इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टी20 प्रारूप का एक टूर्नामेंट जिसे देश-विदेश के दिग्गज खिलाड़ी खेलना चाहते हैं। हर साल इसके (IPL) लिए कई सारे खिलाड़ी इसके लिए अपना नाम पंजीकृत करवाते हैं। जिसके बाद IPL ऑक्शन में खिलाड़ियों पर करोड़ों की बोली लगाई जाती है, सिर्फ इस विश्वास के साथ कि वे IPL के मंच पर अपने दमदार प्रदर्शन के बूते टीम को खितबी जीत दिला सकते हैं। ऐसे में हर साल बहुत से भारतीय खिलाड़ी टी20 क्रिकेट के इस महाकुंभ (IPL) में अपने प्रदर्शन से दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ते है।
यहां अच्छा प्रदर्शन करने के बाद कई खिलाड़ियों की एंट्री टीम इंडिया में हुई है। लेकिन ये खिलाड़ी IPL के अपने प्रदर्शन को इंटरनेशनल क्रिकेट के स्तर पर फ्लॉप साबित हुआ। आज इस लेख में हम आपको 5 ऐसे ही भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो IPL में तो धुरंधर साबित हुए लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर फिसड्डी निकले.....
सिर्फ IPL के शेर बनकर रह गए ये 5 भारतीय खिलाड़ी
मनीष पांडे
IPL के इतिहास में मनीष पांडे का प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ रहा है। उन्होंने भारतीय टी20 लीग में अपनी दमदार बल्लेबाजी से सबको काफी प्रभावित किया है। मनीष इतिहास में सबसे पहले शतक जड़ने वाले भारतीय खिलाड़ी है। एक समय में विराट कोहली से कंपेयर किए जाने वाले इस खिलाड़ी ने आईपीएल के अबतक 160 मैचों में 3648 रन बनाए हैं।
लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में बल्लेबाज कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। साल 2015 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने के बाद उन्होंने 29 वनडे और 39 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलते हुए क्रमश: 566 और 709 रन बनाए हैं। इन आंकड़ों से मयंक ने फैंस और टीम प्रबंध को काफी निराश किया। जिसके चलते वे कभी भी टीम में अपनी जगह को मजबूत नहीं कर पाए।
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मयंक अग्रवाल
आईपीएल में शानदार प्रदर्शन दिखाने वाले मयंक अग्रवाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ खास नहीं रहा है। हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सबका दिल जीता है। 31 वर्षीय खिलाड़ी ने टेस्ट की 36 पारियों में 1488 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक और 2 दोहरे शतक शामिल हैं। लेकिन वहीं अगर उनके सीमित ओवर के क्रिकेट के आंकड़ों पर नजर डाले तो ये कुछ खास नहीं है। उन्होंने वनडे के 5 मैच खेलते हुए 86 रन जड़े हैं। जबकि आईपीएल की 107 पारियों में उनके बल्ले से एक शतक के साथ 2331 रन निकले हैं।
वेंकटेश अय्यर
सलामी बल्लेबाज वेंकटेश अय्यर (Venkatesh Iyer) ने घरेलू क्रिकेट में कमाल का प्रदर्शन किया है। जिसके बाद उन्हें आईपीएल के मंच पर खुद को साबित करने का मौका मिला। उन्हें 2021 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने अपनी टीम में शामिल किया गया था। जिसके बाद उन्हें टीम इंडिया का हिस्सा बनाया गया।
हार्दिक पांड्या की गैरमौजूदगी में उन्हें नवंबर 2021 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी20 डेब्यू करने का मौका मिला, जबकि साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2022 में उन्होंने वनडे क्रिकेट में अपना पहला कदम रखा। लेकिन हार्दिक की धमाकेदार वापसी के बाद उनका टीम से पत्ता कट गया। क्योंकि अय्यर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने में नाकामयाब हुए। उन्होंने 2 वनडे मैच में 24 रन बनाए हैं। इन मुकाबलों में उनके हाथों में एक भी सफलता नहीं लगी। वहीं, टी20 के 9 मैच में उनके नाम 33 रन और 5 विकेट दर्ज है।
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संजू सैमसन
भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन (Sanju Samson) इस समय टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करने के लिए तरस रहे हैं। आईपीएल में शानदार प्रदर्शन दिखाने के बाद उनकी टीम में एंट्री हुई थी, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह भारतीय टीम में अपनी जगह बना सकते हैं।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ खास नहीं कर पाए। युवा विकेटकीपर ने अब तक 17 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 77 रन बनाए हैं। जबकि वनडे के 11 मुकाबलों में उनके नाम 86 रन दर्ज हैं। वहीं, अगर उनके आईपीएल के प्रदर्शन की बात करें तो 138 मैच में 3526 रन बनाए हैं। इसमें तीन शतक भी शामिल हैं।
क्रुणाल पांड्या
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने ऑलराउंडर प्रदर्शन से तहलका मचा रहे हार्दिक पांड्या के भाई क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) का क्रिकेट करियर कुछ खास नहीं रहा है। आईपीएल के मंच पर क हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में क्रुणाल ने भले ही खूब शोहरत कमाई है, लेकिन वह भारत की ओर से खेलते हुए इंटरनेशनल लेवल में अपनी पहचान नहीं बना सके हैं।
साल 2017 में मुंबई के लिए फाइनल मुकाबले में खेली गई मैच विनिंग बल्लेबाजी को कोई भूल नहीं सकता है। क्योंकि इस पारी के बाद ही क्रुणाल के लिए टीम इंडिया के दरवाज़े खुले थे। उन्हें साल 2018 में पहली बार भारत के लिए टी20 मैच खेलने का मौका मिला था। जिसके बाद वह 19 ही टी20 मैच खेल सके और 124 रन और 15 विकेट अपने नाम दर्ज कर पाए।
वहीं, मार्च 2021 में ओडीआई डेब्यू करने के बाद उन्होंने 5 मैच खेलते हुए 130 रन बनाए एयर 2 विकेट चटकाए। टीम को बेहतरीन ऑलराउंडर मिल जाने के बाद उन्हें नजरअंदाज किया जाने लगा। नतीजन, वह हार्दिक जैसा मुकाम हासिल करने में असफल हुए। प्रतिभा की कोई कमी नहीं होने के बावजूद इस खिलाड़ी के साथ इंटरनेशनल क्रिकेट में अन्याय हुआ है।