Test Cricket: एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) देखना लोगों ने शुरू कर दिया है. बीच में टी20 क्रिकेट आने के बाद कुछ समय के लिए टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) को इतना औदा नहीं दिया जाता था. दर्शक केवल व्हाइट बॉल क्रिकेट देखना ही पसंद करते थे. मानों जैसे टेस्ट क्रिकेट का अस्तित्व मिट रहा हो. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जबसे आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप शुरू हुई है तबसे दर्शकों ने एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट का लुत्फ उठाना शुरू कर दिया. हालांकि क्या आप जानते हैं कि क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा भी टेस्ट मैच खेला गया था जोकि महज़ 62 गेंदों में पूरा हो गया था. जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना कि 5 दिन तक चलने वाला टेस्ट मैच महज़ 62 गेंदों में ही पूरा हो गया था.
62 गेंदों में समाप्त हुआ था टेस्ट मैच
टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) के इतिहास में खेला गया सबसे छोटा टेस्ट मैच 1999 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच खेला गया था. इस टेस्ट मैच की मेज़बानी वेस्टइंडीज़ कर रही थी, जिसके चलते ये मुकाबला सबीना पार्क स्टेडियम में खेला जा रहा था. जिसमें मेहमान टीम इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाज़ी करने का निर्णय किया था.
इंग्लैंड की तरफ से बल्लेबाज़ी करने आए कप्तान माइक अर्थटन और विकेटकीपर बल्लेबाज़ एलक स्टीवर्ट. वेस्टइंडीज़ उस ज़माने में अपनी गेंदबाज़ी के लिए काफी जाना जाता था. वहीं फिर वेस्टइंडीज़ की ओर से गेंदबाज़ी करने आए विश्व के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों में से एक कर्टली एंब्रोस और महान गेंदबाज़ कर्टनी वॉल्श. इन दोनों गेंदबाज़ों ने जब गेंदबाज़ी करना शुरू की तो दोनों सलामी बल्लेबाज़ बौखला गए. तेज़ गति की रफ़्तार वाली गेंदों ने दोनों ही बल्लेबाज़ों को परेशान करके रख दिया.
जानलेवा पिच की वजह से हुआ था मैच रद्द
दरअसल, सबीना पार्क स्टेडियम की पिच में उस दिन एक अलग प्रकार का उछाल था और एक अलग प्रकार की गति थी. ज़्यादा उछाल होने की वजह से गेंद सीधा बल्लेबाज़ों का शरीर पर जाकर लग रही थी. तेज़ रफ़्तार से गेंद आकर सीधा गेंद इंग्लैंड बल्लेबाज़ों के जिस्म पर लग रही थी. जिससे सलामी बल्लेबाज़ समेत अन्य खिलाड़ी भी काफी चोटिल हो गए थे. पिच काफी जानलेवा हो गई थी. इंलिश बल्लेबाज़ खूनम खून, लुहलुहान हो गए थे.
इन सब चीज़ों को ध्यान में रखते हुए ऑन फील्ड अंपायर स्टीव बकनर और श्रीनिवास वेंकटराघान ने मैच को रद्द करने का, मैच को समाप्त करने का निर्णय लिया. लेकिन जब तक अंपायर द्वारा ये निर्णय लिया गया, जब तक बहुत देर हो गई थी. इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों के जिस्म घाव के निशानों से भर गया था. वे काफी ज़्यादा चोटिल हो गए थे. ज़्यादा उछाल और अतिरिक्त तेज़ गति की गेंद सीधा आकर उनके शरीर पर लग रही थी. जिसके चलते अंपायरों ने फैसला लिया कि इस पिच पर और खेल नहीं होगा.
पिच इतनी खराब थी की 62 गेंदों में ही अंपायरों को ये डिसिशन लेना पड़ा, केवल 10.2 ओवर में ही ये मैच समाप्त हो गया था जिसमें इंग्लैंड ने कुल 3 विकेट गंवाकर 17 रन बनाए थे. बहरहाल, ऐसे में ये मैच टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) के इतिहास में सबसे छोटा मैच है.