गौतम गंभीर के कोच की कुर्सी से हटते ही ये 3 खिलाड़ी टीम से बाहर, अजीत अगरकर भी नहीं डालेंगे घास
Published - 16 Dec 2025, 07:25 PM | Updated - 16 Dec 2025, 07:35 PM
भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का कार्यकाल पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में बना हुआ है। साल 2024 में राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप जीतकर बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। इसके बाद द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हुआ और बीसीसीआई ने गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को भारतीय टीम की कमान सौंपी।
गंभीर (Gautam Gambhir) के कोच बनते ही टीम इंडिया में कई बड़े बदलाव देखने को मिले। हालांकि पिछले एक साल में टीम के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे।
2024 में भारत को घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में 3–0 से हार का सामना करना पड़ा, जबकि 2025 में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को घर में ही 2–0 से शिकस्त दी। इन नतीजों ने कोचिंग फैसलों और चयन नीति पर सवाल खड़े कर दिए।
इस दौरान बल्लेबाज़ी क्रम और टीम संयोजन में लगातार प्रयोग होते रहे। कुछ खिलाड़ियों को लगातार मौके मिले, जबकि कई अनुभवी और युवा खिलाड़ी धीरे-धीरे टीम से बाहर होते चले गए।
अब यह चर्चा तेज़ है कि अगर कोचिंग सेटअप में बदलाव होता है और गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की जगह कोई नया कोच आता है, तो चयन नीति में भी बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है।ऐसे में कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनका भविष्य टीम इंडिया में अनिश्चित नजर आ रहा है।
Gautam Gambhir का कार्यकाल खत्म होते ही इन खिलाड़ियों की बढ़ सकती है मुसीबतें
हर्षित राणा
तेज़ गेंदबाज़ हर्षित राणा को गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के कार्यकाल में तीनों फॉर्मेट में मौके मिले। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 2 मैच खेले और 4 विकेट लिए। वनडे में 11 मुकाबलों में उनके नाम 20 विकेट हैं, लेकिन 6.01 की इकॉनमी उनके लिए चिंता का विषय रही है।
टी20 इंटरनेशनल में हर्षित ने 6 मैचों में 7 विकेट लिए, लेकिन यहां उनका इकॉनमी रेट 10.18 रहा। विकेट लेने के बावजूद रन रोकने में नाकामी ने उनके प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए हैं। यही वजह है कि कोचिंग बदलाव की स्थिति में उनका स्थान खतरे में पड़ सकता है।
नीतीश कुमार रेड्डी
ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी को टीम में संतुलन के उद्देश्य से शामिल किया गया था, लेकिन वह अब तक खुद को स्थापित नहीं कर पाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 10 मैचों में 396 रन बनाए, जिसमें एक शतक शामिल है, लेकिन औसत 26.4 रहा।
वनडे में उन्होंने 2 मैच खेले, जहां सिर्फ 27 रन बना सके। टी20 इंटरनेशनल में सीमित मौकों में उन्होंने 4 मैचों में 90 रन बनाए और स्ट्राइक रेट 180 रहा। गेंदबाज़ी में उन्होंने टेस्ट में 8 और टी20 में 3 विकेट लिए हैं। बल्ले और गेंद दोनों से निरंतर प्रभाव न छोड़ पाने के कारण उनका भविष्य अनिश्चित नजर आता है।
वाशिंगटन सुंदर
वाशिंगटन सुंदर को स्पिन ऑलराउंडर के रूप में लगातार मौके मिले, लेकिन वह तीनों फॉर्मेट में स्थायी विकल्प नहीं बन सके। टेस्ट में उन्होंने 17 मैचों में 885 रन और 36 विकेट लिए, जो संतुलित प्रदर्शन दर्शाता है।
वनडे में 28 मैचों में उन्होंने 365 रन और 29 विकेट लिए, जबकि टी20 इंटरनेशनल में 57 मैचों में 51 विकेट झटके। बावजूद इसके, उनसे जिस तरह के मैच-विनिंग प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है, वह निरंतर देखने को नहीं मिला।
कुल मिलाकर, कोचिंग सेटअप में बदलाव की स्थिति में इन तीनों खिलाड़ियों का भविष्य टीम इंडिया में पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जा सकता।
ऑथर के बारे में
यह लेखक Cricketaddictor का एक सदस्य है जो क्रिकेट से जुड़ी खबरों और विश्लेषण पर लिखता है।