NB, NB, NB, NB, NB, NB...... टी20 इंटरनेशनल मैच में इस देश ने बनाया शर्मनाक वर्ल्ड रिकॉर्ड, 1-2 नहीं कर डाली कुल 64 नो बॉल
Published - 28 Sep 2025, 04:54 PM | Updated - 28 Sep 2025, 05:04 PM

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T20I: क्रिकेट को अक्सर अनोखे और रोमांचक खेल के रूप में जाना जाता है। यहां रोज़ नए रिकॉर्ड बनते और टूटते रहते हैं। बल्लेबाज़ी में तिहरे शतक, गेंदबाज़ी में हैट्रिक या टीमों की धमाकेदार जीतें तो आपने कई बार सुनी होंगी। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी एक टी20 इंटरनेशनल (T20I) मुकाबले में एक टीम ने इतनी नो बॉल्स डालीं कि रिकॉर्ड किताबें में भी दर्ज़ हो गईं?
जी हां, ऐसा कारनामा हुआ था जब एक टीम ने 1-2 नहीं बल्कि पूरे 64 नो बॉल फेंककर क्रिकेट इतिहास का बेहद अजीब और शर्मनाक रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
जब T20I बनीं रिकॉर्डतोड़ नो बॉल्स
यह बात हैं साल 2023 की है और मंच था महिला टी20 इंटरनेशनल (T20I) क्रिकेट का। दरअसल, अक्टूबर में चिली महिला टीम ने अर्जेंटीना दौरा किया था, जहां दोनों टीमों के बीच तीन मैच की टी20 सीरीज खेली गई। सामान्य तौर पर एक मैच में कोई टीम 4-5 नो बॉल डालती है, वहीं खराब लय में भी आंकड़ा मुश्किल से 10-12 तक पहुंचता है। मगर अर्जेन्टीना और चिली के बीच हुए पहले मैच में ऐसा कुछ देखने को मिला जिसकी किसी ने भी उम्मीद नहीं की होगी।
चिली की गेंदबाज़ों ने लगातार गलतियां करते हुए एक के बाद एक कर 64 बार नो बॉल फेंकीं। मैदान पर मौजूद अंपायर भी बार-बार हाथ उठाते-उठाते थक गए। दर्शक पहले तो हैरान थे, फिर धीरे-धीरे यह नजारा हंसी बदल गया। हालांकि गेंदबाज़ों के लिए यह पल बेहद निराशाजनक रहा। टीम की कप्तान बार-बार अपने खिलाड़ियों को समझाने की कोशिश करती दिखीं, लेकिन हालात काबू में नहीं आए।
T20I में अर्जेंटीना का तूफानी स्कोर
इस T20I मैच में चिली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला लिया था, लेकिन यह उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई। अर्जेंटीना की बल्लेबाज़ों ने शुरू से ही आक्रामक अंदाज़ अपनाया। जब भी चिली की गेंदबाज़ी से नो बॉल आई, अर्जेंटीना की बल्लेबाज़ों ने उसे पूरी तरह भुनाया।
लगातार मिलते फ्री-हिट्स ने अर्जेंटीना का आत्मविश्वास और भी बढ़ा दिया। दर्शकों ने मैदान में चौकों-छक्कों की बरसात का मज़ा लिया। रनगति इतनी तेज़ थी कि स्कोरबोर्ड हर मिनट पर बदलता चला गया।
अर्जेंटीना की ओपनर लुसिया टेलर ने T20I मैच में विस्फोटक बल्लेबाज़ी करते हुए 84 गेंदों में 169 रन ठोके। उनकी पारी में 27 चौके शामिल थे और उनका स्ट्राइक रेट 201.19 रहा। यह पारी अर्जेंटीना की ऐतिहासिक जीत की नींव साबित हुई और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया।
वहीं दूसरी ओर अल्बर्टिना गैलन ने भी बेहतरीन खेल दिखाया और 84 गेंदों पर नाबाद 145 रन बनाए। उन्होंने 23 चौके लगाए और 172.61 के स्ट्राइक रेट से खेली। उनकी यह पारी विपक्षी गेंदबाज़ों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी।
नतीजा यह हुआ कि T20I में अर्जेंटीना ने अपने निर्धारित 20 ओवर में एक विकेट के नुकसान पर 427 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। महिला T20I क्रिकेट में यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला था और इसमें चिली की गेंदबाज़ों की लापरवाह नो बॉल्स ने अहम भूमिका निभाई।
चिली की पारी ढह गई
इतना बड़ा लक्ष्य किसी भी टीम के लिए असंभव जैसा होता। चिली की बल्लेबाज़ जब मैदान में उतरीं तो उन पर पहले से ही दबाव था। अर्जेंटीना की गेंदबाज़ों ने शुरुआत से ही सटीक लाइन-लेंथ के साथ हमला बोला।
कप्तान और सीनियर बल्लेबाज़ों ने रनगति बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन अर्जेंटीना की बेहतरीन फील्डिंग ने हर मौके पर उन्हें रोका। विकेट गिरते ही टीम का मनोबल टूट गया। 15वें ओवर तक पहुंचते-पहुंचते पूरी चिली टीम सिर्फ 63 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। मैच का नतीजा इतना एकतरफा रहा कि यह जीत नहीं, बल्कि अर्जेंटीना की क्रिकेटिंग ताकत का प्रदर्शन लग रहा था। अर्जेंटीना ने यह मुकाबला 364 रनों के भारी अंतर से जीत लिया।
विवादों में रहती है ‘नो बॉल’
क्रिकेट के इतिहास में ‘नो बॉल’ सिर्फ एक तकनीकी गलती नहीं रही है। यह कई बार विवादों और घोटालों का कारण भी बनी है। कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को जानबूझकर लंबी नो बॉल डालने पर स्पॉट फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप झेलने पड़े हैं।
2010 में पाकिस्तान क्रिकेट इससे जुड़ी सबसे बड़ी विवादों में घिरा था। इंग्लैंड दौरे पर लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ ने जानबूझकर लंबी नो बॉल फेंकी थी, जबकि टीम के कप्तान सलमान बट पर इस पूरे षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगा। बाद में तीनों खिलाड़ियों को दोषी पाया गया और उन पर कड़े बैन लगाए गए।
इस घटना ने साबित किया कि ‘नो बॉल’ सिर्फ एक तकनीकी गलती नहीं, बल्कि कभी-कभी खेल की साख को भी हिला सकती है।
कई बार नो बॉल पर बने रन मैच का पासा ही पलट देते हैं। बल्लेबाज़ को फ्री-हिट मिलना गेंदबाज़ पर और दबाव डाल देता है। यही वजह है कि आईसीसी और क्रिकेट बोर्ड इसे लेकर बेहद सख्ती बरतते हैं। चिली की टीम के लिए यह मैच महज हार नहीं थी, बल्कि एक सबक भी था कि अनुशासन की कमी और गलतियां किसी भी टीम को शर्मनाक स्थिति में डाल सकती हैं।
आज भी जब क्रिकेट की दुनिया में ‘नो बॉल रिकॉर्ड’ की चर्चा होती है तो यह मुकाबला सबसे पहले याद किया जाता है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि क्रिकेट जितना रोमांचक है, उतना ही कभी-कभी अजब-गजब नज़ारे भी पेश करता है।

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