W,W,W,W,W... भारत की ये टीम निकली बड़ी ही निकम्मी, मात्र 30 रन पर हुई ढेर, 7 बल्लेबाजों का नहीं खुला खाता
Published - 10 Oct 2025, 01:58 PM | Updated - 10 Oct 2025, 02:13 PM

क्रिकेट प्रेमियों को उस समय झटका लगा जब टीम इंडिया(India) सिर्फ 30 रनों पर आउट हो गई, जो हाल के इतिहास में उनके सबसे निराशाजनक प्रदर्शनों में से एक था। सात भारतीय बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल पाए, जिससे पूरी बल्लेबाजी चरमरा गई।
विपक्षी गेंदबाजों ने धमाल मचाते हुए मिनटों में भारतीय लाइनअप को तहस-नहस कर दिया। जिस मुकाबले की उम्मीद एक प्रतिस्पर्धी मुकाबले में होती है, उसकी झलक इस मैच में कहीं भी देखने को नहीं मिली। यह पूरी तरह से एकतरफा मैच रहा, जिसमें एक टीम ने शर्मनाक प्रदर्शन किया।
India की ये टीम मात्र 30 रन पर हुई ढेर
2003-04 के रणजी ट्रॉफी सीजन में क्रिकेट ने एक दुर्लभ और चौंकाने वाला दृश्य दिखा, जब आंध्र की बल्लेबाजी लाइनअप पंजाब के खिलाफ सिर्फ 30 रन पर ढेर हो गया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना एक घाटे के सौदा साबित हुआ। पहले ही ओवर से, आंध्र के बल्लेबाज लय और आत्मविश्वास हासिल करने के लिए जूझते दिखे।
भारत (India) के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एमएसके प्रसाद सिर्फ एक गेंद खेलने के बाद आउट हो गए। उनके साथी अमित पाठक (7), हेमल वाटेकर (9), और ज्ञानेश्वर राव (0) ने भी कोई खास मशक्कत नहीं की और विकेट लगातार गिरते रहे। इस तरह 17.4 ओवर में पूरी टीम सिर्फ 30 रन पर ढेर हो गई।
यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास के सबसे कम स्कोर में से एक था। सात खिलाड़ी बिना कोई रन बनाए आउट हो गए, जबकि वाटेकर का 9 रन सर्वोच्च निजी स्कोर रहा। यह एक ऐसा बल्लेबाजी क्रम था, जिसने भारत (India) के घरेलू क्रिकेट प्रशंसकों को स्तब्ध कर दिया।
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पंजाब की गेंदबाजों का कहर
पंजाब का गेंदबाजी आक्रमण किसी सनसनी से कम नहीं था। तेज गेंदबाज गगनदीप सिंह की अगुवाई में, जिन्होंने 9 ओवरों में सिर्फ 11 रन देकर 5 विकेट चटकाए। स्विंग और सीम पर उनके बेजोड़ नियंत्रण ने भारत (India) के इस टीम के बल्लेबाजों को चकमा दे दिया। गगनदीप का साथ विनीत शर्मा ने दिया, जिन्होंने भी उतना ही विनाशकारी प्रदर्शन करते हुए 4.4 ओवरों में सिर्फ 3 रन देकर 5 विकेट। दोनों ने मिलकर सभी 10 विकेट साझा किए, जिससे आंध्र की बल्लेबाजी लड़खड़ा गई।
हर ओवर मेहमान टीम के लिए नई मुश्किलें लेकर आया। पंजाब की अनुशासित लाइन और लेंथ ने स्कोरिंग गति को कम कर दिया और विपक्षी टीम में दहशत पैदा कर दी। यह सीम गेंदबाजी का एक उत्कृष्ट उदाहरण था, जिसने शुरू से ही मैच को परिभाषित किया और घरेलू क्रिकेट में पंजाब की ताकत को प्रदर्शित किया।
पंजाब की संयमित बल्लेबाजी और ऐतिहासिक जीत
गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद, पंजाब के बल्लेबाजों ने संयम और परिपक्वता दर्शाते हुए संभलकर बल्लेबाजी की। युवराज सिंह ने 40 रनों की पारी खेली, जबकि कप्तान दिनेश मोंगिया ने 38 रन बनाए। पंकज धर्माणी (39) और सम्राट शर्मा (22) ने सुनिश्चित किया कि टीम पहली पारी में एक मजबूत स्कोर बनाए। पंजाब की टीम अंततः 61 ओवरों में 209 रनों पर आउट हो गई।
जवाबी गेंदबाजी में आंध्र प्रदेश के गेंदबाजों ने भी मौका भुनाया। टीम के लिए सैयद शहाबुद्दीन (3/52) और डोड्डापनेनी कल्याणकृष्ण (3/77) ने विकेट लिए। हालांकि वे पंजाब को बड़ी बढ़त हासिल करने से नहीं रोक सके।
अपनी दूसरी पारी में, आंध्र एक बार फिर लड़खड़ा गया और केवल 84 रन ही बना सका, जिससे पंजाब को पारी और 95 रनों से शानदार जीत मिली। गगनदीप सिंह ने अपनी शानदार पारी को एक बार फिर 5 विकेट (16-5-32-5) लेकर दोहराया, जिससे उनके मैच के विकेटों की संख्या 10 हो गई और उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
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