इन 7 खिलाड़ियों का करियर तबाह करने में MS Dhoni का सबसे बड़ा हाथ, एक भारत को बना चुका है चैंपियन

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Manvi Nautiyal
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MS Dhoni की वजह से बर्बाद हुआ इन 7 खिलाड़ियों का करियर

भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी एमएस धोनी (MS Dhoni) क्रिकेट जगत के सफल कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने बतौर कप्तान टीम के लिए कई सारे कारनामे किए हैं। उन्होंने दुनियाभर में भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया है। इसी वजह से कई खिलाड़ी माही को अपना मेंटॉर मानते हैं।

टीम इंडिया को तीन बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी का आज तक कोई मुकाबला नहीं कर पाया है। उनकी कप्तानी की हर कोई जमकर वाहवाही करता है। माही ने अपनी कप्तानी में कई सारे उभरते सितारों को निखारा है। इसी बीच जाने-अनजाने में उन्होंने भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों के करियर को झटका दिया है।

टीम इंडिया में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी रहे हैं, जिनके क्रिकेट करियर पर धोनी (MS Dhoni) ने ब्रेक लगाने का काम किया है। आज इस आर्टिकल में हम ऐसे ही सात खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके करियर के खत्म होने में एमएस धोनी की अहम भूमिका रही है। तो आइए जानते हैं इन खिलाड़ियों के बारे में.....

MS Dhoni की वजह से इन 7 खिलाड़ियों के करियर पर लगा ब्रेक

गौतम गंभीर

Gautam Gambhir

वर्ल्ड कप 2011 में भारतीय टीम का अहम सदस्य रहे गौतम गंभीर का क्रिकेट करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा है। हालांकि, अपने करियर में उन्होंने भारत को कई सफलता दिलाई है। वर्ल्ड कप 2007 और 2011 में टीम इंडिया को विजय बनाने में गंभीर ने मुख्य भूमिका अदा की थी। लेकिन इसके बाद भी वह अपने क्रिकेट करियर को सफल नहीं बना सके और ना ही उन्हें अपने इस योगदान का क्रेडिट दिया गया।

फिर साल 2012 की सीबी सीरीज़ के दौरान सलामी बल्लेबाजों के लिए रोटेशन नीति लेकर धोनी-गंभीर के बीच अनबन हो गई थी। इस विवाद का असर सीधा गंभीर के करियर पर पड़ा। जिसके बाद वह लंबे समय तक टीम में अपनी जगह स्थिर नहीं कर सके और 2016 में संन्यास का ऐलान कर दिया। इसलिए रिटायरमेंट की बाद उन्होंने एमएस धोनी पर उनका करियर खत्म करना का आरोप लगाया।

दीप दास गुप्ता

Deep Dasgupta

विकेटकीपर-बल्लेबाज दीप दास गुप्ता का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। इनके करियर के खत्म होने की पीछे की वजह एमएस धोनी रहे। दरअसल, दीप का उदय भी तब ही हुआ था जब माही का हुआ था। लेकिन एमएस के टीम में जगह पक्का कर लेने के बाद उनका नाम कही गम हो गया और वह सफल क्रिकेटर बनने में असफल रहे। वह अपने क्रिकेट करियर में 8 टेस्ट मैच और 5 वनडे मैच ही खेल सके थे जिसमें उन्होंने क्रमशः 344 रन और 51 रन बनाए थे। क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद वह कमेंटेटर बने और कमेंट्री की दुनिया में काफी नाम कमाया।

युवराज सिंह

Yuvraj Singh

सिक्सर किंग युवराज सिंह और धाकड़ फिनिशर एक समय में क्रिकेट जगत के जय-वीरू हुआ करते थे। इन दोनों की जोड़ी ने टीम को मुश्किल से मुश्किल मैच जीतने में मदद की है। ऐसे में ये कोई सोच भी नहीं सकता था कि एमएस यूवी की करियर खत्म होने की वजह बनेगे। वक्त और परिस्थितियों के साथ दोनों के बीच की दोस्ती खत्म हो गई। जिसके बाद कहा गया कि ये दोनों एक-दूसरे के दुश्मन बन गए।

इनके बीच इतनी दरार आ गई कि युवराज के पिता ने यहां तक कह दिया कि धोनी के चलते ही उनके बेटे का करियर खराब हो गया। दरअसल, धोनी की कप्तानी में युवराज सिंह को ज्यादा मौके नहीं मिले। हालांकि, उन्होंने अपने कार्यकाल में धमाकेदार पारी खेल टीम को तमाम मैच जिताए हैं। युवराज ने  2017 चैंपियंस ट्रॉफी लीग में भी मैच विनिंग पारी खेली। लेकिन इसके बाद उनकी टीम में वापसी नहीं हुई और उन्होंने 2019 में इंटरनेशनल करियर से संन्यास ले लिया।

नमन ओझा

नमन ओझा

नमन ओझा के करियर पर ब्रेक लगने की वजह भी एमएस धोनी ही रहे। क्योंकि ओझा को टीम में जगह मिलने ही वाली थी कि उसी वक्त धोनी ने डेब्यू किया। लेकिन पूर्व कप्तान के टीम में जगह हासिल कर लेने के बाद नमन का पत्ता कट गया। हालांकि, 2010 में उन्हें श्रीलंका के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका तो मिला लेकिन वह भारत के लिए ज्यादा मुकाबले नहीं खेल पाए। उन्होंने अपने कार्यकाल में कुल 4 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले, जिसमें 69 रन उनके द्वारा बनाए गए। लिहाजा 2019 में उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया।

अजय रात्रा

Ajay Ratra

साल 2000 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे अजय रात्रा का क्रिकेट करियर कुछ खास नहीं रहा है। टीम में मौके मिलने से वंचित रहा ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाने में बुरी तरह से असफल हुआ। दरअसल, साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ फ्लॉप हो जाने के बाद उनकी जगह टीम में पार्थिव पटेल शामिल कर लिया गया।

लिहाजा, जनवरी में टीम में शामिल हो जाने के बाद वह सितंबर में  20-21 साल की उम्र में टीम से बाहर हो गए। जिसके बाद उन्हें टीम में कमबैक करने का मौका नहीं मिला। क्योंकि साल-डेढ़ साल बाद ही भारतीय टीम में एमएस धोनी का आगमन हो गया और फिर अजय को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया। बता दें कि अजय टेस्ट शतक लगाने वाले सबसे युवा विकेटकीपर हैं।

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 पार्थिव पटेल

पार्थिव पटेल का टीम इंडिया में आगम एमएस धोनी (MS Dhoni) से पहले हुआ था। बेहद ही कम उम्र में उन्हें टीम में एंट्री मिल गई थी। करियर की शुरुआत में अपने विस्फोटक प्रदर्शन से पटेल ने काफी सुर्खियां बटोरी, लेकिन विदेशी पिच पर उनकी बल्लेबाजी में कुछ खास दम नहीं आया और कीपिंग में भी कमजोर दिखे। जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और फिर एमएस (MS Dhoni) के मिल जाने के बाद पार्थिव को लगातार नजरअंदाज किया गया। पटेल ने अपने करियर में 25 टेस्ट मैच खेले हैं।

हरभजन सिंह

Harbhajan Singh 42nd Birthday

भारतीय टीम के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने अपनी गेंदबाजी से विश्वभर में लोहा मनवाया है। उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सबकों खासा प्रभावित किया है। वर्ल्ड कप 2007 और 2011 में टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले भज्जी टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की नहीं कर सके। जिसके बाद कहा गया कि एमएस धोनी (MS Dhoni) की रणनीतियों का शिकार होने से बच नहीं पाए।

हरभजन को 2012 टी20 विश्व कप के लिए चुना गया था और उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ ग्रुप मुकाबले में 12 विकेट लिए थे। इन सब के बावजूद धोनी की कप्तानी में हरभजन सिंह को दरकिनार किया गया और माही पर उनका करियर खरं होने का आरोप लगा।

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