Team India: भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच पांच मैच की टेस्ट सीरीज़ खेली जा रही है. अब तक सीरीज़ में तीन मुकाबले खेले जा चुके हैं. पहला मैच इंग्लैंड ने अपने नाम करते हुए सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बनाई थी, जबकि भारत ने दूसरे और तीसरे मैच में पलटवार कर सीरीज़ में 2-1 की बढ़त हासिल की. इस श्रृंखला के लिए बीसीसीआई चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर ने कई युवा खिलाड़ियों को भारतीय स्क्वाड का हिस्सा बनाया था. अब तक इन युवा खिलाड़ियों ने सीरीज़ में दमदार प्रदर्शन भी किया है.
इस लेख में हम बात करने जा रहे हैं उन तीन खिलाड़ियों के बारे में, जिन्होंने भारतीय टीम तक का सफर तय करने के लिए खूब मेहनत किया. किसी खिलाड़ी को गरीबी के कारण अपनी मां के गहने बेचने पड़े तो किसी खिलाड़ी को टेंट में रहने को मजबूर होना पड़ा. बावजूद इसके इन्होंने हार नहीं मानी और जब भारत में डेब्यू का मौका मिला तो टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत भी दिलाई.
ध्रुव जुरेल
भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज़ के लिए विकेटकिपर बल्लेबाज़ ध्रुव जुरेल को मौका दिया गया था. उन्हें तीसरे मैच में डेब्यू करने का मौका मिला था. हालांकि ध्रुव का टीम इंडिया (Team India) तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि आर्थिक तंगी के कारण उनके पास क्रिकेट किट खरीदने का पैसा नहीं था,
जिसके बाद उनकी मां को किट खरीदने के लिए अपने गहने बेचने पड़े. ध्रुव ने भारतीय टीम का सफर तय करने के लिए आर्थिक तंगी झेली है. हालांकि अब वे अपने दमदार प्रदर्शन से भारतीय फैंस का दिल जीत रहे हैं. उन्होंने अपने डेब्यू मैच में 104 गेंद में 46 रनों की दमदार पारी खेली. इसके बाद उन्होंने शानदार विकेटकीपिंग से भारत की जीत में अहम योगदान निभाया.
सरफराज़ खान
तीसरे टेस्ट मैच में सरफराज़ खान को भी भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. उन्हें पूर्व दिग्गज खिलाड़ी अनिल कुंबले ने 311 नंबर की डेब्यू कैप पहनाई थी. हालांकि उन्होंने भी अपने डेब्यू मैच को यादगार बनाया और दोनों ही पारी में अर्धशतकीय पारी खेली. सरफराज़ को भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ी. उन्होंने बताया था कि मुंबई में छोटे से घर में रहकर ज़िदगी गुज़ारना आसान काम नहीं था.
भारत अंडर 19 खेलने से पहले सरफराज़ खान को भी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. उनके पिता नौशाद खान भी गरीबी के कारण भारत के लिए नहीं खेल सके, लेकिन उन्होंने अपने दोनों बेटों को गरीबी से जीवन गुज़ारने के बाद भी क्रिकेटर बनाया. सरफराज़ खान के छोट भाई मुशीर भी इंडिया अंडर 19 का प्रतिनिधितव कर चुके हैं.
यशस्वी जायसवाल
सड़क पर पानी पुरी बेचकर अपने जीवन का गुज़ारा करने वाला यशस्वी जायसवाल आज भारतीय बल्लेबाज़ी विभाग की मज़बूती बन चुका है. जायसवाल यूपी से आते हैं, लेकिन क्रिकेटर बनने के सपने ने उन्हें मुंबई आने पर मजबूर कर दिया. मुंबई के शुरुआती दिनों में जायसवाल को टेंट तक में रहना पड़ा था. इसके अलावा उन्हें अपने खर्च निकालने के लिए पानी पुरी तक बेचना पड़ा.
कई बार जायसवाल अपने पुराने दिनों को याद कर भावुक भी हो चुके हैं. भारत और इंग्लैंड के बीच हो रही सीरीज़ में अब तक जायसवाल दो दोहरे शतक जड़ चुके हैं. उन्होंने दूसरे मैच में 209 रनों की पारी खेली थी, जबकि तीसरे मैच में उन्होंने नाबाद 214 रन बनाए थे.
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