भारतीय क्रिकेट को कई दिग्गज खिलाड़ी मिले। जिन्होंने भारतीय टीम को हमेशा जीत दिलाने का काम किया। तभी इस टीम को मिला एक ऐसा कप्तान आया जिसने भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी, सिर्फ यही नहीं उन्होंने विदेश में भी टीम को जीतना सिखाया।
जी हां आप सही समझ रहे हैं वो पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ही हैं। आज दादा नाम से प्रसिद्ध सौरव गांगुली का जन्मदिन है। तो चलिए इस मौके पर हम आपको उन क्रिकेटरों के बारे में बताएंगे, जिन्हें दादा ने भारतीय क्रिकेट का स्टार खिलाड़ी बना दिया।
पांच खिलाड़ी जिन्हें Sourav Ganguly ने बनाया स्टार
1. महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)
आज भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान की बात होती है तो सबसे पहला नाम महेंद्र सिंह धोनी का आता है। लेकिन, इस प्रतिभावान खिलाड़ी को टीम में मौका तत्कालीन भारतीय कप्तान सौ Sourav Ganguly ने चयनकर्तायों से लड़ कर दिया था। उस समय टीम के ज्यादातर चयनकर्ता दिनेश कार्तिक को टीम में शामिल करना चाहते थे, लेकिन उसके बाद भी गांगुली ने चयनकर्ताओं से महेंद्र सिंह धोनी को टीम में लेने को कहा।
आज महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट के कितने बड़े स्टार हैं यह किसी को बताने की जरुरत नहीं है। अब तो धोनी विश्व के एकमात्र कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के सभी खिताब पर कब्जा जमाया है। धोनी ने भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में पहली बार नंबर 1 की रैकिंग तक भी पहुंचाया था। वैसे अब तो धोनी के नाम के आगे भी पूर्व कप्तान लग चुका है।
2. युवराज सिंह (Yuvraj Singh)
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज आलराउंडर खिलाड़ियों में से एक युवराज सिंह को भी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका सौरव गांगुली ने ही दिया था। अंडर19 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने के बाद ही Sourav Ganguly ने चयनकर्ताओं से युवराज सिंह को टीम में लेने के लिए कहा था। युवराज सिंह ने भारतीय क्रिकेट के लिए 304 एकदिवसीय मैच खेले जिनमें उन्होंने 8701 रन बनाए और 111 विकेट भी लिए हैं।
युवराज सिंह के नाम टी20 क्रिकेट में 6 गेंद पर 6 छक्के जड़ने का भी रिकॉर्ड है। सिर्फ यही नहीं 2007 टी20 विश्वकप और 2011 क्रिकेट विश्व कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे युवराज सिंह ने दोनों ही विश्व कप में भारतीय टीम को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। युवराज सिंह ने खुद कई बार मीडिया में कहा था कि उनके खराब प्रदर्शन के समय में दादा (Sourav Ganguly) ने उन पर भरोसा रखा, जिसके कारण वो इतने बड़े क्रिकेटर बन पाए।
3. वीरेन्द्र सहवाग (Virendra Sehwag)
जब आप विश्व क्रिकेट के आक्रामक सलामी बल्लेबाजों की बात करते हैं, तो उसमें वीरेन्द्र सहवाग का नाम जरुर आता है। यह खिलाड़ी जब भारतीय टीम में आया था तो पहले नंबर 6 पर बल्लेबाजी करता था, लेकिन सहवाग को उस नंबर पर खेलते हुए ज्यादा सफलता नहीं मिली। जिसके बाद Sourav Ganguly ने खुद को हटा कर वीरेन्द्र सहवाग को भारतीय टीम का सलामी बल्लेबाज बनाया।
इस वाक्ये के बाद जो हुआ उसका गवाह तो पूरा विश्व क्रिकेट ही है। वीरेन्द्र सहवाग ने सलामी बल्लेबाजी का पूरा परिदृश्य ही बदल दिया। वीरेन्द्र सहवाग ने भारतीय टीम के लिए 104 टेस्ट में 49.34 की औसत से 8586 रन बनाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने 251 एकदिवसीय मैच खेलकर 35.06 की औसत से 8273 रन बनाए। अपनी आक्रमक छवि के लिए पहचाने जाने वाले सहवाग का एकदिवसीय क्रिकेट में स्ट्राइक रेट 104.34 का रहा।
4. जहीर खान (Zaheer Khan)
भारतीय क्रिकेट दिग्गज तेज गेंदबाज जहीर खान की सफलता के पीछे भी पूर्व कप्तान Sourav Ganguly का ही हाथ रहा था। जहीर खान को टीम में उस समय मौका मिला जब भारतीय टीम के पास जवागल श्रीनाथ और वेंकटेश प्रसाद जैसे गेंदबाज मौजूद थे। उस समय अजित अगरकर और आशीष नेहरा भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बस आए ही थे। लेकिन, जहीर खान की यॉर्कर गेंदों के बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं होता था।
गांगुली ने ना सिर्फ जहीर खान को टीम में मौका दिया बल्कि उनके खराब प्रदर्शन के बाद भी टीम में बरकरार रखा। जिसके कारण यह तेज गेंदबाज सफलता के शिखर तक पहुंच पाया। जहीर खान ने भारतीय टीम के लिए 92 टेस्ट में 32.95 की औसत से 311 विकेट और 200 एकदिवसीय मैच खेलकर 29.44 की औसत और 4.93 की इकॉनमी के साथ 282 विकेट लिए हैं। जहीर खान ने भारतीय टीम को 2011 विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाई थी।
5. हरभजन सिंह (Harbhajan Singh)
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह के करियर में कई बार पूर्व कप्तान Sourav Ganguly ने उन्हें टीम से बाहर होने से बचाया और हर बार भरोसा जताकर टीम में बनाए रखा। आज हरभजन सिंह की गिनती विश्व क्रिकेट के दिग्गज Sourav Ganguly ने चट्टान की तरह खड़े होकर हरभजन सिंह का साथ दिया और इस विवाद पर पूरी टीम को एकजुट किया था।
सौरव के साथ के कारण ही बाद में हरभजन सिंह पर बड़ी कार्यवाही नहीं हुई। इस खिलाड़ी ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में 103 मैच खेले जिसमें 32.46 की औसत से 417 विकेट चटकाए। इसके साथ ही एकदिवसीय क्रिकेट में 236 मैचों में 33.36 की औसत से 269 विकेट और टी20 मैचों में 25 विकेट उनके नाम दर्ज हैं। हरभजन सिंह इस वक्त आईपीएल में कोलकाता नाईट राइडर्स के लिए खेलते हुए नजर आते हैं।