही। जिसने बताया कि कभी-कभी “कम रन” भी हार के आगे खड़े रहने के जज्बे की वजह से रिकॉर्ड में दर्ज होते हैं।
ये भी पढ़ें- W,W,W,W,W,W... क्रिकेट जगत में हंसी का पात्र बनी ये टीम, महज 8 रन पर ऑलआउट, 7 रन आए एक्स्ट्रा से