राहुल द्रविड़ का ये गुरूमंत्र अगर जीवन में अपनाया, तो बन जाएगा करियर, सुपरस्टार बनने का है सबसे बड़ा रास्ता
Published - 18 May 2025, 05:06 PM | Updated - 18 May 2025, 05:07 PM

टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) किसी पहचान के मोहताज नहीं है. उन्होंने विश्व भर में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया है. टेस्ट प्रारूप में भारत की ओर से टेस्ट में 10 हजार रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज है, लेकिन, क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद द्रविड़ इन दिनों कोचिंग में किस्तम आजमा रहे हैं.
उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने पिछले साल टी20 विश्व कप खिताब अपने नाम किया था. वहीं अब आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स के लिए हेड कोच की भूमिका निभा रहे हैं. इस दौरान उन्होंने युवा खिलाड़ियों को खुद को परखने के लिए खास सलाह दी है जो क्रिकेट में अपना करियर बनाने की सोच रहे खिलाड़ियों के बड़ा काम आ सकती है.
राहुल द्रविड़ की ये सलाह युवाओं के आ सकती है बड़े काम

एक क्रिकेटर्स को सफल खिलाड़ी बनने से पहले अपनी क्षमताओं के बारे में पता होता है. कई खिलाड़ी अपने आप को नहीं पहचान पाते हैं. जिसकी वजह से उन्हें करियर बनाने में काफी अड़चनें आती है. व
हीं राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का भी मानना है कि मैंने अभी जिन बड़े प्लेयर्स के साथ ड्रेसिंग रूप शेयर किया उन सभी को अपने क्षमताओं के बारे में पता था. द्रविड़ ने जियो हॉटस्टार के ‘हल्ला बोल’ के एपिसोड में बातचीत के दौरान कहा,
''क्रिकेट में अच्छा होना और सिर्फ क्रिकेट का अभ्यास करना निश्चित रूप से आपको कुछ सफलता दिलायेगा. मैंने हालांकि जिन अच्छे और महान खिलाड़ियों के साथ काम किया है या ड्रेसिंग रूम साझा किया है उनमें एक चीज सामान्य देखी है, वह यह है कि वे वास्तव में अपनी क्षमता के बारे में जानते थे.''
''आप आपने आप को दूसरो से कम नहीं आंक सकते''
हर खिलाड़ी का खेलना स्टाइल अलग-अलग होता है. कोई भी खिलाड़ी किसी तरह खेलना चाहे तो वह नहीं खेल पाएंगा. वहीं रोहित शर्मा ने कहा था कि मेरा खेलना का अंदाज अलग है. अगर कोई कहे कि आप कोहली की तरह खेलकर दिखाओ तो मैं नहीं कर पाउंगा.
अगर कोहली से कहा कि आप उनके जैसा खेलो तो वो वो नहीं कर पाएंगे. क्योंकि दोनों की तकनीक अलग है. राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) भी कहते हैं कि आप अपने आप को दूसरे से नहीं आंक सकते है
''यह व्यक्तिगत मामला है, आप खुद को दूसरे लोगों के साथ आंक नहीं सकते, खुद की तुलना दूसरे लोगों से नहीं कर सकते. आपका काम खुद से और आपको जो कौशल मिले हैं, उनसे सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करना है। यह तभी संभव है जब आप मैदान पर एक क्रिकेटर के रूप में और मैदान के बाहर एक व्यक्ति के रूप में भी विकसित होंगे’'
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