आखिर टेस्ट से Hardik Pandya ने क्यों बना रखी है दूरी, जबकि टी20-वनडे में कर रहे हैं शानदार, ये 3 कारण हैं इसके पीछे की वजह
Published - 03 May 2025, 12:36 PM | Updated - 03 May 2025, 12:38 PM

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Hardik Pandya: टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या गेंद और बल्ले से शानदार योगदान देते हैं। वह एक बेहतरीन गेंदबाज की तरह 140 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। इसके साथ ही वह एक बल्लेबाज की तरह बड़े शॉट भी लगा सकते हैं। उनके जैसे खिलाड़ी का टीम में होना एक शानदार लग्जरी है।
टी20 और वनडे क्रिकेट में उनका योगदान भारतीय टीम के लिए शानदार है। उन्होंने इन दोनों फॉर्मेट में भारत को बड़े मैच भी जिताए हैं। लेकिन वह लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट से दूरी बनाए हुए हैं, इसलिए उनकी कमी हमेशा महसूस होती है। हालांकि सवाल हमेशा से ये उठता रहा है कि जब वो शानदार फॉर्म में हैं तो टेस्ट से दूरी क्यों बना रखी है तो हम इस आर्टिकल में उन्हीं 3 कारणों का जिक्र करेंगे जिसकी वजह से हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) टेस्ट फॉर्मेट में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
इन तीन वजहों से टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं Hardik Pandya!

फिटनेस रही है चिंता का विषय
हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) बेशक एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। लेकिन उनकी फिटनेस हमेशा से चिंता का विषय रही है। उन्हें पीठ की चोटों का इतिहास रहा है। पीठ की चोट के कारण वह लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहे। इतना ही नहीं हार्दिक को टखने में भी चोट है, तो इसकी वजह फिटनेस से जुड़ी वजहें हैं। वह लंबे फॉर्मेट से दूर हैं। क्योंकि अगर वह इस फॉर्मेट में खेलते हैं, तो उनकी चोट फिर से उभर सकती है। यही वजह है कि शायद उनकी फिटनेस टेस्ट क्रिकेट खेलने की इजाजत नहीं देती।
टेस्ट क्रिकेट में लंबे-लंबे स्पेल करनी होती है गेंदबाजी
टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ियों के धैर्य पर निर्भर करता है। अक्सर सफलता के लिए बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों को धैर्य से काम लेना पड़ता है। यानी आसान शब्दों में गेंदबाज को लंबे स्पैल की गेंदबाजी करनी पड़ती है। कई बार गेंदबाज पहले घंटे में ही 10 या उससे ज्यादा ओवर फेंक देता है। यह भी कई बार गेंदबाज के चोटिल होने की वजह बन जाता है, जबकि टी20 और वनडे में गेंदबाज को पता होता है कि उसे सिर्फ 4 या 10 ओवर ही फेंकने हैं।
लेकिन टेस्ट क्रिकेट ऐसा नहीं है। यही वजह है कि हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) नियमित तौर पर टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाते। अगर वह नियमित तौर पर खेलते हैं, तो इसका असर उनकी फिटनेस और चोट पर पड़ सकता है, शायद ये दूसरा बड़ा कारण है कि टेस्ट फॉर्मेट से पांड्या दूरी बना रहे हैं।
7 साल से नहीं खेला है टेस्ट क्रिकेट
हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने जुलाई 2017 में श्रीलंका के खिलाफ गॉल में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ साउथेम्प्टन में खेला था। इस मैच में वो बुरी तरह चोटिल हो गए थे। इसके बाद से उनकी चोट अक्सर समस्या बनी रही और उनके क्रिकेट रास्ते के लिए रोड़ा खड़ी कर रही। तब से लेकर अब तक उन्हें इस फॉर्मेट में मौका नहीं मिला है। ऐसे में इतने लंबे अंतराल के बाद उनके लिए इस फॉर्मेट में गेंदबाजी या बल्लेबाजी करना मुश्किल होगा। यही वजह है कि वे टेस्ट से शायद दूर हैं।
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