जिम्बाब्वे से खेलने लायक नहीं थे ये 2 खिलाड़ी, लेकिन गौतम गंभीर ने अपनी जिद्द से दे दिया पर्थ टेस्ट में मौका
Published - 23 Nov 2024, 06:31 AM
                            Gautam Gambhir: ऑस्ट्रेलिया में 5 टेस्ट मैचों बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेली जा रही है. पर्थ में खेले जा रहे पहले टेस्ट में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को पहली पारी में 150 रनों पर समेट दिया तो भारतीय गेंदबाज भी पीछे नहीं रहे. भारतीय टीम ने 104 रनों पर कंगारू टीम का बोरिया-बिस्तर पैक कर दिया. लेकिन, इस दौरान 2 भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से निराश किया. ये वो बल्लेबाज हैं, जो शायद अभी जिम्बाब्वे के खिलाफ भी ना टिक सकें, लेकिन हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की मनमानी के चलते इन्हें पर्थ की अंतिम ग्यारह में मौका मिल गया..
Gautam Gambhir ने पर्थ टेस्ट में इन 2 खिलाड़ियों शामिल कर चौंकाया
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टीम इंडिया हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेल रही है. इस सीरीज के पहले टेस्ट की शुरुआत शुक्रवार से हो चुकी है. 22 नवंबर को पहले दिन टॉस जीतकर जसप्रीत बुमराह ने भारत की प्लेइंग-11 का खुलासा किया. शुभमन गिल और रोहित शर्मा को लेकर आ रही खबरों के बीच तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे किन खिलाड़ियों को चांस दिया जाएगा?
जब पर्थ की प्लेइंग इलेवन का ऐलान हुआ तो 2 खिलाड़ियों को एकादश में शामिल देख किसी के लिए भी किसी बड़े सरप्राइज से कम नहीं था. क्योंकि, देवदत्त पडिक्कल भी इस मैच का हिस्सा हैं. जिनके प्लेइंग-11 में शामिल किए जाने की कोई उम्मीद नहीं थी. वहीं दूसरे खिलाड़ी के रूप में यशस्वी जासवाल को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद से मौका दिया गया और पहली पारी में उन्होंने जरूरत से कहीं ज्यादा निराश किया.
पर्थ टेस्ट की पहली पारी में डुबो दी टीम इंडिया की इन 2 खिलाड़ियों ने नैय्या
भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. पारी की शुरुआत करने आए युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल कुछ खास कमाल नहीं कर पाए. उन्होंने 8 गेंदों का सामना किया. लेकिन, अपना खाता नहीं खोल सके और शून्य के स्कोर पर मिचेल स्टार्क का शिकार हो गए.
वहीं शुभमन गिल के बाहर होने के बाद बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल को चांस दिया गया. उनके पास सुनहार मौका था कि ऑस्ट्रेलिया में बड़ी पारी खेली टीम इंडिया में अपनी दावेदारी पक्की करे. लेकिन, पडिक्कल को जब भी मौका दिया जाता तो वह फ्लॉप साबित होते हैं. वहीं पर्थ टेस्ट में भी उनके साथ कुछ ऐसा हुआ. देवदत्त पहली में 23 गेंदों में अपना खाता भी नहीं खोल सके और जोश हेजलवुड की गेंद पर आउट हो गए.
ऑथर के बारे में
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